हाल ही में पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैली में एक बड़ा वादा कर दिया है! 2024 के चुनावी रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा फोकस ‘मिशन 400 पार’ को हासिल करने पर है। यही वजह है कि पीएम मोदी लगातार पार्टी के लिए प्रचार अभियान की कमान संभाले हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने उत्तर प्रदेश के आगरा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जहां विपक्षी कांग्रेस समेत इंडी अलायंस को टारगेट किया। वहीं इस रैली में उन्होंने एक ऐसी बात का जिक्र किया जिसे लेकर नई चर्चा शुरू हो गई। पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। जिन्होंने लूटा है, उसे लौटाना होगा। प्रधानमंत्री ने इसी दौरान कहा कि सोच रहा हूं कि जब्त धन जनता में बांट दूं। जानिए पीएम मोदी के इस कमेंट की वजह क्या है? पीएम मोदी ने आगरा की रैली में कहा कि हमारा लक्ष्य यही है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबको मिले और पूरा फायदा मिले। बिना बिचौलियों के मिले, बिना रिश्वत के मिले और हकदार को अवश्य मिले। ये बीजेपी का सैचुरेशन मॉडल है। हमारा संकल्प है, जो भ्रष्टाचारी है, उनकी जांच होगी। जिन्होंने गरीबों को लूटा है, वो लूट का पैसा गरीबों को मिलेगा। मैं इस बारे में सोच रहा हूं। पीएम मोदी ने जैसे ही कहा कि मैं सोच रहा हूं भ्रष्टाचारियों से जब्त धन जनता को लौटा दूं। उनकी इस टिप्पणी के बाद 15 लाख वाली चर्चा फिर शुरू हो गई।
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दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने कई चुनावी रैलियों में कुछ ऐसा ही कमेंट किया था। उस समय कहा गया था कि जब विदेशों से काला धन वापस आएगा तो हर भारतीय के बैंक खातों में 15 लाख रुपये आएंगे।अगर वे जब्त किए गए धन से जुड़े दस्तावेज को पेश करने में विफल रहते हैं, तो जांच एजेंसी इन पैसों जब्त कर सकती है। हालांकि, सरकार या एजेंसी उसका इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। ये गवर्नमेंट ट्रेजरी में जमा होता है। जब तक ट्रायल चलता है, पूरा पैसा जमा रहता है। अगर दोष साबित हुआ तो पूरा पैसा सरकारी खजाने में चला जाता है। हालांकि, बाद में बीजेपी ने इसे जुमला करार दिया था। पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नरेंद्र मोदी का बयान एक ‘मुहावरा’ था और इसका शाब्दिक अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने इसे जुमला बताया था।
हालांकि, 2014 के चुनाव जिस तरह से 15 लाख रुपये वाली बात कही गई और फिर उसे अमित शाह ने जुमला बताया, उसका विपक्ष अब तक खिल्ली उड़ाता है। ऐसे में पीएम मोदी ने एक बार फिर कुछ-कुछ वैसी ही बात कहकर नई चर्चा छेड़ दी है। प्रधानमंत्री की आगरा रैली में की गई टिप्पणी इस ओर भी इशारा कर रही कि हो सकता है वह पहले ही किसी प्लान पर काम कर रहे हों। हो सकता है गरीबों के लिए कोई प्लान हो या फिर यूनिवर्सल इनकम स्कीम टाइप किसी योजना की बात हो।वहीं इस रैली में उन्होंने एक ऐसी बात का जिक्र किया जिसे लेकर नई चर्चा शुरू हो गई। पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। जिन्होंने लूटा है, उसे लौटाना होगा। प्रधानमंत्री ने इसी दौरान कहा कि सोच रहा हूं कि जब्त धन जनता में बांट दूं। जानिए पीएम मोदी के इस कमेंट की वजह क्या है? पीएम मोदी ने आगरा की रैली में कहा कि हमारा लक्ष्य यही है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबको मिले और पूरा फायदा मिले। बिना बिचौलियों के मिले, बिना रिश्वत के मिले और हकदार को अवश्य मिले। ये बीजेपी का सैचुरेशन मॉडल है। सरकार ये प्रचारित करे कि ये योजना भ्रष्टाचारियों से जब्त धन से चल रही है।
जांच एजेंसी पैसे जब्त करने के लिए अधिकृत है, लेकिन वह बरामद किए पैसों को अपने पास नहीं रख सकती। प्रोटोकॉल के मुताबिक, जब एजेंसी नकदी बरामद करती है, तो आरोपी को जब्त किए गए पैसों का स्रोत बताने का मौका दिया जाता है। अगर वे जब्त किए गए धन से जुड़े दस्तावेज को पेश करने में विफल रहते हैं, तो जांच एजेंसी इन पैसों जब्त कर सकती है। हालांकि, सरकार या एजेंसी उसका इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। ये गवर्नमेंट ट्रेजरी में जमा होता है। जब तक ट्रायल चलता है, पूरा पैसा जमा रहता है। अगर दोष साबित हुआ तो पूरा पैसा सरकारी खजाने में चला जाता है। अगर आरोपी बरी हुआ आरोपी तो पूरा पैसा उसे लौटा दिया जाता है।
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