The Pot Full of Wit – बुद्धि से भरा बर्तन अकबर एक बार बीरबल से क्रोधित हो गया था और उसे अपने राज्य से भगा दिया था। बीरबल ने एक दूर के गाँव की यात्रा की और एक नई पहचान बनाई और एक किसान के रूप में काम करना शुरू कर दिया। कुछ हफ़्ते के बाद, अकबर को बीरबल की याद आने लगी और इसलिए उसने अपने सैनिकों से कहा कि वह कहाँ है और उसे वापस राज्य में ले आए। सिपाहियों ने राज्य के एक छोर से दूसरे छोर तक खोजबीन की लेकिन बीरबल नहीं मिले।
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अकबर तब बीरबल को खोजने के लिए एक विचार के साथ आया। उसने पूरे राज्य में यह संदेश भेजा कि प्रत्येक गाँव के मुखिया को उसे बुद्धि से भरा घड़ा भेजना है। जो कोई भी बुद्धि से भरे घड़े को नहीं भेज सकता, वह इसके बजाय बर्तन को सोने और हीरे से भर सकता है और उसे भेज सकता है।
अकबर ने महसूस किया कि बीरबल को शहर में वापस लाने का एकमात्र तरीका चुनौती को अपने रास्ते भेजना है।
बीरबल के गाँव के लोगों ने घोषणा को बेतुका पाया और सोच रहे थे कि बर्तन को बुद्धि से कैसे भरा जाए। बीरबल ने मदद के लिए कदम बढ़ाया और राजा को वह देने का एक तरीका निकाला जो वह चाहता था। उसने एक छोटे तरबूज को उसकी बेल से अलग किए बिना बर्तन में डाल दिया। वह उसे प्रतिदिन सींचता था और इतना बड़ा करता था कि गमले की सारी जगह ले ली जाती थी।
तब बीरबल ने तरबूज को बेल से अलग किया और बर्तन को राजा के पास भेज दिया। बर्तन के साथ जो निर्देश भेजा गया था, उसमें लिखा था, “यदि आप तरबूज को काटे बिना सावधानी से हटा दें तो आप बर्तन में बुद्धि पा सकते हैं।” अकबर ने महसूस किया कि केवल बीरबल ही बर्तन भेज सकता था। उन्होंने स्वयं खुदको बीरबल के साथ और क्या वो गांव की यात्रा पूरी करके राजधानी में एक साथ लौट आए!
Moral: कठिन से कठिन प्रश्नों का उत्तर भी चतुराई से दिया जा सकता है यदि आप कठिन सोचते हैं।
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