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पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 5

पिछले भाग मेरी पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-4 में आपने पढ़ा:

वह अंकल को बड़ी हसरत भरी नजर से देखे जा रही थी।  हां तो दोस्तों फिर वह लोग बाथरूम से निकल कर अंकल ने उससे अपने गोद में उठाकर उसे किस किया । और ले आकर बेड पर लिटाया आप सोच सकते हैं कि जो लड़की कुछ देर पहले जिस व्यक्ति से नफरत करती थी और जो इतना नहीं चाहती थी शादी से पहले कच्ची कली थी वह दो बार चुद चुकी थी । एक बार आधे अधूरे मन से और दूसरी बार पुरे मनसे और यह अंकल हवस का पुजारी उसे निचोड़ चुका था।  वह उसे और नहीं छोड़ना चाहता था . लेकिन लड़की पूर्णरूपेण थक गई थी और उसके शरीर में जान तक नहीं  बाकी था ।  और थक भी गई थी अंकल भी थक गए थे तो फिर से अंकल ने जो खाना लाया था जो बचा हुआ था उसमें से कुछ एनर्जी ड्रिंक उसे दिया ।  उसके बाद दोनों ने खाना खाया और सो गए चुदाई का स्वाद अब उसे भी लग गया था । एक तो वह अपनी  सहेली से उसकी चुदाई की कहानियां सुनकर पहले से उत्तेजित हो जाती थी । किसी तरह अपने मन मन में उठ रही चुदाई की भावनाओं को दबा कर रखी हुई थी ।

हमेशा से वह सोच रही थी कि जब चुदाई होगी तो भरपुर करूंगी तो भरपूर करूंगी।  अब तो इसकी चुदाई की ललक खुल चुकी थी । इसे भी भरपुर मजा अब आने लगा था ।  लेकिन इसके भी शरीर में अभी जान नहीं था। तो  करती भी क्या !  फिर दोनों एक दूसरे से आलिंगन करते हुए सो गए सुबह दोनों की नींद टूटी ।  रात में दोनों को बहुत अच्छी नींद आई थी नींद टूटने के बाद उस लड़की के मन में अब चुकी कल वाली थकान मिट चुकी थी ।  फिर से उसके बुर में हलचल होने लगी अंकल को नंगा देखकर।  सुबह-सुबह तो जानते ही हैं कि लंड खड़ा होता है ! उसका भी सुबह-सुबह चुची खड़ा था । और बड़ी ही नशीली आंखों से वह अंकल को देख रही थी।  अंकल भी बड़ी हवस भरी नजरों से उसे देख रहे थे । अंकल ने उसकी चूची पर हल्का सा किस किया दोनों चूची पर फिर उसकी आंखों में देखने लगे । वह भी अंकल का लंड हाथ में ले ली और धीरे-धीरे सहलाने लगी।  अब उसे लंड छुने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी खासकर बाथरूम में चुदाई के बाद और उसके बाद । बेशर्म होते हुए भी बोली   “”सिर्फ चुम्मी लेकर क्यों छोड़ दिए चूची को ,  चुस लीजिए ना सिर्फ चुम्मा लेकर क्यों छोड़ रहे हैं ।अब तो आप इस शरीर के हर जगह का पता जान चुके हैं और आपको मैं समर्पित कर चुकी हूं। “”

उसके बाद अंकल उसके होठों पर एक लंबी किश किये । और दोनों एक दूसरे से फिर चिपक गए उसकी चूची इसके छाती से लग रही थी दोनो ईक दुसरे के गले में हाथ डाले हुए थे । और किस कर रहे थे। अंकल उसके शरीर को मसल रहे थे एक बार फिर वह बेशर्म होते हुए बोली ”  मैं आपसे नफरत करती थी देखिए 1 दिन भी नहीं हुए मैं जिस आग में इतने दिन से जल रही थी और संभाली हुई थी उतना ही चुदने के लिए आपसे आतुर हूं आपको यह जबरदस्ती करनी ही थी तो 2 दिन पहले क्यों नहीं की हमें 2 दिन क्यों गवा दिय। “”बोलते जा रही थी ”  मैंने अपने इस आग  को इतने दिनों से संभाले हुए रखा था । की किसी का सेक्स के लिए मुझे नहीं पता था कि इस आग को शांत करने वाले और भड़काने वाले आप होंगे ” । ” कि आप मुझे इतना मजा देंगे अब आप इस आग को भड़का दिए हैं तो आप ही को शांत करना पड़ेगा । अब मैं आपकी हर बात माना करूंगी ।” अंकल इस दरमियान उसकी चूची को चूस रहे थे।  और बुर को सहला रहे थे और वह अंकल के लंड को धीरे धीरे सहला रही थी।  और अंकल के माथे पर हाथ फेरते हुए बात कर रही थी । अंकल अब फिर उसकी चूची को जोर जोर से चूसे जा रही थे वह बीच में आआआआहहहहहह………  उउममममममम…………हो उउममममममम  ………ईईईईईसससससस ………. कर रही थी  । 

उसके बाद वह बोली की आप मेरी सील पैक चूत को  सील भेदन किए हैं तो क्या बिना गिफ्ट के ही । उसके बाद अंकल उसके चूची से होंठ हटाते हुए बोले “तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए बोलो !  शाम को आऊंगा बाजार चलेंगे तुम्हें जो चाहिए ले लेना” उसके बाद अंकल मजाक ही मजाक में बोले तुम तो दो बार की चुदाई में ही इतनी अभ्यस्त गई हो की 2- 3 लंड एक साथ में खा जाओगी तो भी तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।  इस पर वह भी जोश में बोली अब मैं आपकी हो चुकी हूं।  आप मुझे ऐसे तो छोड़ने वाले हैं नहीं तो आप आप अकेले खाएं या मिलकर खाएं । सहेलियों के द्वारा चुदाई की कहानी सुन सुनकर मैं बहुत उत्तेजित हो जाती थी और अपने उस उत्तेजना को बहुत हद तक संभाल के रखी थी । मुझे नहीं पता था कि यह अगर टूटेगा तो इस तरह टूटेगा मगर सच में बहुत आनंददायक अनुभव है। उसके बाद  बोली की “सुना है सुबह का चूदाई चुदाई बहुत अच्छा होता है ??”      अंकल बोले “” सुनी सुनाई बातों पर विश्वास क्यों करना जब मौका है तो चूद कर देख लो आनंद आता है कि नहीं ” । और एक उसके एक निप्पल को दो अंगुली के बीच थाम लिए और हल्का सा खींचती है।  उसे मीठा सा दर्द हुआ लेकिन अच्छा भी लगा । उसी तरह दूसरे निप्पल के साथ भी किए । वह इससे और मदहोश हो गई । अब अंकल उसके होंठ को अपने हाथों से बड़ी ही नशीली अंदाज में छू रहे थे ।

उसके बाद धीरे-धीरे नीचे आते हुए उसके पेट पर किस कर रहे थे । उसके शरीर से एक बहुत ही मादक सुगंध आ रही थी जो अंकल को मदहोश कर रही थी ।  सुबह का वह सुगंध और ज्यादा उसे पागल कर रही थी। वह तो जैसे किसी सपने में खोई हुई थी उसके बाद धीरे-धीरे अंकल नीचे आए और साफ हो चुकी उसकी चिकनी बुर पर अंगूठा लेकर हल्का सा रगड़े ।  वह फिर से उचक गई । जैसे मानो कोई बरसों की प्यासी हो और एकाएक उसे जल की धारा मिल गई हो वह अपने शरीर को ऊपर उठा रही थी ताकि अंकल उसकी कामुकता को और पहचाने और देखें की वह अब अंकल के लिए कितना बेकरार है । और अंकल उसे जितना ज्यादा चोदेंगे उसके लिए एक कम है । सेक्स में इस तरह की बेकरारी उसे क्यों हो रही थी यह उसे भी समझ नहीं आ रही थी। लेकिन जो भी हो रहा था उसका वह अब भरपूर आनंद ले रही थी । अब अंकल उसके बुर के दोनों भागों को हटाकर उस पर एक हल्का सा किस दिए । और उसकी गीली बुर में जो पानी था उसे अपने जीभ से चाटने लगे ।

इस बार चाटने का अंदाज़ कुछ अलग था बहुत ही पागलों की तरह अंकल चाट रहे थे । अंकल के नाक में उसके बुर के सुबह का पानी लग गया था।  और पूरा होंठ पर भी लग गया था वह तो मानो पागल होते जा रहे थे । वह अपना अंगूठा अपने मुंह में लेकर चूस रही थी फिर उसे याद आया  कि अंकल का लंड भी चुसा  जा सकता है  । क्योंकि बाथरूम में वह लंड चूसना शुरू कर चुकी थी   और उस पर  तो सेक्स का फिर से खुमार चढ़ चुका था।  तो अंकल को बोली मुझे अपना लंड तो चूसने दीजिए ।अंकल धीरे-धीरे इस तरह पोजीसन ले ली है कि अंकल का लंड उसके मुंह में आ गया और वह लैंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।  वह तीसरी बार लंड चूस रही थी पहली बार में तो वह सिर्फ किसी तरह करके आधा लंड अपने मुंह में ली थी । शुरू शुरू में उसे अच्छा नहीं लगा था लेकिन बाद में उसे अच्छा लगने लगा था।  दूसरी बार जब स्नान कर रही थी तो उस वक्त चुदाई के आवेग में इतना पागल हो गई थी   वहां पर भी कि उसे ख्याल नहीं रहा कि जिस लंड को वह थोड़ी देर पहले लेने से मना कर रही थी । उसे वह पूरा मुंह में लेकर चूस रही थी जैसे कोई चॉकलेट हो । और तीसरी बार अभी अभी भी वह लंड को चूस रही थी । हवस भरी दृष्टि से और इस बार तो सुबह के कुछ लंड पर प्रीकम भी था लेकिन उसे इस बात का भी कोई फर्क नहीं पड़ा । वह लंड मुंह में लेकर चूसने लगी कभी लंड का सुपारा चुस्ती तो कभी लंड को पूरा अपने मुंह में भर लेती पूरा गले तक लेती ।
जब उसे खांसी आता तो निकाल दे अंकल भी उसके चूत को बड़ी ही हवस भरी उत्सुकता बस से चूस रहे थे जैसे मानो की दूसरी बार और चूत का दर्शन ही नहीं होगा । और हो भी क्यों ना चूत जो नई थी तो चूसने में भी उसे बहुत मजा आ रहा उसके बाद  अंकल इतनी तेजी से चूत को चुसा की थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया । अब वह तो सोच रहे थे कि इस बार वह बाजी मारेगी वह भी पूरे जोर से अंकल के लंड को चूस रहे थी।

सोच रहे थे कि इस बार उससे पहले इसके लंड का पानी छुड़ाना है लेकिन अंकल तो बहुत खिलाड़ी आदमी था वह शायद इसकी चाल को समझ गया था । जैसे इसका पानी निकला फिर से वह निढाल हो गई। लेकिन अंकल पूरा जोश में था उसका लंड अभी भी टाइट था । ऊपर से अब वह चुसना छोड़ देती है अंकल पूरे जोश से उसकी चूत को चाट रहा था  अभी भी । इसी बीच अंकल ने एक उंगली जाकर उसके गार के पीछे में दे दिया । उसे थोड़ा सा दर्द हुआ और अंकल को बोलि क्या कर रहे हैं ? आप ? और बोली उसके बाद अंकल बोला इसका भी तो नंबर आएगा ?? तो बोलि ” अभी नहीं अभी पहले चूत को शांत कीजिए”  अब धीरे-धीरे वह भी हलचल करने लगी थी । उसके बाद बोल रही थी अब चोद दीजिए ।  कितना पानी पीजिएगा मेरा ?  अंकल भी अब जोश में आ गए थे एक तो सुबह का टाइम ऊपर से एक बार उसके बुर्का पानी का स्वाद चख चुके थे । अब वह उठे और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगे । वह तो पूरा तड़प रही थी और बोल रही थी जल्दी अंदर डालिए ना और अंकल का दोनों हाथ अपनी चूची पर रखवाली । बोली जोर से दबाइए । उस में बहुत फर्क आ गया था बहुत कम समय में अब उसे जो चाहिए था वह खुद अंकल को बोल रही थी । और अंकल को भी अच्छा लग रहा था अंकल सोच रहे थे कि हो सकता है या जुदाई होगा लेकिन अब तो वह खुद आगे बढ़कर चुदाई की पहल कर रही है । और जुदाई में की गई क्रियाओं का भी जो उसे अच्छा लग रहा है । अंकल के मुंह में उसके बुर का  पानी अभी भी लगा हुआ था । और अंकल उसके बुर पर अपना लंड को रखने जा रहे थे पानी पानी हो गया बुर लंड मांग रहा था।  अंकल थे उसे और तड़पा रहे थे। उसके बाद बिनती भरे नजर से अंकल को बोलि प्लीज अंदर डाल दीजिए !बहुत तड़पाते हैं आप ! कभी तो कम तड़पाए हालांकि बूर तो अभी भी टाइट थी।  लेकिन इस बार उसके होंठ पर अपने वोट नहीं रखे । अब उसकी आवाज सुनना चाहते थे देखना चाहते थे उसके चेहरे पर क्या भाव होता है लैंड के जाते वक्त।  

उसकी बुर में जैसे ही लंड अंदर जा रहा था उसके चेहरे का हाव को बदलने लगा चु। की देखा जाए तो या उसके मात्र 3री ही चुदाई थी । तो वो अभी भी बहुत टाइट थी।  लेकिन पिछले दो बार का जो अनुभव था उसे उस आधार पर हुआ अपने आप को संभाल कर रखें थी । लेकिन उसके चेहरे पर अभी भी दर्द का भाव देखा जा रहा था अंकल उसे पढ़ भी रहे थे   और मजा ले रहे थे आधा जाने पर अंकल रुक गए  ।  तो अपनी आंखें खोली और अंकल से सवाल भरी नजरों से पूछने लगी “क्या हुआ रुक क्यों गए ?””अंकल ने कहा ” पहली बार तुम्हारे चेहरे को देख रहा हूं जब लंड अंदर जा रहा है , तो तुम्हारे चेहरे का क्या भाव है तुम्हें दर्द हो रहा था” तो वह  भी एक ताना मारते हुए बोली ” इतना ही ख्याल आ रहा था तो कल तो ख्याल नहीं किए । और अब जब 2 बार चुद चुके हैं तो अब ख्याल कर रहे हैं । डालिए ना अंदर  ” अब अंकल उसके चूची को जोर से दबा रहे थे वह भी अपनी कमर को ऊपर उठा रही थी। इस बार अंकल एक जोर का धक्का दिया और बचा हुआ आधा लंड उसकी बुर को चीरता हुआ अंदर तक चला गया ।  और अंकल उसके चेहरे को देख रहे थे । उसके चेहरे पर अब ज्यादा दर्द हो रहा था   एक बार फिर से उसकी आंखों में आंसू आ गए थे । लेकिन इस बार वह अंकल को ना तो रुकने के लिए बोल रही थी अब हालांकि लंड पूरा जा चुका था।  और ना ही धकेल रही थी कि लंड निकल जाए वह दर्द के साथ उस पल का आनंद ले रही थी। अंकल बड़ी है आनंद पूर्ण तरीके से उसके चेहरे को देखे जा रहे थे अब धीरे-धीरे अंकल उसके चेहरे की ओर झुके और उसके आंसुओं को अपने जीभ से पूछते हुए उसके होठों पर रख दिए । और उसे किस करने लगे और फिर अपना होंठ हटा लिए। लेकिन इस बीच चूची को भरपूर दबा रहे थे और कभी-कभी चुस भी रहे थे और कभी-कभी चूची को अपने दोनों अंगुलियों से भीच भी रहे थे । जिससे उसका भी उसे आनंदपुर दर्द का एहसास होता था और वह आवाज निकाल देती  थी ।

अब अंकल धीरे-धीरे धक्का लगाना चालू किए थे लेकिन अभी भी उसे दर्द हो रहा था।  अंकल उसके दर्द को अच्छे से महसूस कर रहे थे उसके चेहरे पर।  चेहरे को देखकर।  क्योंकि पिछली दो चुदाई में अंकल का होंठ उसके उसके ऊपर था । तो सिर्फ कभी-कभी वह उसकी आंखों से ही उसके दर्द का एहसास कर रहे थे।  लेकिन अब वह चेहरे को देख कर उसके दर्द का एहसास कर रहे थे ।  और अंकल को भी इसमें बहुत मजा आ रहा था और अंकल संतुष्ट भी हो रहे थे।  कि अब या विरोध नहीं कर रही है बल्कि साथ दे रही है । और दर्द भरे चेहरे के साथ दर्द भरी आवाज निकलती थी थोड़ा और जोर से चोदिए अंकल !  और मचल जाती और थोड़ा स सा बाहर खींचकर   फिर धक्का लगाने लगते।  चुदाई के आनंद में तो दोनों गोते लगा रहे थे। लेकिन अंकल का चुदाई हवस की चुदाई थी अभी भी ।  और उस लड़की की चुदाई आनंदपुर थी।  वह इसका आनंद ले रही थी धीरे-धीरे धक्का मारने के बाद अब उसे भी पूर्णरूपेण आनंद आ रहा था । अब वह धीरे-धीरे अपने चेहरे पर दर्द के भाव को हटाना ही उचित समझा । और इस दर्द का भाव और आनंद के भाव में बदल गया और अब इस पल का पूर्णरूपेण इंजॉय कर रही थी। जैसे मानो उसे सब कुछ मिल गया हो और उसके मन में भी अब ख्याली पुलाव पक रहे थे।  कि वह भी अब अपनी सहेलियों से अपनी चुदाई की दास्तान इठलाकर  करेगी । जो सहेलियां हमेशा इसे ताना मारती थी कि तुम अपने बुर को संभाल के रखी हुई हो क्या पता तुमको जो चोदेगा वह कहीं और मजे ले रहा होगा । और तुम्हें बाद में एहसास हो कि तुमने तो मजे लिए ही नहीं । यह सोचते सोचते वह मुस्कुरा रही थी । इसी बीच अंकल ने फिर से अपने लंड को बाहर निकल और एक जोर का धक्का दिया। फिर से उसके चेहरे पर मुस्कुराहट का भाव दर्द के भाव में बदल गया लेकिन अब इस दर्द के भाव में आनंद ज्यादा था । आनंदपुर आवाज ज्यादा था अंकल उस की जोरदार चुदाई कर रहे थे।  इस बीच फिर से वह दो बार पानी पानी हुई । जब भी वह पानी पानी होती और निढाल हो जाती है । 

 तो अंकल फिर से जोर के धक्के के साथ चुदाई स्टार्ट कर देते थे । चुदाई में बहुत माहिर  वह व्यक्ति था और हल्के हल्के धाक्को के साथ कभी जोड़ जोड़ के धाक्के के साथ वह चुदाई करता । जब जिस तरह की जरूरत होती और इस प्रकार उसे भी आनंद आ रहा था। उसके चेहरे पर इस बात की भी खुशी थी कि चलो पहली बार ही चुदाई हुई तो अच्छे से हुई ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ ।जैसा कि वह अपनी सहेली से सुनी थी और वह इस पल का संपूर्ण आनंद ले रहे थ। और लड़की तो कुछ ज्यादा ही आनंद ले रही थी अंकल भी उसे बेटी बेटी कह  कर चूत में पूरा लंड पेल रहे थे।  कभी  इसमें पूरा लंड निकाल लेते तो एक गप्प की आवाज आती क्योंकि उसकी चूत अभी भी बहुत टाइट थी । और फिर से जोर से पेल देते थे। वह भी  अंकल की आंखों में देखते हुए बड़े आनंदपुर आवाज निकालती थी आआआआआहहहहहहहह ओओओओहहहहहह्ह्ह्ह्ह उउउउउम्म्म्म्म्म    और अपनी चूची पर अंकल के हाथों के दबाव को भी महसूस करती थी । और उसे भी इंजॉय करती थी लड़की को देखकर मानो ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह चुदाई के लिए इतनी डर रही थी। और इस अंकल से चुदना  नहीं चाह रही थी । मानो अभी के हालात को देखकर तो यही लग रहा था कि अंकल ही उसके लिए सब कुछ है । और अंकल भी बड़ी तन्मयता से उसकी चुदाई कर रहे थे । अंकल भी एक कच्ची कली पाकर पूर्णरूपेण संतोष थे। सुबह-सुबह चुदाई तो और मजेदार होती ही है ।उसे बीच में पूछते भी तुम्हें मजा आ रहा है कि नहीं ? तो वह इठलाते हुए जवाब देती खुशी से चोदने में किसे नहीं मजा आएगी । आपका लंड तो बंद कमरे में अब मुझे औरत

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