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पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई- 4

पिछले भाग मेरी पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई-3 में आपने पढ़ा:

इसीलिए वह भी उसके प्रत्युत्तर में उस आदमी को जिसे हुआ कुछ देर पहले तक नापसंद करती थी  । और 2 दिन से जिस से बच रही थी उसे प्यार दे रही थी । ताकि उसे अब एहसास ना हो किसी तरह की की अब उसे किसी तरह से ना पसंद नहीं करती है । उसके बाद अंकल ने कहा कि अब तेरी चूत के बाल साफ कर देता हूं । तो इस पर वह बड़े प्यार से बोली आपकी चूत है आपको लेना है आपको जैसा पसंद है आप रखिए मैं आपको मना थोड़ी कर रही हूं । उसके बाद अंकल ने उसके चूत को गर्म पानी से पहले  अच्छे से धो दिया ।  उसके बाद एक चुम्मा लिया और जीभ से ।सहलाने लगे इस आक्रमण के लिए वह तैयार नहीं थी लेकिन उसे आनंद भी आ रहा था।  फिर से अंकल को बोलने लगी आप कितने अच्छे हैं मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अंकल को उसकी चूत चूसते मजा आ रहा था बहुत जोर से उसकी चूत को चुस रहे थे जो कि उन दोनों के सोने के उठने से पहले या कामुक प्रक्रिया फिर से चालू हो गई थी।  वह फिर से गर्म भी हो गई थी ।

और थोड़ी देर उसकी चूत की चुसाई होने के बाद ही   जैसे ही वह गिरने को हुई तो अंकल ने उसे संभाला । और उससे बाथ टब   के किनारे पर बैठाया । अंकल खड़े होकर उसे हग करने लगे इस पर वह भी  अंकल से लिपट गई । लेकिन अब अंकल का लंड खड़ा था और उसकी चूची के ऊपर गले से लग रहा था । तो  अंकल के मन में प्लान आया यही मौका है इसे लंड की चुसाई करने के लिए बोलते हैं ।थोड़ी दे उसी स्थिति में जाने के बाद । जब अंकल का लैंड उसके गले से और लगने लगा और उसे भी एहसास होने लगा कि अंकल का लंड पूरा टाइट हो गया है । तो पहली बार वह लंड को अपने हाथ में लिया संकोच करते हुए ।क्योंकि बिस्तर पर भी जब उसकी चुदाई हुई थी तो अंकल ने उसे सिर्फ और सिर्फ उस पर ध्यान दिया।  अपने अंगों को सिर्फ उसके बुर  से स्पर्श करवाया था अपने लंड को। जब साहला रही थी   , अपने हाथों से लंड को थो और ज्यादा टाइट हो गया और उसे सलामी देने लगा । वह लंड को बड़े ही आश्चर्य भाव से देखने लगी अंकल भी उसे देख रहे थे।   अब इसलिए ऐसा हो गया था कि लंड उसके मुंह के सामने था। वह उसे साहला रही थी तो अंकल ने अपना लंड थोड़ा आगे किया ताकि उसके मुंह में सट जाए। लेकिन वह को थोड़ा सा पीछे हटी , अंकल उसे हवस भरी नजर से देखते हुए,  होठो पर जीभ फिराते हुए बोले, इसे किस करना चाहोगी ” तो वह बोली “पता नहीं इसका स्वाद कैसा होगा लेकिन दोस्तों से मैंने सुना है की इसको चूसने में बहुत आनंद आता है लेकिन इसके मुंह में कैसे लेते हैं ।  “”
               

तो अंकल को यह सुनकर राहत हुई , की चलो मानसिक रूप से कुछ तैयार है । तो अंकल उसके  होठो पर मदहोशी मे अपनी अगुठा फिराते हुए  बोले !  ” जैसे मैं तुम्हारी चूत को मुंह में लेकर चुसता हूं ,और तुम्हें आनंद आता है । अगर तुम चाहती हो कि मुझे भी आनंद आए और ज्यादा , तो तुम इसे अपने मुंह में ले सकती हो शुरुआत तुम इसे चुंबन देकर कर सकती हो । धीरे-धीरे मुंह में ले सकती हो “”। इस पर फिर वह  बोलि  ”  मुझे अच्छा नहीं लगता है”      तो अंकल बोले “कोशिश तो करो सिर्फ सोचो कि यह एक लॉलीपॉप है जो बचपन में तुम चुस्ती थी ।  धीरे-धीरे से मुंह में लो “। अब क्योंकि यह सेक्स का  खेल इतना आगे जा चुका था कि वह मानसिक रूप से कुछ भी करने को तैयार हो गई  थी।   धीरे-धीरे अपने मुंह को लंड के ऊपरी हिस्से पर ले जाकर आंख मूंदकर चुंबन दिया । जैसे वह आंख मूंद रही थी अंकल ने देख लिया और अंकल  थोड़ा सा धक्का दिया  तो टोपे  साथ-साथ थोड़ा सा लंड उसके मुंह में चला गया । उसे अजीव लगा उसे थोड़ा सा अजीब महसूस हुआ ।इससे  अपना मुंह तेजी से हटा ली   । 

अंकल ने पूछा  ” क्या हुआ अच्छा नहीं लगा”? तो ” हा बोली !  थोड़ा सा अजीब लग रहा है ” लेकिन उसके चेहरे को देखकर लग रहा था कि अंकल को खुश करने के लिए वह भी इसे मुंह में लेना चाहती थी । इसके बाद अंकल ने बोला ” एक बार और ट्राई करो थोड़ा सा अंदर तक लो और थोड़ा देर तक रखो  “। वह अंकल की बात को मानते हुए थोड़ा सा लंड अपने मुंह में ले ले रुक गई ।      अंकल ने बोला की ” उसके ऊपर अपना जीभ  लगाओ तो ” उसके ऊपर जीभ लगाने लगी  लेकिन फिर निकाल दिया फिर पूछा कि ” कैसा लगा ” ?     इस बार वह बोली ” थोड़ा अच्छा तो लगा लेकिन फिर थोड़ा अजीब लगा ” फिर अंकल ने वोला   ”  ज्यादा मन में मत सोचो जैसे होंठ को किस  करती हो ! तो वोट भी एक स्किन है ,उसी तरह लंड भी है ” । उसी सोच के साथ इस बात से वह थोड़ा ज्यादा सहमत हो गई। मानसिक रूप से तो वह थोड़ी बहुत पहले से तैयार थी ।  और इस बात के लिए अंकल ने मन ही मन उसके सहेलियों को धन्यवाद कर रहे थे । और बाद में इस बात के लिए उसे बोला भी कि मुझे तुम्हारे  दोस्तों का बहुत धन्यवाद करना चाहिए ।क्योंकि उसने मेरा बहुत काम आसान कर दिया तुम्हारे प्रति । और इस बार हुआ लंड को फिर से चुंबन लिया और मुंह में ले ली और धीरे-धीरे सहमति असहमति के साथ संकोच करते हुए लंड को चूसने लगी । अंकल भी समझ रहे थे कि पहली बार में या जैसा भी जो भी उसके लिए इसे बधाई देना है ।  मुझे भी इंजॉय करना है और इस बार वहां अंकल के लंड को थोड़ा देर तक चुशी ।
 

अंकल ने भी कोई जबरदस्ती नहीं किया क्योंकि जो कम प्यार से हो रहा हो वहां पर जबरदस्ती करने की क्या जरूरत है । और अंकल is इस लंड चुसाई का बड़े प्यार से आनंद ले रहे थे और अंकल उसके सर को सहलाने लगे।  हालांकि वहां अंकल का पूरा लंड मुंह में नहीं ली थी आधा ही ली थी लेकिन फिर भी अंकल खुश थे । थोड़ी देर चूसने के बाद अंकल आनंद के गोते लगा रहे थे । तो वह लंड को मुंह से निकाले और अंकल की और बड़ी नशीली आंखों से देखते हुए बोली कैसा लग रहा है अंकल ,? आप खुश है ना ? अंकल ने उसे उठाया और उसके होठों पर चुंबन कर दिया वह भी देखा उसी की तरह जोर जोर से चूमने लगी।  अंकल उसके बूब्स को एक हाथ से दबा रहे थे । और एक हाथ से पूरा उसे टाइट किए हुए थे । अपने आप से वह भूल गए थे कि वह बाथरूम में अपना बुर के  बाल बनाने के लिए आए हैं । दोनों एक दूसरे को किस किए जा रहे थे ऐसे लग रहा हूं मानो दोनों की आंग फिर से भड़क गई हो।  दोनों की हाइट एक समान ही थे तो कोई दिक्कत भी नहीं हो रही थी इस बार के चुंबन में दोनों एक दूसरे से हार मानने को तैयार नहीं थे । इस बार के चुम्बन में दोनों की सहमति थी।
                     

वह  अंकल के होठों का रसपान बहुत ही मजे से कर रही थी और वह भी इस आनंद पूर्ण क्षण में पूर्णरूपेण खो गई थी । और अंकल को भी मजा आ रहा था कि एक कच्ची कली मिल गई है जिसको चोद चोद के उन्हें जवान करना है ।और पूरा फूल बनाना है । अब अंकल उसके होंठ को चूसते चूसते उसके चुचे पर आ गए और चूची को चूसने लगे इस बार जोर जोर से चूजे को चूस रहे थे ।  

वह भी इस दबाव को महसूस कर रही थी । और आनंद पूर्ण आवाज निकाल रही थी आआआहहहह  ओओओओहहहहहहओओओओहहहहहहओओओओओओहहहआआआआआआआहहहहआआआआआआआहहहहउउआआआआआआआहहहहउउउउउउआआआआआआआहहहहउउउउउउउउहहहहहआआआआआआआहहहहउउउउउउउउहहहहहम      और सोच रही थी कि अब से चुदाई का भरपूर आनंद लेना है और अपनी सहेलियों से बिल्कुल पीछे नहीं रहना है ।  जब चूत में एक बार लैंड चल ही  गया शादी से पहले तो अब जाने देते हैं । अंकल उसके चूची को चूसे जा रहे थे और बारी बारी से एक चूची को चूसते  थे दूसरे को दबाते थे । वह भी अंकल के माथे पर अपना हाथ रखती थी    धीरे-धीरे अंकल शावर के नीचे ले आए और पानी चला दिए । पानी का वुद जैसे उसके बदन को छुआ मनो ऐसे लगा हो जैसे किसी गर्म की हुई लोहे पर पानी पड़े हो । वाह और आनंदपुर सिसकारियां निकालने लगे !हहहहमममणमणमम ओओओओओओहहहहहह ऑऑऑऑममममममम  और अंकल फिर उसे अब किस करने लगे और जैसे ही इस बार अंकल उसे किस किए उसने अंकल का हाथ ले जाकर अपने बुर पर रख दिया । अंकल समझ गए किसके बुर में फिर से सनसनाहट चालू हो गई है । लेकिन वह चाह रहे थे इसके बुर में लंड इसकी बुर की सफाई के बाद डालूंगा। इस बार थोड़ा देर किस करने के बाद अंकल बोले तुम्हारे बुर के  बाल अब बनाता हूं ।
                         

अब वो खुलकर बोली पहले एक बार चोद दीजिए ना ।  अंकल को बहुत खुशी हुई कि चलो अब लड़की खुल गई । आखिर खुलेगी क्यों ना किसी लड़की को इतना गर्म करने के बाद आप बोलें इतनी देर बाद इसकी चुदाई होगी तो उसकी क्या हालत होगी ।  यहां पर सिर्फ लड़कियां ही समझ सकती हैं अंकल बोले बुर को चिकनी कर देते हैं । वह बोली  चोदिये ना अंकल !!  उसे किस करते हुए समझाने लगे ।  लेकिन उसके बुर में आग लगी हुई थी थोड़ी देर किस करने के बाद वह तुरंत नीचे बैठ गई । और अंकल की लंड को इस बार और चूसने लगी उसे यह भी होश नहीं रहा कि कुछ देर पहले जिस लंड को वह मुंह में लेने से बच रही थी   वह आप पूर्णरूपेण लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही है । अंकल जी से बदहवास हो गए अंकल समझ गए ऐसे नहीं मानेगी या कम से कम इस का पानी निकाल दिया जाए।
 “अंकल बाथरूम के फर्श पर ही उसको लिटा दिए और वह कल का लैंड चुस्ती रही और अंकल उसके बुर को चूस रहे थे । और अंकल चूसे जा रहे थे जोर-जोर से जोर जोर से वह भी पूरे जोर से अंकल के लंड को मुंह में अंदर बार कर रही थी । जैसे अब लग रहा हूं कि उसे यह लंड बहुत अच्छा लग रहा है।
               

 इसका वह आनंद ले रही थी अंकल भी थमने का नाम नहीं ले रहे थे लेकिन या लंड इतना जोर से चूस रही थी।  कि अंकल को  लग रहा था कि उसके मुंह में झड़ जाएंगे। पर अंकल नहीं चाहते थे कि अनायास ही उसके मुंह में जरा जाए ।  क्योंकि उसे उल्टी आ सकती थी उसे लेकिन वह इतना जोर से चूस लेती कि अंकल के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था । अंकल भी उसके चूत को चूस रहे थे लेकिन संजोग से ऐसा हुआ कि अंकल उसके चूत को और ज्यादा जोर से चूस रहे थे ।  और चूसते चूसते जीभ से पूरा चूसते चूसते उसके दोनों पैरों को अलग करके। और जोर से चूस थे इसी बीच बदहवास होकर उस उस का पानी निकल गया । और वह बेसुध पर गई अब धीरे-धीरे वह अंकन के लंड को और चूसना बंद कि।  अगर थोड़ी देर और चुस्ती तो हम अंकल का पानी भी उसके मुंह में निकल जाता ।  वह बाथरूम के फर्श पर बेहोशी की हालत में पड़ी रही।
             

अंकल उसके मुंह से निकला हुआ पानी का एक एक बूंद चाट कर साफ किया । अंकल सोचे इसके बुर को चिकनी कर देते हैं नहीं तो मुश्किल हो जाएगी आगे बुर को साफ करना।  तू वह बेसुध बाथरूम के फर्श पर पड़ी रहे अंकल शेविंग किट लाए उस में झाग लगाकर उसे साफ किया । उसकी बुर गुलाबी  झलक रही थी बहुत ही सुंदर लग रही थी मानो काले बादल में से सुबह का सूरज निकला हो बिल्कुल गुलाबी कलर का । अब अंकल उसकी चुदाई करते हुए स्नान करना चाहते थे  । जब हम कल उसके बुर के  बाल बना रहे थे उसी समय से धीरे-धीरे वह फिर से गर्म होने लगी । और अंकल को बड़े प्यार से देख रही थी । अंकल धीरे-धीरे उसके चूची को दबाने लगे।
 ऊपर चल रही सावर के पानी का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था । जो लड़की कुछ घंटे पहले चुदना नहीं चाहती थी अब वह चुदने के लिए इतनी व्याकुल हो गई थी ।  अंकल ने भी नहीं सोचा था। वह अंकल को इशारे से ऊपर बुलाई और बोली और कितना तड़पाएगा रे चोदता क्यों नहीं !!   अंकल भी सोच लिए थे इस बार इसे बेर को बुरी तरह चोदना है । अंकल भी उसे उसके चूची को चूसने लगे और उसके बाद फिर से किस करने लगे ।  क्योंकि दोनों की हाइट एक समान नहीं थी तो अब अंकल का लंड उसके बुर के ऊपर आने लगा वह खड़े लंड को भापकर हाथ से पकड़ कर बुर पर रख दी    अंकल अपने मजबूत बांहों में उसे थाम लिए और उसका एक पैर उठा लिया ।
           

क्योंकि दोनों खड़े थे और सोच लिया था अंकल ने कि इस बार  वह जानते थे कि यह दूसरी बारी है इसे फिर दर्द होगा लेकिन उसकी बिहेवियर को देखकर सोचते थे सोच लिए थे कि इस बार पूरा धक्कम पर चुदाई करनी है। और उसके होठों पर किस करते हुए एक जोरदार धक्का दिया     वह तो जैसे बिलबिला उठी उसकी सारी जोश हवा में उड़ गई।  और उसकी आंखों से आंसू आने लगे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी। क्योंकि अंकल का मुंह उसके होठों पर था वह अंकल को धक्का तो देना चाह रहे थी।  लेकिन नहीं दे पाई क्योंकि लंड चीरता हुआ एकदम उसके बुर में इस बार एक बार में ही अंदर तक चला गया था । वह तो सोची थी कि इस बार भी ये टुकड़ों में डालेगा।
                   

 लेकिन उसके अंदर की आग को शांत करने के लिए अंकल को यह वैसा किया ।  जब देखी की अंकल के मजबूत बांहों से छूटना मुश्किल है तो अपनी स्थिति में बनी रही ।  अंकल प्यार से उसके पीठ को सहला रहे थे। एक हाथ से और दूसरी हादसे उसके कमर को साहला रहे थे और प्यार से उसे किस भी कर रहे थे । उसकी आंखों से आंसू निकल के होटो तक आ गए थे । अंकल को नमकीन एहसास हुआ लेकिन उसके होठों को अभी अंकल छोड़ना नहीं चाहते थे। थोड़ी देर अंकल उसे खुद से किस करते रहे कुछ देर बाद जब उसे नीचे थोड़ा दर्द आराम हुआ तो वहां अंकल को किस करने में साथ देने लगी ।  कल समझ गए उसके इशारे को और धीरे-धीरे उसके बुर में लंड को पेलने लगे । उसके चुदाई होने लगी उसे भी अब अच्छा लगने लगा था । पानी का साबर चल रहा था ऊपर से पानी गिर रहे थे और नीचे से  के बुर में लंड गिर रहा था । अंकल कभी तेज धके तो कभी धीमे धाक्को के साथ इसकी चुदाई कर रहे थे । चुची को भी मसल रहे थे बीच-बीच में आकर उसे पूछ भी रहे थे तुम्हें अब मजा तो आ रहा है ना? वह भी आंखें झुका कर हमें ” हां  ” मैं जवाब देती थी और गर्ल को भरपूर किस भी देती थी   । इस तरह चुदाई होते होते आपको बोलने लगी कि मेरा फिर से निकलने वाला है।  आप भी निकालो अंदर ही निकालना । अंकल बोले क्यों अंदर क्यों तो  बोलि वीर्य का गर्म गर्म पानी चूत में जो जलन होता है उसे कम करने में मदद करता है ।

अंकल को भी उसकी यह बात अच्छी लगी और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद एक जोरदार धागों के साथ दोनों एक ही समय में एक दूसरे में चरम सीमा में समा गए ।  अंकल भी जैसे गिरने को हुए उसके साथ वह भी पूरा बदहवास हो गई लेकिन अंकल ने खुद को संभालते हुए उसे भी संभाला । और दोनों गिरने से बच गए ऊपर से पानी गिरता रहा अंकल ने खुद को और उसे अच्छे से स्नान करवाया तोलिए से उसके शरीर को अच्छे से पोछा।  तोलिया लपेटकर उसके शरीर में उसे गोदी में उठाकर लाए ।और बिस्तर पर सुला दिए । 

पापा के दोस्त के साथ पहली मस्त चुदाई कहानी जारी है.

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