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लॉकडाउन में चूत का अकाल!

हैलो दोस्तों , मैं राहुल , दिल्ली से।  मैंने अपनी सच्ची चुदाई की कहानियां बहुत सी आपको सुना दी हैं।  बहुत सारी अभी सुननी बाकी भी हैं।  पर आज मैं आपको बहुत पुरानी नहीं बल्कि एक नयी सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ , जो अभी दो  दिन पहले की है।  इस साल होली में हम सब का प्लान बना कि गांव जाकर होली मनाएंगे।  चाची और उसकी बहन भी जा रही थी और हमारा होली वाले दिन को चुदाई कर के यादगार बनाने का प्लान था।  और हमने इस होली पर खुलेआम चुदाई कर के उसे यादगार बनाया।  मैंने चाची और उसकी बहन को खुलेआम खेत में दोनों को एक साथ चोदा।  

उसके बाद मेरे घरवाले वही रुकने वाले थे पर मुझे ऑफिस के काम से आना पड़ा।  फिर २३ मार्च को लॉकडाउन लग गया और मैं अकेला यहाँ दिल्ली में फस गया।  मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं आ रही थी मिलने और ना भाभी थी ना चाची  ना उसकी बहन।  मेरा तो बुरा हाल हो गया पंद्रह बीस दिन ।  आपको पता है मैं चूत मारे बिना इतने दिन नहीं रह सकता।  मेरी नजर हमारी किरायेदार पर भी पड़ी।  वो एक बहुत ही सेक्सी शरीर की मालिक थी।  लम्बी हाइट , तरबूज जैसी चूचियां और फुटबॉल जैसी गांड।  मेरा मन तो बहुत था कि इसे ही चोद दूँ पटा कि।  पर उसकी उम्र बयालीस साल थी लगभग और मुझे लगा शायद अब इसे लण्ड  की प्यास ना हो।   पर में क्या करू अब , ये सोच सोच कर परेशान था।   

एक महीने बाद कुछ ट्रैन चलने लगी और सरकार ने जो लोग दूसरे शहर में फसे हुए थे उन्हें भेजना शुरू किया उनके घर।  पहले तो मैंने अपने पापा को फ़ोन किया आप लोग आ जाओ।  उन्होंने मना कर दिया अब जब तक हालात सही नहीं होते हम नहीं आएंगे।  उधर मेरी चाची भाभी और चाची की बहन भी रो रहे थे।  उनको भी मेरा लैंड लिए बिना चैन कहा आना था।  पर कर भी क्या सकते थे।  पर मेरी चूत की तलाश खत्म होने वाली थी। मेरी किरायेदार की बेटी जो कि कोटा मैं पढ़ती थी वो वापिस आ गयी।  मैंने उसे पहली बार देखा था , क्यूंकि ये किरायेदार अभी नए ही आये थे और जब से आये मिया बीवी ही रहते थे।  मुझे तो पता भी नहीं था इन हरामखोरो की बेटी भी है।  बेटी क्या दोस्तों माल है।  इक्कीस साल की कमसिन कली।  चिकनी चूत की मालकिन।  उसे देखते ही मैंने अपनी आँखों का एक्सरे ऑन किया और पता लगाया कि उसकी फिगर ३४-३०-३२ है।  वैसे तो मेरी भाभी और चाची से काम है पर इक्कीस साल की लौंडिया इतने में ही बवाल लगती है।  शालू नाम था उसका।  

आते ही मैं उसे घूरने लगा और वो भी मेरे जैसे हैंडसम लड़के को देख कर बिना स्माइल किये कैसे रह सकती थी।  उसने भी स्माइल की और अपने मम्मी पापा के पास चली गयी।  अब मुझे लगने लगा शायद अब चूत का जो सूखा पड़ा हुआ है मेरे जीवन में अब बाढ़ आने वाली है।  मैंने उसे अब पटाना शुरू किया।  मैं रोज रात का खाना अपने किरायेदार के पास ही खाता था और उतने टाइम में बस  शालू को पटाने में लगा रहता और शायद वो भी मेरे इरादे भांप गयी थी इसलिए जान बुझ कर मेरे पास आती रहती थी।  पर साली भाव भी उतना ही खा रही थी।  हमने एक दूसरे का नंबर ले लिया और अब हमारी बातें शुरू हो गयी।  मैंने फ़ोन पर ही उसे मजाक मस्ती ने बहुत बार आयी लव यू बोल दिया पर वो हर बार जवाब देती चल कुत्ते मैं नहीं पटुंगी।  

 खेर पांच दिन बीत गए पर अभी भी हमारे बिच दोस्ती से आगे कुछ नहीं हुआ।  फिर एक रात करीब दो बजे मेरा फ़ोन बजा , मैंने देखा तो शालू का फ़ोन था।  मुझे लगा शायद अब ये लाइन पर आ रही है।  पर साली ने बोला राहुल सिगरेट पीनी है यार , है क्या तेरे पास।  मैंने बोला हाँ है आजा।  वो दबे पाँव निचे आ गयी मेरे रूम में और सिगरेट पीने लगी।  दस मिनट तक बैठी रही फिर साली गुड़ नाईट बोल कर भाग गयी।   अब ये सिलसिला रोज का हो गया।  

पांच दिन रोज ऐसा होता रहा पर छठे दिन मैंने सोच लिया था कि आज तो जबरदस्ती चोद दूंगा , अगर आज आयी तो।  साली पता नहीं जान बुझ कर मुझे तड़पा रही थी , रोज उसके कपडे छोटे हो रहे थे ।  बस अब तो बहुत हो गया , डेढ़ महीने से ऊपर हो गया मैंने किसी लड़की को नहीं चोदा।  उस रात फिर से दो बजे उसका फ़ोन आया , कमरा खुला रख मैं आ रही हूँ।  मैंने भी आज जान बुझ कर टीशर्ट उतार दी और ऐसे ही लेटा था कि उसे अपनी सेक्सी हॉट छाती और मसल्स दिखाऊंगा।  वो आयी तो में ऐसे ही लेटा हुआ था , और वो आते ही सिटी मार कर बोली वाह क्या बात है राहुल , तेरी तो बॉडी बहुत  सेक्सी है।  मैंने बोला तेरी ज्यादा सेक्सी है तू भी दिखा।  वो भी चल साले मजाक ना कर, सिगरेट दे फटाफट।  मैंने एक सिगरेट खुद जलाई और एक उसे दी।  सिगरेट खत्म हुयी और वो फिर से बोली चल गुड़ नाईट , मैं जा रही हूँ।  मैंने उस रात उसे पकड़ लिया पीछे से और उसकी गर्दन को चूमने लगा।  

वो बोली राहुल क्या कर रहा है , छोड़ मुझे।  मैंने बोला आज नहीं छोडूंगा साली बहुत तड़पा रही है तू।  आज तो तुझे चोद के रहूँगा।  वो बोली राहुल मैं शोर मचा दूंगी।  मैंने बोला हाँ कोई बात नहीं मचा ले , आज चोदना है तो है , बेशक तेरे बाप के सामने चोदना पड़े।  ये बोल कर मैंने सीधे उसकी चूचियां दबानी शुरू की और वो धीरे धीरे चीखने लगी आह्हः आअह्ह्ह।  राहुल छोड़ दे नहीं मैं पापा को बुला लुंगी।  तेरे पापा अभी तेरी माँ चोद रहे होंगे वो नहीं आएंगे।  मैंने ऐसा क्या बोल दिया कि वो साली हंसने लगी।  अब उसने मेरा हाथ पकड़ कर रोका और में तरफ घूम कर मेरे गले में हाथ डाल कर बोली , मेरे पापा तो मेरी माँ रोज चोदते हैं पर उनकी बेटी पिछले पांच दिन से चुदवाने आ रही थी पर तू फट्टू निकला साले जो इतने दिन लगा दिए चोदने में ।  मैंने बोला साली तो तू बोल नहीं सकती थी।  वो बोली मैं रंडी नहीं हूँ जो बोलू लेगा क्या लेगा क्या।  साले इशारे कर रही थी पर तू समझा नहीं तो मेरी क्या गलती है।  पर आज जब मैंने पापा का नाम लेकर डराया तब भी तू नहीं रुका मतलब तू फट्टू नहीं है बस डरपोक है।  

मैंने उसे कास के जकड लिया और बोला चल साली दिखता हूँ तुझे फट्टू हूँ कि डरपोक हूँ।  वो मेरे होंठ सहलाते हुए बोली साले अगर  बेड पर फट्टू निकला गांड पर लात मार के भगा दूंगी।  मैंने उसका जवाब उसे चुम कर दिया और मेरे शुरू होते ही उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और मुझे तसल्ली  से चूमने लगी।  आज भी साली के कपडे पहले से बहुत छोटे थे और मैं तो सिर्फ शॉट्स में था।  मैंने खड़े खड़े ही उसकी चूचियां दबानी शुरू की।  अब वो मस्ती से अपनी चूचियां दबवा रही थी और दो ही मिनट में मेरा लण्ड निचे उसकी चूत में चुभने लगा।  वो हैरान हो गयी और शॉट्स निचे कर के देखती ही रह गयी।  हे भगवान् इतना बड़ा।  

मैं चूत के लिए तरस रहा था और मैंने उसे फिर से चिपका लिया और उसके होंठो का रस चूमने लगा।  मैंने बोला डर नहीं , जितना बड़ा होगा उतना तुझे भी मजा आएगा।  वो बोली तभी तो मैं देख रही थी , आज तो मजा आ जायेगा मुझे भी।  हम फिर से एक दूसरे को चाटने लगे।  कभी होंठ , कभी गर्दन कभी कान , कभी कान के पीछे काट रहे थे चाट रहे थे और शालू भी गर्म हो चुकी थी।  उस से रहा नहीं गया और उसने मेरा लण्ड हाथ में पकड़ लिया और हिलाना शुरू कर दिया।  मैंने भी उसकी टीशर्ट उतारी और वो साली बिना ब्रा के चुदवाने आयी थी।  मैंने बोला लगता प्लान बना कर आयी थी , ब्रा भी नहीं पहनी।  वो बोली  मैं रात में नंगी ही सोती हूँ।  ये तो मम्मी पापा की वजह से पहनना पड़ता है।  मैंने बोलता लगता है हॉस्टल में चुदवाती थी रोज।  वो बोली रोज नहीं पर है हफ्ते में दो बार तो जरूर।  

खेर मुझे उस से क्या , वो चाहे सो बार चुद आये।  आज तो उसकी गोरी टाइट चूचियां मेरे हाथ में है जिनपे छोटी सी भूरे रंग की निप्पल उसे और कामुक बना रही है।  मैं चूचियों को मसलने लगा चूसने लगा।  उसने भी मेरा सिर पकड़ कर अपनी छाती में दबा लिया और चूचियां चुसवाने का सुख भोगने लगी। उसकी चूचियां सच में बहुत रसदार थी यार।  दस मिनट तक में उसकी चूचियां  और उसके निप्पल को दांत से काटता रहा।  वो अब और ज्यादा तड़प रही थी और अब तो उसकी आवाज भी हवस से भर चुकी थी।  जितनी बार में उसके निप्पल से उसी चूचिया चुस्त उतनी बार उसके मुँह से आवाज आती आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह।  उसने मुझे ऊपर उठाया और एक बार फिर से मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए।  मेरा लण्ड फिर से उसके हाथ में था और वो हिला रही थी।  मैंने उसे पकड़ा और उसे धीरे धीरे पीछे  की तरफ ले गया , और लगातार हम एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे।  

मैंने उसे बेड पर धक्का दे दिया और अपने पैर के पंजो में फसे शॉर्ट्स को उतार कर फेंक दिया।  अब मेरे हाथ उसकी शॉर्ट्स पर गए और उसने भी गांड उठा कर इशारा किया उतार दे इसे भी।  अब हम दोनों बिलकुल नंगे थे।  मैं खड़ा रहा और उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह अपने लण्ड के पास ले आया।  पहले उसने हाथ से थोड़ी देर सहलाया मेरा लण्ड और उसके बाद अपनी टीशर्ट से पोंछ कर अपने मुँह में भर लिया।  लण्ड चूसने में माहिर थी वो।  उसने मेरे हाथ अपने बालो से हटा कर अपने सिर के पीछे रखे और बोला पीछे से दबा मेरा सिर।  

अब में पीछे से धक्का देकर उसका मुँह चोद रहा था।  वो बार बार मेरा लण्ड मुँह से निकाल कर हाथ से हिलाती और मेरी जांघ कभी मेरी कमर को चाटती।  और फिर से लण्ड मुँह में भर लेती।  ये सिलसिला दस मिनट तक चलता रहा और मैंने भरपूर मुँह चोदा उसका।  उसके बाद मैंने बोला चल अब तेरी चूत मारु।  वो बोली राहुल पहले लण्ड और चूसना है मुझे।  तेरे जैसा लम्बा लण्ड आज पहली बार मिला है और बहुत मजा आ रहा है चूसने मैं।  प्लीज और चूसने दे यार।  मैंने बोला चल फिर लेट जा।  उसे लेटा कर मैं ६९ पोजीशन में आ गया और और उसके मुँह में अपना लण्ड डाल दिया और अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया।  

निचे होने के कारण वो अपना मुँह ऊपर निचे नहीं कर पा रही थी।  इसलिए मैं ही उसका मुँह चोद रहा था और हिलने की वजह से उसकी चूत पर भी मेरी जीभ अच्छे से घूम रही थी।  उसकी सिसकियाँ तो निकल रही थी पर उसके मुँह में मेरा सात इंची लण्ड था इसलिए चीख नहीं पा रही थी।  मैंने उसे जीभ से चोद चोद कर इतना तड़पा दिया कि उस रंडी ने पानी छोड़ दिया।  मैंने हमेशा की तरह जीभ घुमाई और उसकी चूत को चाट चाट के साफ़ कर दिया।  अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और वो भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।  बार बार बोल रही थी राहुल अब चोद दे यार राहुल चोद दे अब तो यार।  

मैं अब सीधा हो चूका था और एक बार फिर से हमारे होंठ मिल चुके थे और हम फिर से पागलो की तरह एक दूसरे को चाट रहे थे, चूस रहे थे।  निचे मेरा लण्ड भी शालू की चूत रगड़ रहा था जिस से शालू और तड़प रही थी , उसे बस अब मेरा लण्ड चाहिए थे।  वो बार बार मेरी गांड पर हाथ रख के दबा रही थी।  पर मैं उसे और तड़पना चाहता थे इसलिए लगातार उसकी चूत पर लण्ड रगड़ रहा था और उसके होंठ चूस रहा था।  पांच मिनट मैं उसे ऐसे ही तड़पता रहा और अब तो उसने निचे से हाथ लेजाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपनी चूत के मुँह पर रख दिया।  चोद दे यार राहुल प्लीज , चोद दे।  बहुत तड़प गयी हूँ यार चोद दे प्लीज।  मैंने उसकी टाँगे खोली और खुद बिच में आ गया।  उसने अपनी टांगो से मेरी कमर जकड ली और मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लण्ड डालना शुरू कर दिया।  मेरा तीन इंच मोटा लण्ड उसकी टाइट चूत को चीरता हुआ धीरे धीरे अंदर जा रहा था और शालू दर्द से आअह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह चीख रही थी।  

एक मिनट बाद मेरा लण्ड पूरा अंदर घुस चूका था और अब मैं शालू के दर्द काम होने का इंतज़ार कर रहा था।  मैं लगातार उसके होंठ चूस कर उसका दर्द काम करने की कोशिश कर रहा था।  दो मिनट में उसके हाथ फिर से मेरी गांड पर चले गए और उसने निचे से अपनी गांड झटक के हिलायी और इशारा कर दिया कि अब उसका दर्द खत्म हो चूका है।  पर बोली भी कि राहुल तेरा बहुत मोटा और बड़ा है , धीरे धीरे करना शुरू में।  मैंने भी धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।  अब उसकी चीख हलकी ही थी पर वो भी उस मीठे दर्द का मजा ले रही थी।  पांच मिनट बाद शालू ने बोला राहुल अब मजा आ रहा है अब जोर जोर से चोद।  मैं इसी का तो इंतज़ार कर रहा था।  मैंने तुरंत उसके पैर उठाये और अपने कंधो पर रख कर हवा में झूला दिए और लण्ड से उसकी चूत को जोर जोर से खोदना शुरू कर दिया।  अब उसकी आवाज चीख में बदल गयी।  आआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह और जोर से और तेज राहुल और अंदर राहुल साले और जोर से चोद आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्ह्ह आअह्ह्ह्ह।  मैं भी डेढ़ महीने की कसर उसकी चूत को चोद कर पूरी कर रहा था ।  

मैं खुद हवस से भरा पड़ा था और उस प्यासी चूत की प्यास बुझा रहा था।  पूरा कमरा गूंज रहा था शालू की चीखों से और मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी।  उस समय मुझे बस एक गोरी जवान कमसिन कली को चोदना था और कुछ नहीं सूझ रहा था।  मेरा लण्ड वो गांड हिला हिला कर अपनी चूत में ले रही थी और हर झटके के साथ और जोर से राहुल और जोर से  चोद।  ये आवाजे मेरी हवस की आग और भड़का रही थी।  दस मिनट तक मैं ऐसे ही उसे चोदता रहा और फिर जमीन पर खड़ा हो गया और उसे अपनी तरफ खींच कर उसको गांड से उठा कर उसके पैर हवा में झूला दिया और उसकी चूत को अपने लण्ड के पास ले आया।  

अब वो आधी बेड पर थी और में खड़ा होकर उसे चोद रहा था।  इस तरह से उसकी चूत में मेरा लण्ड पूरा अंदर तक घुस रहा था और अब उसकी चीखे और भी कामुक हो गयी।  आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह मजा आ रहा है साले , आज इतने दिन बाद लण्ड मिला है आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह और मिला भी तो इतना मजेदार जोश से भरा मोटा ताजा लण्ड आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह आआह्ह्ह्ह साले तेरी तो गर्लफ्रेंड तुझसे खुश बहुत होगी।  मैंने बोला सिर्फ गर्लफ्रेंड ही नहीं तेरी माँ भी बहुत खुश है।  वो बोली तू मेरी माँ को भी चोदता है , मैं हंसने लगा और वो बोली हो सकता है।  मेरी माँ है भी चुदकड़।   

पर अभी ये सब सोचने का टाइम नहीं था , अभी तो बस शालू को चोदना था।  और फिर से मैंने अपनी स्पीड पकड़ी और उसकी चूत का भोसड़ा बनाना  शुरू कर दिया।  दस मिनट तक मैंने उसे इसी तरह चोदा और अब वो खुद दिवार के सहारे घोड़ी बन गयी।  उसने पूरी तरह झुक कर अपनी गांड मेरे लण्ड के सामने ले आयी और उसकी चिकनी गांड देख कर मेरा ईमान और डोल गया।  मैंने उसकी गांड सेहला कर बोला साली इतनी इतनी चिकनी गांड है तेरी।  वो बोली आज चूत मार ले कल गांड भी मार लेना।  मैंने थोड़ा हंस कर फिर से उसकी चूत पर धावा बोल दिया और उसकी गांड मेरे हाथो में थी।  घोड़ी बना कर चोदने का मजा ही अलग ही।  मैं भी घोड़ी बना कर चोदते हुए घोडा बन जाता हूँ और लड़किया चीख चीख कर पागल हो जाती हैं।  शालू का भी वही हाल हुआ।  

आआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह आआह्ह्ह्ह साले तेरा लण्ड और अंदर जा रहा है।  आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा यार आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह।  मैंने भी उसकी गांड दबाते हुए जोर जोर से झटके मरने शुरू किया और दस मिनट बाद वो दूसरी बार झड़ गयी।  अब उसकी तसल्ली हो चुकी थी पर मेरा लण्ड अभी भी तन कर मैदान में खड़ा था।  वो मेरी तरफ घूम गयी और मेरा लण्ड पकड़ कर मुझे फिर से बेड के करीब ले आयी।  वो खुद बेड पर  कुतिया बन गयी और मेरा लण्ड चूसने लगी।  मैंने इस बार उसके बाल पकड़ कर उस से अपना लण्ड चुसवाया और पांच मिनट बाद मेरे लण्ड ने पिचकारी मारी और उस रंडी ने एक भी बून्द बाहर नहीं गिरने दी।  रस पी जाने के बाद उस रंडी ने लण्ड फिर से मुँह में भर लिया और उसे चाटने लगी।  पांच मिनट तक मेरा लण्ड चाटने के बाद बेड पर नंगी लेट गयी और बोली साले राहुल बहुत मजा दि

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