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जब मैं 18 साल की थी

नमस्कार, दोस्तों मेरा नाम नीता है और मैं शामगढ़ की रहने वाली हूँ। मैं बहुत ही कामुक लड़की हूँ मुझे शादी से पहले ही अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ने में काफी ज्यादा रुचि थी। आज जो कहानी मैं आप सभी को सुनाने वाली हूँ वो मेरी सच्ची कहानी है तो आप सभी इसे थोड़ा ध्यान से सुनियेगा।

मैं शामगढ़ की रहने वाली हूँ। मैं जब 18 साल की थी, तब से ही मुझे बन ठन के घूमने का काफी शौक रहा है। मैं जब भी कहीं जाती थी, तो मेरे अंगप्रदर्शन वाले कपड़े देखकर लोगों की नजर सिर्फ मुझ पर ही ठहर जाती थी। दिखने में बहुत ही गौरी दिखती हूँ ओर साथ ही मेरे बूब्स काफी टाइड ओर गोल मटोल है, जिससे मेरी खूबसूरती और भी निखर कर बाहर आती है। मैं जब भी चलती हूँ तो मेरी ठुमकती हुई गांड काफी मस्त लगती है। यहां मैं खुद की तारीफ नही कर रही हूं, बल्कि मेने काफी लोगों को अपनी गांड को घूरता हुआ महसूस किया है। जब मैं स्कूल में थी, तब मेरे लिए बॉयफ्रेंड रखना तो एक आम बात हुआ करती थी। मैं हर साल अपने ब्वॉयफ़्रेंड को बदलकर किसी नए लड़के साथ सेट हो जाया करती थी। यहीं नही मैं अब तक काफी लड़कों के साथ चुदवा चुकी हूं और जिस लड़के का लंड मुझे एक बार पसंद आ जाता था, तो मैं उसके साथ काफी बार चुदाई कर लिया करती थी। एक बार तो मैने अपने स्कूल के बाथरूम में भी एक लड़के के साथ चुदाई करवा ली थी। उस दिन सोमवार था, जब मेने अपने स्कूल में एक नया- नया बॉयफ्रेंड बनाया था। वह लड़का काफी शर्मिला था और वह मुझसे बस प्यार भरी बातें ही किया करता था, ओर इससे आगे कभी बढ़ता ही नही था। इसी वजह से मैं उस लड़के से बहुत ज्यादा परेशान होने लग गई थी। एक दिन मेने उस लड़के को छुट्टी के बाद लड़कियों की बाथरूम में आने के लिए बोला था।

मैं उस दिन पूरी तरह से चुदाई के मूड में थी, ओर यही वजह थी कि मैं उस दिन अपनी स्कूल स्कर्ट के अंदर पेंटी भी नही पहन कर आई थी। उस दिन स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी, ओर स्कूल की छुट्टी होने के बाद स्कूल पूरी तह से बंद होता था। इसलिए मेरे पास उस लड़के चुदवाने के लिए सिर्फ एक ही घण्टा बचा था। उस दिन जैसे ही स्कूल की छुट्टी होती है, तो मैं सीधा दौड़कर गर्ल्स टॉयलेट की तरफ चली जाती हूँ। कुछ देर बाद वह लड़का जिसका नाम रोहन था, वह भी दौड़कर गर्ल्स बाथरूम की तरफ आ जाता है। हम दोनों जैसे ही गर्ल्स टॉयलेट की तरफ जाते है तो मैं चुपचाप से गर्ल्स टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद कर देती हूं। अब हम दोनों ही गर्ल्स टॉयलेट के अंदर अकेले मौजूद थे। रोहन काफी शर्मिला लड़का था, इसलिए वह मुझसे बस बातें ही किये जा रहा था और बस मुझे देखकर मुकुराटे ही जा रहा था। मैं यह समझ गयी थी कि अब जो भी कुछ करना है वह मुझे ही करना होगा, इसलिए मैंने बातों ही बातों में यह कहकर कि “उफ्फ मुझे थोड़ी गर्मी लग रही है यहां पर” ऐसा कहकर अपनी शर्ट के ऊपर के दो तीन बटन खोल दिये थे। अब मेरी शर्ट के ऊपर से मेरे टाइड बूब्स का काफी खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा था। मैं यह देख पा रही थी कि रोहन की नजर बार-बार मेरे बूब्स पर पड़ रही थी। काफी लड़कों से चुदवाने की वजह से मेरे बूब्स ही नही,बल्कि मेरी गांड भी बहुत बड़ी हो चुकी थी। इसी वजह से मेरी गांडो के कारण मेरी स्कर्ट भी काफी ऊपर उठी हुई दिखाई दे रही थी, जिस पर से रोहन की नजर हटने का नाम ही नही ले रही थी।

अब तक रोहन भी धीरे-धीरे उत्तेजित होने लग गया था, क्योकि उसकी पेंट में उठ रहे उस हल्के से उभार को भी मैं आसानी से देख सकती थी। अब शायद रोहन भी ओर इंतजार नही कर सकता था, इसलिए वह अब धीरे-धीरे रोमांटिक होकर मेरे करीब बढ़ता ही जा रहा था। अब उसने एक भूखे भेड़िये की तरह मेरे गालों पर लगातार चूमना शुरू कर दिया था। इस बार मेने थोड़ी सीधी लड़की बनने का दिखावा करने के लिए ऐसे ही रोहन को खुद से थोड़ा दूर कर दिया था। लेकिन अब रोहन का सब्र भी धीरे-धीरे टूटता ही जा रहा था, इसलिए वह दोबारा से मेरे करीब आया और मुझे फिर से गर्दन पर ओर मेरे बूब्स पर चूमना शुरू कर दिया था। इस बार मुझे बहुत मजा आ रहा था, ओर इस बार मैं अपनी आंखों को बंद करते हुए हल्की सिसकारियों के साथ उसके इस तरह से चूमने का मजा लिए जा रही थी। कुछ ही देर के अंदर मैं दीवार पर हाथ रखकर उल्टा खड़ी हो गयी थी। अब रोहन पीछे से मेरे बालों को हटाते हुए मेरे गाल ओर गर्दन पर चूमता ही जा रहा था। कुछ ही देर में मेरी शर्ट को पकड़कर मेरे कंधे से नीचे कर दिया था। अब वह धीरे-धीरे मेरे कंधे पर चुम रहा था, जिस वजह से मेरे मुंह से बार-बार हल्की सिसकारियां निकले जा रही थी। मैं बार-बार अपनी गांड पर रोहन का लंड टकराते हुए महसूस कर रही थी, जिस वजह से मेरी उत्तेजना भी काफी तेजी से बढ़ती ही जा रही थी। कुछ ही देर बाद रोहन ने मेरे शर्ट को उठाकर साइड में टांग दिया था। अब मैं केवल ब्रा में ही रोहन एक सामने मौजूद थी, ओर मेरी ब्रा में से मेरे आकर्षक बूब्स को देखकर रोशन का दिमाग भी बहुत खराब होता जा रहा था।

अब रोहन लगातार मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स पर चूमता ही जा रहा था, ओर मैं लगातार उसके सर पर किसी छोटे बच्चे की तरह उस पर अपना हाथ फेरती जा रही थी। इसी दौरान रोहन मुझसे कहता है कि “ नीता तुम बहुत अच्छी हो आई लव यू।।।।

“मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं रोहन” कहते हुए मैं अपनी चुदाई की रस्म को थोड़ा सा ओर आगे बढ़ा देती हूं। अब रोहन मेरी ब्रा को खोलकर मेरे बूब्स से अलग कर देता है। ब्रा के उतर जाने के बाद मेरे गोल मटोल बूब्स बिल्कुल जैली की तरह हिलने-डुलने लगते है। अब रोहन मेरे बूब्स को दबाते हुए मेरे निप्पल को चूसने लग जाता है। उसके इस तरह से बूब्स को दबाते हुए चूसने पर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था, ओर इसी वजह से मेरा शरीर टाइड होकर चुदाई के लिए ओर भी ज्यादा तड़पे ही जा रहा था। वहां रोहन जोर-जोर से मेरे बूब्स को चूसता ही जा रहा था और यहां मैं अपनी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डालते हुए अपनी योनि को सहलाये जा रही थी। कुछ ही देर बाद रोहन ने मेरी स्कर्ट में अपना हाथ घुसेड़ दिया था। अब वह मेरी योनि मैं अपनी उंगलियां डालकर मुझे किसी मशीन की तरह केवल उंगलियों से ही चोदता जा रहा था। इस दौरान मेरे मुंह से “आह आह उम्म ओह्ह आह” की तेज सिसकारियां निकल रही थी, जिसकी आवाज पूरे टॉयलेट की तरफ गूंज रही थी। अब मुझसे ओर ज्यादा नही रहा जा रहा था, अब मैं भी अपनी उत्तेजना के अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। मैं तुरंत ही नीचे बैठती हूँ किसी प्यासी लडक़ी की तरह तेजी से रोहन का बेल्ट उतारने लगती हूँ। बेल्ट उतारने के बाद मैं रोहन की पेंट ओर अंडरवियर को उसके घुटने तक उतार देती हूं। मैं रोहन के लन्ड को देखकर हैरान ही रह गयी थी। रोहन का लंड काफी बड़ा था, ओर उसके लंड का साइज करीब 7 इंच लग रहा था। अब मैं किसी चुदासी लड़की की तरह रोहन के लन्ड को हिला रही थी। रोहन के लन्ड को देखकर मेरी जीभ बार-बार बाहर निकले जा रही थी। अब मुझसे ओर ज्यादा इंतजार नही हो रहा था, इसलिए मैंने रोहन के लन्ड को पूरी तरह से अपने मुंह के अंदर उतार लिया था। मैं रोहन के लंड को अपने पूरे गले तक उतारते हुए उसे चूस रही थी। रोहन भी इस दौरान मेरे बालों को खींचते हुए अपने लन्ड को मेरे मुंह के अंदर-बाहर करते हुए मेरे मुंह को योनि की तरह चौदे ही जा रहा था।

कुछ ही देर बाद मेने रोहन के लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया था। मेरे मुंह से रोहन का लन्ड बिल्कुल गीला हो चुका था। अब मैं खड़ी होकर दीवार के सहारे उल्टा खड़ी हो गयी थी। रोहन पहले तो मेरी गांड पर अपना लन्ड फेरते हुए अपने लंड को मेरी स्कर्ट से साफ कर रहा था। फिर कुछ ही देर बाद रोहन ने मेरी स्कर्ट को उठाकर मेरी मोटी गांड के ऊपर रखा और फिर अपने लंड को मेरी योनि पर फेरने लग गया था। इस दौरान मेरी सांसे तेज होती जा रही थी, ओर मैं चुदाई के लिए ओर भी ज्यादा तड़पे जा रही थी। कुछ ही देर बाद मेने अपने हाथ को पीछे किया और फिर रोहन के लन्ड को पकड़ कर अपनी चुत में सेट कर दिया था। अब रोहन ने एक झटके के साथ केवल टोपे तक ही अपने लन्ड को मेरी चुत में डाल दिया था। इस दौरान मेरे मुंह से हल्की “ओह्ह” की आवाज निकल गयी थी। अब रोहन मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथ मे मसलता हुआ केवल टोपे से ही मेरी चुत को धीरे-धीरे चोदता जा रहा था। इस दौरान मेरे मुंह से हल्की “आह आह ओह्ह अम्म” की आवाजें निकल रही थी। मैं अपनी आंखों को बंद करते हुए बस चुदाई का मजा ले रही थी। कुछ ही देर में रोहन ने एक ही झटके में अपने पूरे लन्ड को मेरी चुत में घुसेड़ दिया था। इस दौरान मेरे मुंह से तेज सिख निकल गयी थी। तभी रोहन ने मेरे मुंह को अपने हाथों से बंद किया और ओर फिर किसी मशीन की तरह मेरी चुत को चोदते ही जा रहा था। रोहन का 7 इंच का लंड मेरी योनि को चीरता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था, ओर मुझे इस दौरान बहुत ही मजा आ रहा था। उस दिन रोहन ने मुझे बहुत ही अलग-अलग पोजिशन के साथ चोदा था, ओर उस दिन रोहन ने मेरी जमकर गांड चुदाई की थी। लेकिन मुझे पता नही था कि यह मेरे स्कूल की आखिरी चुदाई होने वाली थी। उस दिन के बाद मेने रोहन को भी छोड़ दिया था।

यह तो मेरे स्कूल का एक किस्सा था। धीरे-धीरे मैं ओर भी जवान होती जा रही थी, इस वजह से 22 साल की उम्र में मेरे घर वाले मेरी शादी के बारे में विचार कर रहे थे। मैं अभी शादी करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी, लेकिन घर वालों की जिद की वजह से मैं एक बार लड़के वालों से बात जरूर कर लेती थी। बहुत समय बीत जाने के बाद एक बार एक परिवार में मेरे माँ-बाप ने मेरे लिए एक रिश्ता देखा था। इस बार मैं भी शादी करने के लिए राजी हो गयी थी, क्योकि मुझे भी लड़का बहुत पसंद आ गया था। उस लड़के का नाम रचित था। रचित एक बहुत बड़ा बिजनेस मैन था और दिखने में भी काफी खूबसूरत लगता था। थोड़ा बहुत एक दूसरे को समझ लेने के बाद मेने कुछ ही महीनों बाद रचित से शादी कर ली थी। रचित से शादी करने के बाद मुझे पता चला कि उसे नशे की बहुत लत लग चुकी थी, ओर वह अपने काम को लेकर भी अक्सर टेंशन में रहा करते थे। सबसे बड़ी समस्या मुझे यह होती थी कि रचित सेक्स लाइफ में भी अपनी सक्रियता कम ही दिखा पाते थे। अक्सर तनाव में रहने के कारण जब भी हम सेक्स करते थे, तो वह मुझे क्लाइमेक्स तक ले जाकर खुद पहले ही ठंडे पड़ जाया करते थे। ज्यादा तनाव में रहने के कारण रचित का बिजनेस भी बिल्कुल ठप्प पड़ चुका था। इस दौरान मेने भी कहीं पर नौकरी कर पीने के बारे में सोचा ओर फिर में भी नौकरी की तलाश करने लगी थी।

हमारे घर के नीचे मिस्टर बजाज की फैमिली रहती थी। मिस्टर बजाज काफी हैंडसम मर्द थे, ओर उनका कद भी काफी लंबा था। भले ही मिस्टर बजाज पराए मर्द थे, लेकिन फिर भी मैं बार-बार खुद को उनकी तरफ आकर्षित होने से रोक ही नही पाती थी। यही वजह थी कि मिस्टर बजाज ओर मेरी काफी अच्छी बनती थी। जब मिस्टर बजाज को यह बात पता चली कि मुझे किसी जॉब की जरूरत है तो उन्होंने मुझे अपने ही ऑफिस में सेक्रेटरी की जॉब पर रख लिया था। अब जो कि मैं मिस्टर बजाज की सेक्रेटरी थी, तो अब रोजाना ही हम दोनों आफिस में एक साथ काम किया करते थे। धीरे-धीरे मेने अपने हुस्न का जाल बिछाकर मिस्टर बजाज को अपने काबू में कर लिया था। अब मिस्टर बजाज ओर मैं रोजाना व्हाट्सएप पर एक दूसरे के साथ बातचीत किया करते थी। धीरे-धीरे मिस्टर बजाज भी मुझसे प्यार करने लग गए थे। अक्सर छुट्टियों के समय मिस्टर बजाज ओर मैं, घर पर बहाना बनाकर घूमने के लिए चले जाया करते थे। धीरे-धीरे मिस्टर बजाज ने मुझसे सेक्स चैट करना भी शुरू कर दिया था। एक बार ऐसे ही मजाक में बातें करते हुए मिस्टर बजाज ने मुझे पूछ की ओर बताओं “ रचित के साथ तुम्हारी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है”। मेने उदासी भरी आवाज में मिस्टर बजाज को सबकुछ बता दिया था कि हमारी सेक्स लाइफ कुछ खास अच्छी नही है क्योंकि रचित हमेशा नशे में धुत्त रहता है और सेक्स लाइफ में पूरी तरह से अपनी सक्रियता नही दिख पाता है।

कुछ दिन तक तो ऐसे ही चलता रहा और फिर धीरे-धीरे मैं ओर मिस्टर बजाज भी एक दूसरे के बहुत करीब आने लग गए थे। कुछ दिनों से मेरे साथ पता नही क्या होने लगा था, क्योकि जब भी मैं मिस्टर बजाज के करीब आती थी, तो मुझे काफी अजीब महसूस होने लगता था। शायद ऐसा इसलिए थे, क्योकि मैं उनके साथ रहकर थोड़ा रोमांटिक फील करने लगती थी। एक दिन मेरे हसबेंड रचित अपने डूबते हुए बिजनेस को फिर से ठीक करने के लिए कुछ महीनों के लिए बाहर गए हुए थी। उस समय मेरी किस्मत शायद कुछ ज्यादा ही अच्छी चल रही थी, क्योकि संयोग से मिस्टर बजाज की वाइफ भी कुछ महीनों से अपने मायके गयी गई थी। अब मिस्टर बजाज भी बिल्कुल मेरी ही तरह अपने कमरे में अकेले रह रहे थे। अब मेरे दिमाग मे बस यही चला रहा था कि आखिर मिस्टर बजाज के साथ बात आगे कैसे बढ़ाई जाए। एक दिन मेने मिस्टर बजाज के साथ घूमने का प्लान बनाया और उस मेने अपनी सिल्क वाली ब्लेक साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे मैं काफी हॉट नजर आ रही थीं। पहले तो हम दोनों मॉल में घूमते रहे और फिर रात को मैं मिस्टर बजाज के घर पर उनके साथ अकेले में बात चीत करने लग गयी थीं। पहले तो हम दोनों कुछ समय तक यहां वहां की बातें करते रहें और फिर कुछ ही देर में मिस्टर बजाज ने विस्की की दो बोतल मेरे सामने खोल दी। इस बार मिस्टर बजाज बहुत ही रोमांटिक मूड में लग रहे थे, और उनके अंदर का शोला जगाने के लिए मैं भी स्लीवलेस ब्लाउज पहनकर आयी थी। पहले तो हमने जमकर व्हिस्की के 2-4 पेग मारे ओर फिर एक हलके म्यूजिक में मिस्टर बजाज ओर मैं साथ मैं डांस करने लगे।

डांस करते हुए मिस्टर बजाज बिल्कुल रोमांटिक होकर मेरी आँखों मे देख रहे थे। उन्होंने मेरी कमर पर हाथ रखा हुआ था और मेने उनके कंधे पर हाथ रखा हुआ था। मिस्टर बजाज मेरी आँखों मे देखकर यह समझ चुके थे कि मैं भी उनसे वहीं चाहती हूं जो वो मुझसे चाहते है। कुछ ही देर में डांस करते हुए अचानक ही मिस्टर बजाज ने मेरे होंठों पर चुम लिया था। मुझे उनका इस तरह से चूमना काफी रोमांटिक लग रहा था, लेकिन इस दौरान मेरी सांसे भी काफी तेज होती जा रही थी। अब इस रोमांस को थोड़ा और आगे बढ़ाने के लिए मेने भी मिस्टर बजाज के होंठो को हल्के से चुम लिया था। मेरे इस तरह से चूमने पर मानो मिस्टर बजाज के अंदर का जानवर ही जाग चुका चुका था। अचानक से ही मिस्टर बजाज ने मेरे होंठों के साथ ही मेरे गाल ओर गर्दन पर भी चूमना शुरू कर दिया था। मिस्टर बजाज को देख कर लग रहा था कि उन्हें सेक्स के दौरान देरी बिल्कुल भी पसन्द नही है। कुछ ही देर में मिस्टर बजाज ने मेरी साड़ी को खोलकर मेरे जिस्म से पूरी तरह अलग कर दिया था। मेने अपने बूब्स को छुपाने के लिए ऐसे ही शर्माते हुए अपने ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया था। अब मिस्टर बजाज मुस्कुराते हुए मेरे पास आते है और मेरे ब्लाउज पर से मेरे दोनों हाथों को हटाकर मेरे बूब्स पर ब्लाउज के ऊपर से ही चूमना शुरू कर देते है। अब मिस्टर बजाज मेरी आँखों मे देखते हुए मुझे उठाकर बैडरूम की तरफ ले जाते है।

माहौल काफी रोमांटिक बना हुआ था, इसलिए मिस्टर बजाज ओर मैं बिल्कुल भी बात नही कर रहे थे, लेकिन साइड में हम एक तेज गाना जरूर बजा रहे थे। अब मिस्टर बजाज मुझे बैड पर लिटाते हुए खुद भी मेरे ऊपर सो जाते है। अब वह मेरे ऊपर चढ़कर मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाते हुए मेरे होंठों को चूम रहे थे। “ओह मिस्टर बजाज आप काफी अच्छे है” – मेने ऐसे ही बातों ही बातों में मिस्टर बजाज से कहा

“हां ओर तुम भी बहुत अच्छी ह

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