हेलो दोस्तों , में राहुल , दिल्ली से। आज फिर लेकर आया हूँ आपके लिए एक चुदाई की कहानी जो कि सेक्स से भरपूर है और थोड़ी कॉमेडी भी। आप इसे कॉमेडी सेक्स स्टोरी भी मान सकते हैं। ये स्टोरी उन दिनों की है जब में नया नया दिल्ली में आया था पंजाब से जॉब करने। मैं तब एक फ्लैट किराये पर लेकर रहता था। मेरे लण्ड ने मेरा बहुत फायदा करवाया है। आज की कहानी भी एक फायदे के बारे में ही है जो कि मेरे लण्ड ने करवाया। में दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहता था। दो मजिल का घर था , निचे में रहता था और ऊपर मकान मालिक।
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पहली बार जब में वहाँ रहने गया तो उन्होंने मुझसे तीस हजार रूपये लिए। पंद्रह हजार किराया और पंद्रह सिक्योरिटी। मुझे नहीं पता था जितना मैं दे रहा हूँ उस से ज्यादा मुझे वापिस मिल जायेगा। मेरी किस्मत बहुत अच्छी रही है हमेशा से। उस समय तो और भी ज्यादा मेहरबान थी। मेरा मकान मालिक पायलट था। घर में उसकी बीवी ज्योति और अठरह साल की बेटी जानवी रहती थी। वहाँ जाते ही मेरी एक गर्लफ्रेंड बन गयी। शादीशुदा थी वो , और उसके दो बच्चे थे। मेरा दिल तो ज्यादातर भाभियो पर ही आता है। सिर्फ दस दिन में उसे पटा लिया मैंने और अब वो रोज पति के जाने के बाद मेरे फ्लैट में आ जाती थी। मैं उसे हर रोज चोदता था। मेरी नाईट ड्यूटी थी तो दिन में घर पर ही रहता था।
अब हुआ ये कि एक दिन दोपहर में कोई मेरे घर की घंटी बजा रहा था। मुझे लगा शायद वही भाभी है। इसलिए में सिर्फ अंडरवियर में ही चला गया दरवाजा खोलने। में अभी सो कर ही उठा था और मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा हुआ था और अंडरवियर में तो लग रहा था कि फाड़ कर बाहर आ जायेगा। मैंने दरवाजा खोला तो बाहर मेरी मकान मालकिन थी। उम्र लगभग चालीस साल। मैंने उसे देखते ही अपना लण्ड छुपाना शुरू किया और वो हंसने लगी। मैंने उस से पूछा क्या काम है तो वो बोली हमारे यहाँ चीनी खत्म हो गयी है। धुप बहुत है तो मैं बाहर नहीं गयी सोचा तुमसे ले लूँ शाम में मार्किट से ले आउंगी। उसका शरीर पूरा गदरीला था। गोरा रंग जैसे रोज दूध से नहाती हो। बड़ी बड़ी ३८ की चूचियां और करीब ४० की गांड। मैंने उसे देखते ही उसे चोदने का मन बन लिया। और उसके मेरा लण्ड देख कर हंसना मुझे हरी झंडी दिखा रहा था।
मैंने अब लण्ड छुपाना बंद किया और उसे अंदर आने को बोला। मैं किचन में चला गया चीनी लेने। अभी में पहुंचा ही था कि उसने पीछे से आकर मुझे जकड लिया और बोली राहुल चीनी तो बहाना था यार। असल में जब से सुनीता ने तेरे लण्ड की तारीफ की है मैं तुझसे चुदने के लिए बेताब थी। मुझसे अब बर्दाश नहीं हुआ और आज में आ ही गयी। मैं उसकी तरफ घुमा और उसे बोला क्यों पायलट साहब चोदते नहीं। वो बोली दस दस दिन बाद आतें हैं और थके होते हैं। इसीलिए हमारी सिर्फ एक औलाद है। बाहर के लण्ड खाती हूँ इसलिए। उसके बाद तो बस फिर उसने मेरा अंडरवियर निचे किया और लग गयी अपनी चूत की प्यास बुझवाने। पुरे एक घंटे तक मैंने उसे चोद चोद कर खुश किया और खुद भी एक आंटी की चूत और गांड मरने का पूरा मजा लिया। अब उस दिन के बाद से मेरा किराया माफ़ और मजे शुरू। मेरी पड़ोसन और मकान मालकिन दोनों सहेलिया थी और दोनों ही चुदकड़। कितनी बार तो मैं दोनों को एक साथ चोदता था। जिंदगी बड़ी मस्त चल रही थी। और फिर एक दिन तो और भी ज्यादा मस्त हो गयी।
वो दिन आया एक महीने दस दिन बाद। ज्योति किसी काम से बाहर गयी थी। दोपहर में उसकी बेटी कॉलेज से आयी। उसके पास चाभी नहीं थी तो वो मेरे फ्लैट में आयी और बोली अगर आपको कोई दिक्कत नहीं तो मैं अपना बैग यहाँ रख दूँ। शाम तक अपनी फ्रेंड के घर चली जाती हूँ। मैंने बोला बाहर क्यों जाना तुम यह ही खाना खा लो और आराम कर लो। वो बिना झिझके तैयार हो गयी जैसे यही सोच कर आयी हो। तब तक मैं खाना गर्म कर देता हूँ। मैंने उसे बोला तुम नाहा लो मेरे पास कुछ लेडीज कपडे हैं वो मैं तुम्हे दे दूंगा तब तक मैं खाना गर्म कर देता हूँ। वो बोली आपके पास कहा से आ गए तो मैं हंस कर बोला तुम आम खाओ गुठलियां न गिनो। वो भी हंसने लगी और मैं बाहर चला गया।
मैंने बाथरूम के बाहर उसकी ही माँ की लायी हुई एक नाईटी रख दी जो कि सिर्फ जांघो तक थी और गला भी डीप था। मैं खाना बनाने चला गया। थोड़ी देर बाद वो उसे पहन कर आयी। साली अपनी माँ से कम नहीं थी वो। बूब्स ज्यादा बड़े तो नहीं पर ३४ के होंगे ही। माँ की तरह ही गोरी और पुरे शरीर पर वैक्स करवा कर रखती थी। चिकनी नंगी टाँगे और चूचियां देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने शॉट्स पहना हुआ था और मेरा लण्ड मेरे शॉट्स का तम्बू बना चूका था। वो आकर सोफे पर बैठ गयी और एक के ऊपर एक पैर रख लिया। अब मुझे उसकी गांड और चूत के दर्शन हो रहे थे। पूरी तरह नहीं पर पेंटी न होने की वजह से लगभग दिख रहे थे। खेर मैं उसके लिए खाना लेकर गया और दूसरे सोफे पर बैठ गया। मैं लगातार उसकी नाईटी के नादर झांक रहा था।
वो भी मुझे घर कर देख रही थी और स्माइल कर रही थी। उसके खाना खाने के बाद मैंने उसे बोला कि रूम में चली जाये और आराम कर लो । वो बोली नहीं पहले आप बताओ ये लेडीज नाईटी आपके पास कैसे। मैंने फिर से बोला कहा से है ये रहने दो पर तुम इसे पहन कर बहुत सेक्सी लग रही हो। वो बोली तभी आपका खड़ा हो गया है। मैं हंसने लगा और बोला हां तुम्हारी नंगी टाँगे और टाइट चूचियां देख कर खड़ा होना तो बनता है। वो मेरे बगल में आकर बैठ गयी और बोली तो क्या करोगे अब मुठ मरोगे। मैंने उसका इरादा भांप लिया और उसकी चूत पर हाथ रख कर बोला नहीं मुठ नहीं इसे मरूंगा आज तो। और इतना बोल कर नाईटी के ऊपर से ही उसकी चूत में ऊँगली डाल दिया। वो हल्का सा चीखी आआह्ह्ह्हह और मुझसे लिपट गयी। और बोली तो रोका किसने है आपको।
मैंने बोला तुम्हारी नाईटी ने। उसने तुरंत नाईटी उतार कर कोने में फेंक दी और बोली अब तो नहीं है कोई रोकने वाला। और नंगी ही लिपट गयी मुझसे। मैंने उसे भी अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठ चूमने शुरू कर दिए। एक मिनट में ही वो गर्म होने लगी और सीधा मेरी शॉट्स में हाथ डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मैं भी उसकी टाइट टाइट चूचियां दबा कर उसे और गर्म करने लगा। लगातार उसे चुम रहा था। मैंने दांत काटने की कोशिश की उसकी गर्दन पर पर उसने मना कर दिया , निशान पड़ जायेंगे।
मैंने फिर उसकी गर्दन उसके कान और उसके गाल को जीभ से चाटना शुरू किया। अब वो और ज्यादा मस्त होने लगी और मेरी शॉट्स खींच कर निचे कर दी और जोर जोर से मेरा लण्ड हिलाने लगी। मैं लगातार उसे चाट रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी। आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह। उसने मेरा लण्ड जोर से दबाना शुरू कर दिया और मैं समझ गया की अब ये बिलकुल तड़प चुकी है। मैंने उसे गोद में उठाया और बैडरूम की तरफ चल पड़ा। वो मेरी गोद में स्माइल करती हुयी बैठ गयी। उसने मेरी शॉर्ट्स तो पहले उतार दी थी अब मैंने अपनी बनियान भी उतार दी उसे बेड पर लिटा कर।
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और वो बिलकुल कमसिन कली लग रही थी। छोटी कसी लाल रंग की चूत , हलके भूरे रंग के निप्पल्स चूचियों पर। वो अपनी चूचियां दबाने लगी और अपनी टाँगे पूरी तरह खोल दी। मैं घुटनो के बल जमीन पर बैठ गया और उसकी टाँगे खींच कर उसकी चूत को अपने मुँह के पास ले आया। मैं अब उसकी चूत चाटने जा रहा था और जैसे ही जीभ उसकी चूत पर रखी वो इतने में ही चीख उठी। आआह्ह्ह्ह मुझे पता लग गया ये भी अपनी माँ की तरह चुदाई के लिए तड़प रही है। मैंने अब अपना पूरा मुँह उसकी चूत पर टिका दिया और जीभ से उसकी चूत चाटने लगा।
उसने अपने पेरो को मेरी गर्दन में लपेट लिया और मेरा सर दबा दिया। और बस सिसकियाँ लेती रही आआअह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह। और अच्छे से चाटो मजा आ रहा है आअह्ह्ह आआह्ह्ह्ह तुम्हारी जीभ में तो जादू है। आअह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह। बहुत मजा आ रहा राहुल जी आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह। मैं लगातार उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदता रहा और वो झड़ गयी। उसकी चूत से क्रीम रंग का रस निकल गया। मैंने उसे चाट कर साफ़ कर दिया। और अब उठ कर खड़ा हो गया। मेरा लण्ड अब उसकी चूत में जाने को बेताब था। आज मुझे बहुत दिनों बाद कोई कमसिन कली मिली थी चोदने को। मैंने उसे भी बिठा दिया और उसके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचा। मैं खड़ा हुआ था तो उसका मुँह अब मेरी नाभि के निचे था। उसे पता लग गया मैं उसका मुँह चोदना चाहता हूँ।
उसने भी मेरा लण्ड हाथ में पकड़ा और उसे हिलाने लगी। मैंने बोला अबे साली ये हिलाने से नहीं मानेगा। चूस इसे तब ये तुझे चोदेगा। वो बोली हां जी चूसूंगी पर पहले थोड़ा खेल तो लूँ। आज तीसरी बार लण्ड के दर्शन कर रही हूँ और इतना बड़ा लण्ड तो मैंने कभी नहीं देखा। इतना बोल कर उसने आधा लण्ड मुँह में डाल लिया और आधा हाथ से पकड़ा हुआ था। मेरा आधा लण्ड मुँह में अंदर बाहर करने लगी। मैंने उसका हाथ हटाया और उसका मुँह पकड़ कर पूरा खोला और पूरा का पूरा लण्ड उसके मुँह में घुसेड़ दिया। अब मैं खुद ही उसका मुँह चोदने लगा। उसकी आवाज नहीं निकल रही थी लण्ड पूरा उसके गले तक घुसा रहा था मैं। दो तीन मिनट तक तो वो तड़पती रही पर फिर उसे भी लण्ड चूसने का मजा आने लगा।
अब मुझे कुछ नहीं करना पड़ रहा था वो खुद ही रंडियो की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी। मेरी गांड पर हाथ रख कर मेरा लण्ड मेरे टट्टे चूस रही थ। मैंने अभी भी उसका बाल पकडे हुए थे और उस से अपना लण्ड चुसवा रहा था। दस मिनट तक में उसका मुँह चोदता रहा और फिर निकाल कर बोला चल मेरी जान अब बोल कैसे चुदना पसंद करेगी वो बोली यार राहुल एक बार और मेरी चूत चाटो न बहुत मजा रहा था। मैंने आज पहली बार चूत चटवायी है। मेरा बॉयफ्रेंड नहीं चाटता है। मैंने उसे भी खड़ा किया और बेड पर ही दिवार के सहारे खड़ा कर दिया। खुद बेड पर घुटने के बल बैठ गया। उसने एक टांग मेरे कंधे के ऊपर से रख कर अपनी चूत मेरे हवाले कर दी। अब मैं फिर से उसकी उसकी चूत चाटने लगा और वो फिर से मदहोश होकर चीखने लगी। आअह्ह्ह आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है यार बहुत अच्छा लग रहा और चाटो न यार आअह्ह्ह आअह्ह्ह।
मैंने दस मिनट तक उसे इसी तरह जन्नत की सेर करवाई। अब मैं खड़ा हो गया और उसकी एक टांग को अपने हाथो में उठा लिया। मैंने उसे घूर कर देखा और वो भी मुझे टकाटक देख रही थी। और बस अब इंतज़ार कर रही थी की कब उसकी चूत में मेरा लण्ड जाये। मैंने लण्ड उसकी चूत के मुँह पर रखा और रगड़ने लगा। अब वो फिर आँखे बंद कर के सिसकियाँ लेने लगी। आअह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह डाल दो यार अब नहीं रहा जाता डाल दो आअह्ह्ह आआह्ह्ह। मुझे पता था ये अभी छोटी है, चुदवाने के लिए तड़प तो रही पर मेरा लण्ड ये बर्दाश नहीं कर पायेगी। इसलिए मैंने हलके हलके से उसकी चूत में डालना शुरू किया। हलकी सी चीख के बाद उसकी आवाज बंद हो गयी। मैं धीरे धीरे उसकी चूत की गहराई में घुसता रहा। एक मिनट से ज्यादा लग गया मेरे लण्ड को उसकी चूत के अंदर जाने में। .
लण्ड पूरा घुस जाने के एक मिनट बाद उसे हल्का हल्का होश आया और वो मेरे गले में हाथ डाल कर बोली जैसा सुना था वैसा ही लण्ड है आपका यार। मेरी जान निकाल दी इसने। मैंने बोला कहाँ से सुना , उसने जवाब दिया बाद में बताउंगी पहले चुदवा लूँ। अब मैंने उसे किस किया और बोला कोई बात नहीं जान मेरे लण्ड के चर्चे तो जहा जाता हूँ हो ही जाते हैं। वो हंसने लगी और बोली सही बात है। अब मैंने उसकी दूसरी टांग भी उठा ली और उसने मेरी कमर पर लपेट ली। अब वो हवा में थी और मेरा लण्ड उसकी चूत में। मैंने अभी भी उसे दिवार के सहारे उठाया हुआ था। अब मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया लण्ड और लगातार उसके होंठो को चूसता रहा। धीरे धीरे मेरा लण्ड उसकी चूत में अपनी जगह बना चूका था और अब उसे भी मजा आने लगा था। अब वो अपनी गांड हिला हिला चुदवाने लगी और मैं भी धीरे धीरे स्पीड बढ़ाने लगा।
थोड़ी ही देर में मैंने रेलगाड़ी को पूरी स्पीड पर उसकी गुफा में दौड़ा दिया और उसके होंठ चूसने बंद किये। अब वो चीख रही थी और चुदाई के दर्द का मजा ले रही थी। आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह और तेज आआह्ह्ह आआह्ह्ह आअह्ह्ह और तेज करो चोदो राहुल चोदो मुझे तेज तेज से चोदो। लण्ड पूरा अंदर नहीं जा रहा किसी और तरह से चोदो। लिटा दो मुझे आअह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह। मैं उसे पांच मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा। फिर मैंने उसे निचे उतारा और वो खुद ही घोड़ी बन गयी और बोली ऐसे करो पूरा अंदर जायेगा। उसकी गांड भी उसका गाल की तरह चिकनी थी। इतनी सूंदर गांड मैंने आज दूसरी बार देखी थी। एक बार जब मैंने अपनी दीदी की सहेली को चोदा था और दूसरी बार आज। मैंने बोला यार जानवी तेरी गांड तो तेरे गालो जैसी चिकनी है यार। वो बोली कोई बात नहीं राहुल एक दो बार ऐसे चोदो फिर में गांड भी मरवाउंगी। आज तक मैंने गांड नहीं मरवाई है तो डरती हूँ। पर तुम प्यार से मरोगे तो मरवा लुंगी। अब उसने बिना बोले अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठायी और इशारा किया वो रुकना नहीं चाहती चुदना चाहती है।
मैंने फिर से उसकी चूत पर लण्ड रखा और इस बार जोर का झटका दिया। और एक ही बार में लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर समा गया। वो बोली आआह्ह्ह अब जाकर शांति मिल रही। अब राहुल जी घोडा बन जाओ प्लीज और मुझे अपनी घोड़ी बना लो। मैंने उसकी बाल खींचे और उसे जोर जोर से चोदने लगा। अब उसकी आवाज में पूरी हवस भर चुकी थी और मुझे उसके चीखने का कोई डर नहीं था। पुरे घर में सिर्फ हम दोनों थे। वो चिल्लाये जा रही थी बिना डरे आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ीयिस्सश्ठ आआअह्ह्ह स्स्स्सस्छ्हः ोुह्ह्ह जोर से राहुल और जोर से आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह मजा आ रहा है। आज पहली बार चुदाई का मजा ले रही हूँ मैं सिर्फ तुम्हारी वजह से यार। आयी लव यू राहुल और चोदो मुझे आअह्ह्ह आआह्ह्ह।
उसकी ये आवाजे और उसकी चिकनी गांड मुझे भी जोश से भर रही थी और मैं स्पीड बढ़ा रहा था हर झटके में । इस बार वो पंद्रह मिनट तक घोड़ी बानी रही और चुदती रही। अब वो सीधी हुयी और बोली मैं झड़ने वाली हूँ और अब असली मजा लेना चाहती हूँ। तुम लेट जाओ अब मैं तुम्हारे ऊपर चढूँगी। मैं लेट गया और वो मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गयी । अपनी गांड उठा कर उसने खुद ही लण्ड अपनी चूत में डाल लिया और उछलने लगी। इस तरह से मेरा लण्ड अब सीधे उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो उछलती रही और चीखती रही। थी तो अभी बच्ची पर चुदाई करवाने में माहिर थी। जिस तरह से वो मेरे ऊपर उछल रही थी पता लग रहा था कि ये अब बच्ची नहीं रही। अपने ही हाथो से अपनी चूचियां दबा रही थी और लगातार मुझे चोद रही थी। दस मिनट के बाद वो झड़ गयी और थक कर मेरे ऊपर ही लेट गयी। मेरा लण्ड अभी भी उसकी चूत में ही था। एक मिनट बाद मैंने उसे उठाया और बोला जानवी मैं नहीं झडा अभी। वो बोली ऐसा करो मेरी छाती पर बैठ जाओ और मेरा मुँह चोद लो।
मुझमे हिम्मत नहीं कि अब उठ कर लण्ड चुसू। अब वो लेट गयी और मैंने लण्ड उसके मुँह में डाल दिया और उसका मुँह चोदने लगा। वो थकी तो थी पर अभी भी पूरी तस्सली से मेरा लण्ड चूस रही थी। मैं अब झड़ने वाला था तो मैंने उसके मुँह से निकल लिया और मुठ मार कर उसके पुरे चेहरे पर अपना लण्ड का र
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