जल पर कविता : Best 3 Water Poem in Hindi | Jal Par Kavita – यहाँ जल पर बेहतरीन कविता प्रस्तुत है पढ़े और शेयर करना भूलें। जल पर कविता ‘पानी के पाप‘ धोकर हमने अपने पाप कर दिया जी पानी साफ।अब बूँद बूँद पीने को करो जी पेट भर जाप।। जाप करे जी जानवर, पेड़ पौधे और शैतानी इंसान।गुत्थम गुत्था प्यासे पडोसी, सिंचाई को टूट पड़े किसान।। किसान करे पानी की चोरी, सरकार करे कटौती।नदियों के देश में पानी का रोना, देखो किस्मत खोटी।। खोटी किस्मत सुधारने को लाया जी टैंकर पानी।कूद पड़ी हक़ जमाने, राजू की दादी, तेजू