चन्द माहिए 101/11 : होली पर
:1:
होली में सनम मेरे
थाम मुझे लेना
बहके जो कदम मेरे
:2:
घर घर में मने होली
Related Articles
हम भी खेलेंगे
आ मेरे हमजोली
;3:
"कान्हा मत छेड़ मुझे"
राधा बोल रही
"हट दूर परे, पगले !"
;4:
होली के बहाने से
बाज न आएगा
तू रंग लगाने से ।
:5:
क्यों प्रीत करे तन से
रंग लगा ऐसा
उतरे न कभी मन से ।
-आनन्द पाठक-
This post first appeared on गीत ग़ज़ल औ गीतिका, please read the originial post: here