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दोहे 13

  दोहे 13

जिस बच्चे का धर्म हो झूठ कपट औ’ छल
वह नेता बन जाएगा ,आज नहीं तो कल

निर्दल बाँधे राखिए , उन पर डोरे डार
ना जाने किस हौद में , दे अपना मुँह मार

धक्कम-धुक्की कीजिए, दे दे गाली पद
स्वयमेव बढ़ जाएगा राजनीति में  कद 

छल प्रपंच मद मोह द्वेष नेता की पहचान
साँपन काटे बच सके , इनसे बचै न प्रान

उड़न खटोला पे उड़ें, देख ग़रीबी रोय
जनता छप्पर पर टँगी, दर्द न पूछै कोय

पीड़ित शोषित दलित का आँसू पोछैं धाय
अगले कहीं चुनाव में वोट खिसक न जाए

एक दर्द बस एक टीस , निशदिन करे बेचैन
मंत्री की कुर्सी मिले,  जी में आवै चैन

-आनन्द.पाठक-


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