दोहे 11
नेतापदी के दोहरे ज्यों ए0के0 बन्दूक
देखन को छोट्न लगे वार जाए ना चूक
मंडल मंदिर दोनों खड़े काके लागूँ पाँव
आँत भू्ख से तड़प रही, चाय जिधर मिल जाए
Related Articles
कबिरा खड़ा बाज़ार में रथ यात्रा ठहराय
जो घर जारे और का सो इसमें चढ़ जाय
सीजनल कवि गावन लगे नए चुनावी गीत
बैठे ठाले से भली चन्दबरदायी रीति
गुंडन नियरे राखिए. होटल में ठहराय
वोटर जब गड़बड़ करे बूथ छाप करवाय
गठबंधन की बात सुन ,पत्नी करे पुकार
मै भी गठबंधन करूँ ,स्थायी दो-चार
नेता जी तो व्यस्त है तालमेल की बात
पत्नी उनकी घूमती और और के साथ
-आनन्द.पाठक-
This post first appeared on गीत ग़ज़ल औ गीतिका, please read the originial post: here