READ THIS ARTICLE IN ENGLISH Natural Remedies for Psoriasis
परिचय
सोरायसिस एक आम तरह त्वचा विकार है जो प्रदाह और सूजन के कुछ रूपों को जन्म देता जिनसे त्वचा की कोशिकाओं का जीवन चक्र बदल देता है। यह एक स्थायी तरह की जिद्दी ऑटोइम्यून (स्व-प्रतिरक्षित) बीमारी है जिसमें त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं. सोरायसिस में त्वचा की सतह पर कोशिकाओं का अत्यधिक तेजी से निर्माण होता है। नई त्वचा कोशिकायें चाँदी के रंग की मोटी परतों का निर्माण करती हैं जो खुजली, सूखेपन, और लाल चकत्तों के कारण व्यक्ति के लिए असुविधा और बेचैनी का कारण बनती है.
सोरायसिस का इलाज करने के लिए अनेक अनुसंधान किये गए हैं, और कुछ सफलताएँ भी मिली हैं, लेकिन अभी भी इसका कोई पूरा व सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन सोरायसिस के लक्षणों पर काबू प् सकने के लिए कई प्राकृतिक उपचार जरुर मौजूद हैं। इस लेख में इन प्राकृतिक उपचारों में से कुछ पर चर्चा की जाएगी। लेकिन, जारी रखने से पहले, बीमारी के बारे अधिक अच्छी तरह से जानकारी पाने के लिए, आइये संक्षेप में सोरायसिस के संभावित लक्षणों और कारणों पर नजर डालते हैं।
सोरायसिस के लक्षण
आपको कैसे पता लगे कि आपको सोरायसिस हुआ है? ऐसे कई लक्षण हैं, जिनसे आप पता कर सकते हैं आपको सोरायसिस है अथवा नहीं। सोरायसिस शरीर के कुछ ख़ास हिस्सों जैसे खोपड़ी, चेहरे, कोहनी, हथेलियों, पैरों, कमर पर और पैरों के तलवों पर पाया जाता है। यह पैर के पंजों के नाखूनों, मुंह, हाथ की उँगलियों के नाखूनों, और जननांगों को भी प्रभावित कर सकता है। सोरायसिस के सबसे आम लक्षण, विशेष रूप से प्लाक सोरायसिस के रोगियों में पाए जाने वाले लक्षण, निम्नानुसार हैं:
- खुजली, संवेदनशीलता, खरोंच और दर्द भरी त्वचा
- लाल त्वचा की पट्टी या हिस्से जिसमें कभी-कभी सफेद या चांदी के रंग की परतें भी होती हैं
- पैर के पंजों के नाखूनों और उँगलियों का बदरंग हो जाना या पैर के पंजों के नाखूनों में फंगस
- खोपड़ी पर डैंड्रफ के कुछ रूप
- कभी-कभी, नाखूनों की उँगलियों से पकड़ कमजोर या समाप्त हो जाती है जिससे खून आ सकता है या तेज दर्द होता है
- त्वचा का प्रभावित हिस्सा बदरंग हो जाता है, फट जाता है और खून भी आता है
- त्वचा के इस रोग के बारे में अत्यधिक सोचने और निराशा के कारण, कई बार भावनात्मक समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है
सोरायसिस के कारण
अधिकांश आयुर्विज्ञान चिकित्सक सोरायसिस के वास्तविक कारणों के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते। हालांकि, कुछ अध्ययनों के बाद, कई प्राकृतिक चिकित्सकों ने सोरायसिस के संभावित कारणों में से कुछ को इंगित किया है, और वे इस प्रकार हैं:
- भावनात्मक तनाव
- अस्वास्थ्यकर आहार
- मुश्किल प्रोटीन पाचन
- छोटी आंत की असंगत पारगम्यता
- लिवर की खराबी
- आनुवंशिकी
- अधिचर्म, त्वचा और रक्त में +T कोशिका संख्या में बढ़त
- विटामिन डी की कमी
- हार्मोन सम्बन्धी परिवर्तन
सोरायसिस के प्राकृतिक उपचार
सोरायसिस के प्राकृतिक उपचार का उद्देश्य समस्या की जड़ पर प्रहार करना और आपको आराम पहुँचाना होता है, वो भी बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के। जीवनशैली में परिवर्तन और कुछ नियमों की पालना करके सोरायसिस के इलाज में खासा फायदा प्राप्त किया जा सकता है, दवा की दुकानों का चक्कर काटने की जरुरत नहीं। सोरायसिस से लड़ने के लिए नीचे कुछ प्राकृतिक उपचार दिए गए हैं:
- शारीरिक व्यायाम करें और त्वचा को सूखेपन से बचा कर रखें: सोरियासिस से निपटने में ढेर सारा पानी पीना और नियमित रूप से से व्यायाम करना बेहद प्रभावी पाया गया है। शारीरिक व्यायाम से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह सुधरता है और साथ ही पसीने के माध्यम से शरीर से अवांछित पदार्थ भी बाहर निकलने लगते हैं। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीने से शरीर में हाइड्रेशन का स्तर भी ठीक बना रहता है। हाइड्रेटेड शरीर त्वचा का सूखापन दूर रखता है, और सूखापन सोरायसिस के रोगी के लिए ठीक नहीं होता। यानि, अपने शरीर को सोरायसिस से लड़ने में मदद करने के लिए पानी का भरपूर सेवन महत्वपूर्ण सहायता देता है। शरीर में 90% से अधिक पानी होता है, और सोरायसिस का मुकाबला करने के लिए जल के इस स्तर को लगातार बनाये रखना, मददगार साबित होता है। अपनी त्वचा को सूखेपन से बचाने का, खासकर सर्दियों के मौसम में, एक और आसान तरीका है, वो है ह्यूमिडिफायर (नमी प्रदायक) का प्रयोग करना।
- स्वस्थ आहार खाएं: जैसा कि अध्ययन किया गया था कि अपोषक आहार सोरायसिस के कारणों में से एक होता है, सोरायसिस को ठीक करने में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोरायसिस को बढ़ने से रोकने के लिए वसा-युक्त स्नैक्स और लाल मांस जैसे खाद्य पदार्थों को त्याग दें। सोरायसिस की ज्वलनशील प्रकृति के कारण मेवे, बीज, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और ठंडे पानी की मछली जैसे खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे जलन व सूजन के लक्षणों को कम करने के लिए जाने जाते हैं। एक और फायदेमंद त्वचा आहार जो त्वचा पर इस्तेमाल करने पर सुखद महसूस होता है, वह है जैतून का तेल।
- तनाव कम करें: सोरायसिस के कारकों में से एक तनाव भी है। तनाव को कम करने वाली हर गतिविधि अपनाएँ। ध्यान, प्रार्थना, सम्मोहन जैसी गतिविधियां तनाव प्रबंधन में काफी कारगर पायी गयी हैं। तनाव सोरायसिस के लक्षणों में वृद्धि करता है। योग को भी तनाव दूर करने में बेहद सहायक पाया गया है। हलके चिकित्सीय उपचार से पहले तनाव कम करने के अभ्यास और गतिविधियां, मात्र हलकी उपचारात्मक चिकित्सा के मुकाबले अधिक अच्छे परिणाम देती है। शरीर की मालिश भी सोरायसिस के लक्षणों को कम करने के लिए तनाव को कम करने का एक और बढ़िया तरीका है।
- शराब छोड़ें: एक अध्ययन से पता चला है कि शराब नॉन-लाइट बीयर पीने वाली महिलाओं में सोरायसिस की संभावना को बढ़ाता है। अल्कोहल को सोरायसिस का उद्दीपक पाया गया है। सोरायसिस से लड़ाई में अल्कोहल के सेवन से बचना बेहतर चुनाव है। सोरायसिस के उपचार के लिए स्वयं को अनुशासन में ढालने और अल्कोहल के सेवन से बचने में कोई बुराई नहीं।
- आयुर्वेद अपनाएँ: आयुर्वेद के ग्रंथों में सोरायसिस को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट जड़ी बूटियों की अनुशंसा की है। आयुर्वेदिक औषधियां समस्या के मूल पर चोट करती हैं और उपयुक्त आहार व जीवन शैली की पालना करने पर बहुत प्रभावी सिद्ध होती हैं।
- धूप का सेवन: 2001 के एक अध्ययन में पाया गया था कि सोरायसिस ग्रस्त लोगों में आम तौर पर विटामिन डी की कमी होती है। सूरज की रोशनी में रहना विटामिन डी का स्रोत माना जाता है अतः अपना पूरा दिन घर के अन्दर बिताने से बचें क्योंकि इससे विटामिन डी की कमी हो सकती है। दिन के समय कुछ देर धूप का सेवन सोरायसिस से लड़ने में मदद करता है।
- सुगंध आदि ना लगायें: अधिकांश इत्रों और साबुनों में उपस्थित रसायन और रंग आपकी त्वचा पर प्रदाह उत्पन्न कर सकते हैं और सोरायसिस के लक्षणों में वृद्धि कर सकते हैं। यद्यपि इनकी अच्छी गंध आपको खुशनुमा महसूस कराती है लेकिन वे सोरायसिस जनित प्रदाह में तीव्रता उत्पन्न करके आपको नुकसान पहुँचा सकते हैं। ऐसे सुगंधित पदार्थों से बचने के लिए हमेशा उत्पाद के लेबल पर अनजर डालें और देखें कि कहीं इनमें ऐसा कुछ तो नहीं जो सोरायसिस के लक्षणों को बढ़ा सकता हो।
निष्कर्ष
अलग त्वचा के लिए अलग उपचार! एक व्यक्ति के लिए जो कारगर हो वह दूसरे पर शायद काम ना करे। हालांकि, सोरायसिस का पूर्ण इलाज करने के लिए कोई एक समाधान उपलब्ध नहीं; किन्तु, उपरोक्त प्राकृतिक उपचार सोरायसिस के लक्षणों के कारण जनित असुविधा और परेशानियों को कम करने में मददगार पाए गए हैं। अनुशासन और ऐसे अभ्यासों में खुद को व्यस्त रखना, जो सोरायसिस की रोकथाम और उसे कम करने में सहायक होते हैं, आपके लिए हितकर रहेगा। सबसे महत्वपूर्ण, हर कीमत पर त्वचा को सूखेपन का शिकार होने से बचाएं।
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