उम्र के साथ-साथ इंसान की हड्डियां भी कमजोर होती जाती हैं। उनमें वो मजबूती नहीं रह जाती कि लोग हर काम बड़ी आसानी से कर लें। कुछ मामलों में तो हड्डियां बेहद ही कमजोर हो जाती हैं और इस स्थिति को 'ऑस्टियोपोरोसिस' कहा जाता है। इसकी वजह से हड्डियों में फ्रैक्चर भी हो सकता है और कभी-कभी तो हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि गिरने की वजह से उनके टूटने का भी डर रहता है। ऐसा कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में ज्यादातर देखने को मिलता है। ऑस्टियोपोरोसिस का कारण सही मात्रा में कैल्सियम न लेना हो सकता है। साथ ही अन्य पोषक तत्वों की कमी भी हड्डी में कमजोरी का कारण बन सकती है।
आपकी हड्डियों में ताकत भरने के लिए विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन बताया गया है. ये दोनों तत्व हड्डियों के निर्माण, उन्हें स्वस्थ बनाये रखने और लंबे समय तक उन्हें मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
कुछ समस्याएं हमें धीरे से घेरती हैं और इतनी बड़ी बन जाती हैं कि इलाज में वक्त लग जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस इन्हीं में से एक है जो शरीर में कैल्शियम की कमी से होती है।
ऑस्टियोपोरोसिस में अस्थि खनिज घनत्व (BMD) कम हो जाता है, हड्डियां खोखली व कमजोर पड़ने लगती हैं और हल्का दबाव पड़ने पर टूट जाती हैं| ऐसी स्थिति में हड्डी का फिर से जुड़ना मुश्किल हो जाता है। ऑस्टियो आर्थराइटिस में कार्टिलेज अपनी इलास्टिसिटी खो देता है।
25 साल की उम्र तक ही हड्डियां मजबूत होती हैं। 35 साल की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और आप पर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हड्डियां कमजोर होने पर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन हड्डियों को मजबूत करने के घरेलू उपायों की मदद से आप हर उम्र में स्वस्थ रह सकते हैं।
शरीर के लिए दो महत्वपूर्ण पोषक तत्व और खनिज क्रमशः विटामिन डी और कैल्शियम हैं. ये दोनों तत्व हड्डियों के निर्माण, उन्हें स्वस्थ बनाये रखने और लंबे समय तक उन्हें मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. विटामिन डी का अधिकांश भाग सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होता है जबकि कैल्शियम मुख्य रूप से हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर निर्भर करता है. इसलिए, हड्डियों की बीमारियों और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी स्थितियों से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर हों.
एसिडिटी की दवाएं
कई लोग सीने में जलन और हाइटल हर्निया के लिए दवाओं का सेवन करते हैं। कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिज पदार्थों के अवशोषण के लिए पेट में एसिड होना जरूरी होता है। अगर आप एसिड बनने से रोकने की कोई दवा ले रहे हैं तो इससे आपमें ऑस्टियोपोरासिस का खतरा बढ़ जाता है। इन दवाओं को सिर्फ 6 से 8 हफ्तों तक ही लेना सुरक्षित रहता है।
कैफीन से दूर रहें
एक कप कॉफी पीने से पेशाब के जरिए 150 मि.ग्रा कैल्शियम शरीर से बाहर निकल जाता है। कॉफी में और भी कई हानिकारक रसायन होते हैं जो कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में रुकावट पैदा कर सकते हैं। अगर आप कॉफी पीना ही चाहते हैं तो प्रत्येक कप के लिए 150 मि.ग्रा कैल्शियम लेने की मात्रा भी बढ़ा दें।
हरी सब्जियां
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जैसा कि यह एक सिद्ध तथ्य है, हरी सब्जियां पोषण का एक बड़ा स्रोत हैं. ब्रोकोली और गोभी जैसी सब्जियां शायद कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत हैं. हालांकि पालक इस श्रेणी में फिट बैठता है, इसमें ऑक्सीलिक एसिड होता है, जो मानव शरीर को अपने कैल्शियम को अवशोषित करने में समर्थ बनाता है.
रोजाना सेब का करें सेवन
हर रोज एक सेब खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रूक सकती है। दरअसल, सेब में पोलीफेनोल्स और फ्लवोनोइड्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। सेब को छिलका सहित खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
*अंडे की जर्दी
रोजाना सेब का करें सेवन
हर रोज एक सेब खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रूक सकती है। दरअसल, सेब में पोलीफेनोल्स और फ्लवोनोइड्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। सेब को छिलका सहित खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
*अंडे की जर्दी
अंडे प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं, खासकर अंडे की जर्दी (Egg yolk). हालांकि, यदि आप अपने शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो अंडे की जर्दी आपके खाने के लिए है.
हड्डियों की मजबूती के लिए अनानास भी है फायदेमंद
अनानास में मैंगनीज होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। दरअसल, शरीर में मैंगनीज की कमी से जोड़ों में दर्द और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए खाना खाने से पहले एक छोटी कटोरी अनानास का सेवन जरूर करें। आप रोजाना एक कप अनानास का जूस भी पी सकते हैं। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
तिल का बीज बनाता है हड्डियों को मजबूत
अपने आहार में तिल का बीज मिलाएं। यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है। दरअसल, तिल का बीज कैल्सियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए बेहद ही फायदेमंद हैं। आप रोजाना एक मुट्ठी भुने हुए सफेद तिल के बीज का सेवन कर सकते हैं। आप इसे गर्म दूध में भी डालकर पी सकते हैं।
मछली का तेल बनाता है हड्डियों को मजबूत
अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली के तेल का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों और मांसपेशियों को पहुंचने वाले नुकसान को कम करते हैं।
सोया दूध या टोफू
हड्डियों की मजबूती के लिए अनानास भी है फायदेमंद
अनानास में मैंगनीज होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। दरअसल, शरीर में मैंगनीज की कमी से जोड़ों में दर्द और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए खाना खाने से पहले एक छोटी कटोरी अनानास का सेवन जरूर करें। आप रोजाना एक कप अनानास का जूस भी पी सकते हैं। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
तिल का बीज बनाता है हड्डियों को मजबूत
अपने आहार में तिल का बीज मिलाएं। यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है। दरअसल, तिल का बीज कैल्सियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए बेहद ही फायदेमंद हैं। आप रोजाना एक मुट्ठी भुने हुए सफेद तिल के बीज का सेवन कर सकते हैं। आप इसे गर्म दूध में भी डालकर पी सकते हैं।
मछली का तेल बनाता है हड्डियों को मजबूत
अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली के तेल का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों और मांसपेशियों को पहुंचने वाले नुकसान को कम करते हैं।
सोया दूध या टोफू
सोया दूध, टोफू या अन्य सोया आधारित भोजन हड्डियों के लिए बेहद समृद्ध हैं. यह विटामिन डी से समृद्ध है और इसलिए हड्डियों के लिए एक स्वस्थ खाद्य उत्पाद बनाता है.
*रोज कम से कम तीन लीटर पानी पिएं तो कमर, गर्दन का दर्द सहित अन्य परेशानियां नहीं होंगी क्योंकि शरीर में 90 प्रतिशत पानी है। पानी कम होगा तो असंतुलन होगा।
*रोज 25 मिनट धूप में गुजारने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है जो हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।इसके अलावा धूप में बैठकर शरीर की मालिश करना।
*हफ्ते में चार दिन पैदल चलना व व्यायाम करना हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।
*रोज कम से कम तीन लीटर पानी पिएं तो कमर, गर्दन का दर्द सहित अन्य परेशानियां नहीं होंगी क्योंकि शरीर में 90 प्रतिशत पानी है। पानी कम होगा तो असंतुलन होगा।
*रोज 25 मिनट धूप में गुजारने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है जो हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।इसके अलावा धूप में बैठकर शरीर की मालिश करना।
*हफ्ते में चार दिन पैदल चलना व व्यायाम करना हड्डियां मजबूत करने के लिए जरूरी है।
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