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अकरकरा के फायदे एवं नुकसान




  यह जड़ी बूटी अक्सर पुरानी पत्थर की दीवारों, फुटपाथ, चट्टानों और घर की दरारों या खंडहरों में बढ़ता है। यह एक बारहमासी पौधा होता है जो कैमोमाइल की तरह दिखता है। स्वाद में यह तीखा होता है और एक हल्दी गंध भी इससे आती रहती है। इसका पौधा 2 से 3 इंच तक पतला होता है। आमतौर पर इस पौधे पौधा ज्यादातर शरीर पर कामोद्दीपक प्रभाव के लिए जाना जाता है और सूखे पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में मुख्य रूप से अकरकरा को कामोत्तेजक औषधियों के वर्ग में रखा गया है। इसके समान गुण वाली ही अन्य औषधियां जैसे अश्वगंधा शतावरी आदि को इसके साथ प्रयोग करने से बल वीर्य व कामेच्छा में वृद्धि होती है।
शीत प्रवृति अर्थात कफज प्रकृति के लोग यदि अकरकरा का प्रयोग करते हैं तो यह औषधि उन्हें अत्यंत लाभ पहुंचाती है।
  इसका उपयोग आमतौर पर दांत के दर्द से राहत देने और लार के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। दांत के दर्द से राहत पाने के लिए इसके जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। यह मुंह और गले के सूखापन की स्थिति को भी दूर करता है और लार बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। दांत के दर्द को दूर करने के लिए कॉटन बॉल पर इसके तेल की बूंदे लगाकर उसके प्रभावित दांत या मसूड़ों पर लगाने से राहत मिलती है।
वहीं, मुंह के अंदर लार बनाने की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए पानी में इसके तेल की बूंदे मिलाकर उससे गरारा करने से लाभ मिलता है।
इसके अलावा यह सिर और चेहरे की नसों में दर्द से भी राहत दिलाता है।
स्ट्रोक के प्रभाव को कम करने के लिए नियमित तौर पर मरीज को इसकी जड़ें चबाने का भी निर्देश दिया जाता है।
हालांकि, इसका इस्तेमाल करते ध्यान रखें कि प्रभावित त्वचा पर कोई खरोंच या चोट के कटने के निशान न हों। ऐसा होने पर प्रभावित जगह में जलन, खुजली और लालिमा की समस्या हो सकती है।
इसका जड़ का चूर्ण सिर और नाक के पुराने घावों को भी जल्दी भरने में मदद कर सकता है।
इसका इस्तेमाल मिर्गी के प्रभाव को भी कम करने के लिए किया जाता है।
सिर दर्द को कम करने के लिए इसकी जड़ का चूर्ण नाक में डालने से छींक आती है और सिरदर्द में आराम मिलता है।
कुछ लोग अकरकरा का इस्तेमाल अर्थराइटिस के इलाज और पाचन तंत्र को सुधारने में करते हैं।
कुछ लोग दांत दर्द में सीधे ही अकरकरा को मसूड़ों और त्वचा पर कीड़े मारने के लिए इसे लगाते हैं।
अकरकरा के फायदे- * अगर आपको दांत में दर्द हो रहा है या दांतो में कीड़े पड़ गए हैं तो इन सभी समस्याओं का अकरकरा से इलाज किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार अकरकरा का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतो से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है. 
* मुंह की दुर्गंध की वजह से आपको लोगों के बीच शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अकरकरा आपकी काफी मदद कर सकता है. इसके लिए अकरकरा, माजूफल, नागर मोथा, भुनी हुई फिटकरी, सेंधा नमक और काली मिर्च सबकी एक बराबर मात्रा में पीसकर मंजन बना लें और फिर प्रतिदिन इस मंजन से ब्रश करें. आपके सांसो की बदबू दूर हो जाएगी.
 * यदि आप पेट दर्द से परेशान हैं तो अकरकरा की जड़ के चूर्ण में चुटकी भर हिंग का चूर्ण मिलाकर बाद में उसमें थोड़ी सी भुनी हुई सौंफ मिलाकर रख लें.
जब भी पेट दर्द हो तो सुबह और शाम को खाना खाने के बाद आधा चम्मच इसक सेवन करें. पेट दर्द से छुटकारा मिलेगी. 

स्पर्म काउंट को बेहतर बनाएं अकरकरा- 

* आजकल की जीवन शैली और आहार का बुरा प्रभाव सेक्स लाइफ पर पड़ रहा है. जिसके कारण सेक्स संबंधित समस्याएं होने लगी है.

यदि आप भी ऐसी समस्या से परेशान है तो 1 ग्राम अकरकरा चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करने से स्पर्म काउंट में बढ़ोतरी होने लगेगी. * अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो अकरकरा की जड़ के चूर्ण को अखरोट के तेल में मिलाकर मालिश करने से कमर दर्द, साइटिका में काफी लाभ होता है, * मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे- मासिक धर्म होने के दौरान दर्द होना, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव दर्द के साथ होना इन सब में अकरकरा बहुत फायदेमंद है. इसके लिए अकरकरा मुल का काढ़ा बनाएं अब 10 मिलीलीटर काढ़े में चुटकी भर हींग डालकर कुछ महीनों तक सुबह-शाम पीने से मासिक धर्म ठीक होता है.
इससे मासिक धर्म से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती है.

सिर दर्द में अकरकरा के फायदे- 

प्राचीन काल से ही भारतीय गांवों के स्त्री पुरुष अकरकरा का प्रयोग सिर दर्द जैसे समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग करते आ रहे हैं। सिर दर्द को दूर करने के लिए अकरकरा की जड़ या इसके फूलों को पीसकर फिर इसके पश्चात इसे हल्का गर्म करके माथे पर लेप करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।

दांतों की समस्या में अकरकरा के फायदे-

दातों में भी कीड़े लग गए हो अथवा दातों के मसूड़ों में सूजन आ गई हो या थोड़ा बहुत रक्त स्त्राव होता हो तो यदि आप अकरकरा का चूर्ण अपने दांतो में मिलते हैं तो बहुत ही जल्द दांतो की यह सभी समस्याएं दूर होने लगती हैं।

अकरकरा करें मुंह की बदबू दूर-

अकरकरा का प्रयोग करके आप मुंह की बदबू से भी छुटकारा पा सकते हैं। इस प्रयोग को करने के लिए अकरकरा के साथ माजूफल, भुनी हुई फिटकरी, काली मिर्च, सेंधा नमक और नागर मोथा का प्रयोग समभाग मात्रा में किया जाता है। इन सभी सामग्रियों का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम प्रतिदिन मंजन करने से दातों के सभी रोग दूर हो जाते हैं, मसूड़े स्वस्थ बन जाते हैं तथा मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।

अकरकरा करे सांसों की समस्याओं को दूर- 

 अकरकरा का नियमित प्रयोग आपकी सांसों की समस्याओं को भी दूर कर सकता है। इस प्रयोग को करने के लिए आपको अकरकरा के चूर्ण को पहले कपड़े से छान लेना चाहिए और इसे सावधानीपूर्वक धीरे-धीरे सूंघना चाहिए।

पेट दर्द में अकरकरा के फायदे-

दोस्तों अक्सर घर के बाहर का फास्ट फूड गोलगप्पे मसालेदार भोजन आदि खाने से पेट में गैस और बदहजमी की समस्या होना आम बात है। इस समस्या को दूर करने के लिए यदि हम अकरकरा के चूर्ण को छोटी पिपली के चूर्ण को लेकर समान मात्रा में मिला लें और इसमें थोड़ा सौंफ मिलाकर सेवन करें तो पेट की यह समस्या जल्द ठीक हो जाती है।

अकरकरा रखे हदय को सेहतमंद-

जी हां दोस्तों अन्य बीमारियों को दूर करने के साथ-साथ अकरकरा हृदय को भी स्वस्थ बनाए रखने में बहुत ही फायदेमंद है। कमजोर हृदय वाले रोगियों के लिए तो अकरकरा किसी वरदान से कम नहीं है।
इस समस्या को दूर करने के लिए अकरकरा का चूर्ण लेकर उसकी दोगुनी मात्रा में अर्जुन छाल का चूर्ण लेना चाहिए। इन दोनों को मिलाकर सुबह शाम आधा-आधा चम्मच लेकर सेवन करने से हृदय की तमाम समस्याओं से जल्द ही छुटकारा मिल जाता है।

महिलाओं के मासिक चक्र को सुधारे अकरकरा- 

दोस्तों अक्सर बहुत सी महिलाएं मासिक धर्म के दिनों तमाम परेशानियों का सामना करती हैं जिनमें अधिक रक्त स्राव, कम रक्त स्राव, अनियमित रक्त स्राव या अधिक दर्द आदि प्रमुख हैं।
इस समस्या को दूर करने के लिए अकरकरा की जड़ का काढ़ा बनाना चाहिए। लगभग 10 ml काढ़े में चुटकी भर हींग डालकर सुबह शाम कुछ माह तक सेवन करने से मासिक धर्म ठीक होने लगता है साथ ही साथ इस दौरान होने वाले दर्द में भी कमी आती है।

अकरकरा करे मिर्गी की समस्या को दूर

जी हां दोस्तों आकर करा का प्रयोग करके मिर्गी रोग को भी ठीक किया जा सकता है। इस प्रयोग में अकरकरा के फूल या जड़ को सिरके में पीस लिया जाता है तथा इसमें थोड़ा सा शहद भी मिलाया जाता है। 5 से 10 मिलीलीटर इस मिश्रण का सेवन कराने से रोगी की हालत में सुधार देखने को मिलता है।





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