चिंता (Anxiety) जीवन की एक सामान्य समस्या है। हालांकि, चिंता सभी प्रकार से बुरी नहीं है। कुछ सामान्य चिंताए व्यक्ति को भविष्य में आने वाले खतरे से अवगत कराती हैं, व्यक्ति को व्यवस्थित और तैयार रहने के लिए प्रेरित करती हैं, और जोखिमों की गणना करने में आपकी सहायता करती हैं। लेकिन जब मानव चिंताए इतनी बढ़ जाती हैं कि वह दैनिक कामकाज में रूकावट डालने लगती हैं, तो इनका सही समय पर निपटारा किया जाना आवश्यक हो जाता है। चिंता के कारण जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय अपनाये जा सकते है।
एंग्जायटी यानी चिंता इंसान को मानसिक और शारीरिक रूप से झकझोर कर रख देती है। इसमें व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाता है और घबराहट महसूस होती है।
चिंता या घबराहट एक मानसिक विकार है, जो किसी बात या काम को लेकर अधिक सोचने से उत्पन्न होता है। चिंता की वजह से आपकी रातों की नींद खराब हो सकती है। इससे कई तरह के मानसिक और शारीरिक रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मानसिक तनाव से बाहर आने के लिए कई लोग दवाई का भी सहारा लेते हैं, लेकिन कभी-कभी उन दवाइयों का बुरा असर भी हो सकता है।
चिंता के लक्षण
घबराहट के लक्षण को छुपाया नहीं जा सकता है। यह आसपास के लोगों को भी दिखने लगता है। इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं
कमजोरी
सांस लेने में समस्या
ह्रदय गति का तेज होना
सिर चकराना
भूख न लगना
नींद न आना
किसी काम को लेकर ठीक से ध्यान न लगना
ज्यादा पसीना आना
जी मिचलना
ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें
तनाव दूर करे के लिए ब्रीथिंग करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। इस दौरान आप पेट को बाहर करते हुए सांस लें, थोड़ी देर रूकें और फिर पेट को अंदर करते हुए अपनी श्वास को छोड़ें। जबतक ठीक न लगने लगे तब तक इसे करते रहें। ब्रीथिंग करते वक्त दिमाग को अच्छे विचारों की तरफ केंद्रित करने का प्रयास करें।
हाथों- ऊंगलियों की एक्सरसाइज करें
बेचैनी होने पर अपने आस-पास देखिए। उन चीजों का नाम लें जिन्हें आप सुन रहे हों। इसके बाद हाथों, ऊंगलियों और टखने को हिलाइए। तनाव के वक्त व्यक्ति न जाने क्या-क्या सोचता है, ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप ये सारी चीजें करके देख लें। आपका मन शांत हो जाएगा।
*जब भी कभी आपको एंग्जायटी अटैक आए तो दस तक गिनती करें और 4 से 5 बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। गहरी सांसें लेने से दिल की धड़कन धीमी हो जाती हैं जिससे शांत होने में मदद मिलती है।
गाजर
सामग्री :
ताजी गाजर
मिक्सर
उपयोग की विधि :
गाजर को मिक्सर में पीसकर जूस बना लें।
फिर इस ताजे जूस को पिएं।
कितनी बार करें उपयोग :
इसे रोज सुबह पीने से मूड अच्छा रहता है। साथ ही सेहत के लिए भी लाभदायक होता है।
कैसे है फायदेमंद :
गाजर में विटामिन ए, विटामिन सी व विटामिन-के के साथ-साथ फाइबर व पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। गाजर में पाया जाने वाला पोटैशियम चिंता और तनाव से राहत देने का काम करता है| इसलिए, गाजर का उपयोग घबराहट के उपचार में किया जा सकता है।
पालक
सामग्री :
ताजी हरी पालक
उपयोग की विधि :
पालक को मिक्सर में पीसकर जूस बना लें।
फिर इसे पी लें।
पालक को सब्जी के तौर पर भी खा सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग :
प्रतिदिन 1 गिलास तक जूस पी सकते हैं।
आप रोज एक कप सब्जी भी खा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
पालक का सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना जाता है। इसमें एंटी स्ट्रेस और एंटी डिप्रेसिव प्रभाव पाए जाते हैं, जो आपको तनाव मुक्त रहने में मददगार साबित होते हैं। इसमें मौजूद कैलोरीज, रक्त में कॉर्टिकोस्टेरोन (एक तरह का हार्मोन) की मात्रा को कम करने का काम करती है। इससे तनाव से राहत मिलने मदद मिलती है। इसलिए, चिंता से मुक्ति के लिए पालक का सेवन करना चाहिए
चिंता से बचने के उपाय
खुल के हंसना–
तनाव या चिंता का कारण कुछ भी हो सकता है, लेकिन इससे बचने के लिए आपको हमेशा खुश रहना चाहिए। खुल कर हंसने से किसी भी चीज को लेकर चिंता कम हो जाती है। इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर देखा जा सकता है
व्यायाम–
मॉर्निंग व इवनिंग वॉक, जॉगिंग और व्यायाम आपको चिंता मुक्त रखने में मदद कर सकता है। रोज खुली हवा में थोड़ी देर सैर करने से तनाव से मुक्त होने में मदद मिलती है
मेडिटेशन–
मेडिटेशन के सहारे दिमाग को किसी वस्तु या विचार पर केंद्रित किया जाता है। इससे मानसिक और भावनात्मक रूप से शांति प्राप्त हो सकती है। योग की तरह ही ध्यान भी न्यूरोट्रांसमीटर को ट्रिगर करता है, जो चिंता के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायता पहुंचाता है
खुद की बुराई ना करें ;
खुद की बुराई, खुद को कोसना, अपने को कम आंकना, हर समस्या के सामने अपने को छोटा समझनाभय को जन्म देता है और यही डर और भय की भावना चिंता का रूप धारण कर लेती है और धीरे-धीरे चिंता विकराल होती जाते है। यदि आप सच में चिंता से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कभी भी अपनी निंदा ना करें। अपने को किसी से कम ना आंकें।
खुद की बुराई, खुद को कोसना, अपने को कम आंकना, हर समस्या के सामने अपने को छोटा समझनाभय को जन्म देता है और यही डर और भय की भावना चिंता का रूप धारण कर लेती है और धीरे-धीरे चिंता विकराल होती जाते है। यदि आप सच में चिंता से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कभी भी अपनी निंदा ना करें। अपने को किसी से कम ना आंकें।
पर्याप्त नींद –
अच्छी नींद लेने पर चिड़चिड़ापन और तनाव आपसे दूर रहता है। साथ ही चिंता को खत्म करने में भी मदद मिलती है। इसलिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए
डीप ब्रीदिंग –
जब हम अधिक तनाव में होते हैं, तो आंखें बंद करके गहरी सांस लेने लगते हैं। इससे तनाव से राहत मिलती है। गहरी सांस लेने से शरीर में ऊर्जा का सही से प्रवाह होने लगता है, जो आपको चिंता मुक्त रखने का भी काम करता है
चिंता के लिए आहार
फाइबर और ओमेगा-3-पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड युक्ता खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
पालक
स्ट्रॉबेरी
गाजर
संतरा
बादाम
सौंफ
मंत्र चिकित्सा
बहुत से लोगों को अनावश्यक भय और चिंता सताती रहती है जिसके कारण वे तनाव में रहने लगते हैं। तनाव में रहने की आदत भी हो जाती है जिसके चलते व्यक्ति कई तरह के रोग से भी घिर सकता है।* ऐसे व्यक्ति को मन ही मन हनुमानजी के मंत्र 'ॐ हनुमते नम:' या 'ॐ हनुमंते नम:' का जप करते रहना चाहिए।
* रात में सोते समय उसे 108 बार इस मंत्र का जप करके सो जाना चाहिए और सुबह उठकर नित्यकर्म से निपटने के बाद एक आसन पर बैठकर इस मंत्र का जप करना चाहिए।
इस सरल उपाय से धीरे-धीरे भय, चिंता, तनाव और आशंका मिटने लगेंगे, और जीवन खुशियों से भर जाएगा।