Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

व्हीटग्रास (गेहूं के जवारे) के रस और पाउडर के फायदे /wheat grass benefits


 प्रकृति ने हमें अनेक अनमोल चीजें दी हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती हैं. व्हीटग्रास ट्रिटिकम एस्टीवम या आम गेहूं की ताजी पत्तियों से तैयार किया जाता है. व्हीटग्रास का सेवन शरीर में सभी जरूरी तत्वों की कमी को पूरा करने में मदद करता है. व्हीटग्रास में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें क्लोरोफिल, फ्लेवोनोइड्स, विटामिन-सी और विटामिन-ई बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. व्हीटग्रास जूस  wheat grass  juice में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है. जो आपके वजन को कम करने में भी मदद कर सकती है. व्हीटग्रास को डायबिटीज, कैंसर, त्वचा रोग, मोटापा, किडनी और पेट संबंधी रोग के उपचार में लाभकारी माना जाता है. व्हीटग्रास जूस का इस्तेमाल इंस्टेंट एनर्जी पाने के लिए भी किया जाता है. 
 गेहूं के जवारे wheat kernels को जिसे हम आपतौर पर वीट ग्रास भी बोलते हैं, बहुत स्वास्थ्यवर्धक व चिकित्सकीय गुणों वाले होते हैं। प्राचीन काल से ही हिन्दुस्तान के चिकित्सक गेहूँ के ज्वारों को विभिन्न रोगों जैसे अस्थि-संध शोथ, कैंसर, त्वचा रोग, मोटापा, डायबिटीज आदि के उपचार में प्रयोग कर रहे हैं। जब गेहूं के बीज को अच्छी उपजाऊ जमीन में बोया जाता है तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती है। जब यह अंकुरण पांच-छह पत्तों का हो जाता है तो अंकुरित बीज का यह भाग गेहूं का ज्वारा कहलाता है।

सेहत के फायदे

गेहूं के ज्वारों में शुद्ध रक्त बनाने की शक्ति होती है, तभी तो इन ज्वारों के रस को `ग्रीन ब्लड′ कहा गया है। इसे ग्रीन ब्लड कहने का एक कारण यह भी है कि गेहूं के ज्वारे के रस और मानव रूधिर दोनों का पी.एच. फैक्टर 7.4 ही है, जिसके कारण इसके रस का सेवन करने से इसका रक्त में अभिशोषण शीघ्र हो जाता है।
गेहूं के ज्वारे का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्लोरोफिल। यह क्लोरोप्लास्ट नामक विशेष प्रकार के कोषो में होता है। क्लोरोप्लास्ट सूर्य किरणों की सहायता से पोषक तत्वों का निर्माण करते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर वर्शर क्लोरोफिल को `सकेन्द्रित सूर्य शक्ति′ कहते हैं। वैसे तो हरे रंग की सभी वनस्पतियों में क्लोरोफिल होता है, किन्तु गेहूं के ज्वारे का क्लोरोफिल बड़ा ही श्रेष्ठ होता है। क्लोरोफिल के अलावा इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम और एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है।

कोलेस्ट्रॉल करता है कम-

व्हीटग्रास जूस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है. अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो इससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है.

ब्लड शुगर को करता है संतुलित- 

व्हीटग्रास का जूस wheat grass  juice ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है और ये तो आप जानते ही होंगे कि अगर शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाए तो उससे कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.गेहूं के ज्वारे रक्त व रक्तसंचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, डायबिटीज, कैंसर, त्वचा रोग, मोटापा, किडनी आैर पेट संबंधी रोग के उपचार में लाभकारी हैं।
गेहूं के ज्वारे में क्षारीय खनिज होते हैं, जो अल्सर, कब्ज और दस्त से राहत प्रदान करता है। यह एग्जिमा, सर्दी-खांसी और दमा में लाभकारी हैं। मौसमी बीमारियों के साथ-साथ यह मलेरिया में लाभकारी है। डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है।
थायराइड, हृदयरोग व रक्तचाप में भी लाभकारी है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
रोगी के अलावा स्वस्थ्य व्यक्ति भी इसका सेवन कर सकता है। इसका रस पाचन क्रिया को तेज करता है। शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकालकर शरीर को मजबूत बनाता है और तुरंत शक्ति प्रदान करता है।
  गेहूं के ज्वारे wheat kernels को चबाने से गले की खराश और मुंह की दुर्गंध दूर होती है। इसके रस के गरारे करने से दांत और मसूड़ों के इन्फेक्शन में लाभ मिलता है। त्वचा पर ज्वारे का रस लगाने से त्वचा में चमक आती है।
जब गेहूं के बीज को उपजाऊ मिट्टी में बोया जाता है, तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती हैं। जब यह अंकुरण पांच-छह पत्तों का हो जाता है, तो अंकुरित बीज का यह भाग गेहूं का ज्वारा कहलाता है। अच्छी किस्म के जैविक गेहूं के बीज को बोने के लिए उपजाऊ मिट्टी और जैविक या गोबर की खाद का उपयोग करें। रात को सोते समय लगभग आवश्यकतानुसार गेहूं को एक पात्र में भिगोकर रखें।
दूसरे दिन गेहुओं को धोकर गमले में बिछाएं और ऊपर से मिट्टी डालें और पानी से सींच दें। गमले को किसी छायादार जगह पर रखें, जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो, पर सीधी धूप से बचाएं। 5-6 दिन बाद 7-8 इंच लंबे ज्वारे हो जाएं, तो इनको जड़ सहित उखाड़कर अच्छी तरह से धो लें। फिर इसे पीस लें। करीब आधा गिलास पानी मिलाकर इसे छान लें आैर सुबह खाली पेट पिएं।
  एक घंट तक कोई भी आहार या पेय पदार्थ न लें। ज्वारे के रस में फलों और सब्जियों के रस जैसे सेव, अन्नानास आदि के रस को मिलाया जा सकता है। हां, इसे कभी भी खट्टे रसों जैसे नींबू, संतरा आदि के रस में नहीं मिलाएं, क्योंकि यह ज्वारे के रस में विद्यमान एंजाइम्स को निष्क्रिय कर देती है।

विटामिन्स का पिटारा

आहारशास्त्री विग्मोर ने कई प्रकार की घासों पर परीक्षण किया और उन्होंने गेहूं के ज्वारों को सर्वश्रेष्ठ पाया। उनके अनुसार गेहूं के ज्वारों में 13 प्रकार के विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जिसमें विटामिन बी-12, कई खनिज लवण, सेलिनियम और सभी 20 अमीनो अम्ल पाए जाते हैं।
  गेहूं के ज्वारे में पाया जाने वाला एंजाइम्स शरीर को विषाक्त द्रव्यों से मुक्त करता है। इसलिए इसे आहार नहीं वरन अमृत का दर्जा भी दिया जा सकता है। गेहूं के ज्वारे की उपयोगिता को अमेरिका, यूरोप, एशिया और भारत के अनेक राज्यों में लोग तेजी से अपना रहे हैं और नियमित रूप से सेवन कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए प्रकृति ने हमें कई अनमोल नियामतें दी हैं। उन्हीं में से एक है गेहूं के ज्वारे। औषधीय गुणों को देखते हुए आहार विशेषज्ञों ने भी इसे प्रकृति की संजीवनी बूटी कहा है।

व्हीटग्रास जूस पीने के फायदेः

1. मोटापाः

आपको बता दें कि व्हीटग्रास जूस के सेवन से मोटापे की समस्या को कम किया जा सकता है. व्हीटग्रास में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है. इसमें फाइबर के गुण अधिक पाए जाते हैं जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ कराने का एहसास कराते हैं. जिसके चलते आप अधिक खाने से बचे रहते हैं मोटापे की समस्या को कम कर सकते है.

2. पाचनः

व्हीटग्रास को पाचन के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें कई तरह के एंजाइम्स उचित मात्रा में पाए जाते हैं जो कि शरीर में भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को उचित ढंग से इस्तेमाल करने में सहायता कर सकते हैं. इसमें विटामिन-बी, एमीनो एसिड और ऐसे एंजाइम्स होते हैं, जो खाना पचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा रोजाना इसका सेवन ब्लड सर्क्युलेशन को ठीक रखने में भी मदद करता है.

3. कैंसरः

व्हीटग्रास में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. जो शरीर की गंदगी को साफ करने में मदद कर सकते हैं. इतना ही नहीं इसमें कई तरह के एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरे से बचाने में मदद कर सकती है.

4. कोलेस्ट्रॉलः

व्हीटग्रास जूस का इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम किया जा सकता है. व्हीटग्रास एट्रोवास्टेटिन के समान प्रभाव पैदा करता है जो हाई बल्ड प्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है,

5. सूजनः

व्हीटग्रास को सूजन के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. व्हीटग्रास आंतों की सूजन की वजह से होने वाले अल्सरेटिव कोलाइटिस की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं.

डिटॉक्स होता है शरीर –

व्हीटग्रास में पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करते हैं. उदाहरण के लिए गेहूं के ज्वारे में पाए जाने वाले क्लोरोफिल शरीर को डिटॉक्स करने में हेल्प करता है और साथ ही हेल्दी लिवर फंक्शन को बढ़ावा देता है. जब एक बार आपका शरीर साफ हो जाता है तो शरीर के ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है और इंसान स्वस्थ्य रहता है.

बुढापा आने से रोके: 

व्हीटग्रास पाउडर मुक्त कणिंकाओं से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसमें प्राकृतिक उम्र बढ़ने से रोकने वाले गुण मौजूद हैं जो कोशिकाओं की कायाकल्प में मदद करते हैं, इस तरह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। यह सैगिंग त्वचा की समस्या से निपटता है और त्वचा की लोच को बनाये रखता है, इस प्रकार त्वचा की युवा चमक को पुनर्जीवित करता है।

वैरिकाज़ नसों की रोकथाम:

इस पूरक की नियमित खुराक वैरिकाज़ नसों के विकास की संभावना को कम कर देती है।

बवासीर का उपचार:

कई लाभकारी पोषक तत्वों के अपने संयोजन के कारण, व्हीटग्रास पाउडर बवासीर के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका श्रेय इसमें मौजूद क्लोरोफिल, फाइबर, विटामिन तथा खनिजों की उपस्थिति को है, जो बवासीर के इलाज में बहुत कारगर साबित होते हैं। इस प्रयोजन के लिए,लगातार 3 महीने तक दिन में दो बार व्हीटग्रास पाउडर लेना चाहिए।

मुँहासों का उपचार: 

व्हीटग्रास पाउडर, अपनी विषरोधीय प्रक्रिया के माध्यम से, मुँहासे को निकलने से रोकता है। तथा स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देता है। व्हीटग्रास पाउडर और दूध से बने पेस्ट लगाने से मुँहासे, झुर्रियां, काले / सफेद सिर के बाल व त्वचा के उपचार में कारगर है।

मधुमेह के लिए प्राकृतिक उपचार: 

व्हीटग्रास पाउडर खास तौर पर मधुमेह रोगियों के लाभदायक होता है, क्योंकि यह कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण में विलम्ब उत्पन्न करके रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है। इस प्रकार, यह प्राथमिक या काफी उन्नत चरण की मधुमेह को भी नियंत्रित कर सकता है।

एनीमिया में उपयोगी: 

व्हीटग्रास में निहित क्लोरोफिल की आणविक संरचना मानव रक्त में हीमोग्लोबिन के समान होती है। व्हीटग्रास पाउडर में पाये जाने वाले क्लोरोफिल के उच्च स्तर को शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है, खून को मात्रा में वृद्धि होती है व हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य हो जाता है। इस प्रकार व्हीटग्रास पाउडर एनीमिया के इलाज में मदद करता है। 

प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है 

यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन शक्ति को भी बढ़ाने में मदद करता है। जोश में वृद्धि करता है, तथा गर्भधारण में सहायक सिद्ध होता है।

आँखों के लिए फायदेमंद: 

व्हीटग्रास wheat grass अनुपूरक जैसे कि व्हीटग्रास पाउडर की नियमित खुराक आपकी आँखों की रोशनी को बढ़ाता है।


प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब  रुकावट की कारगर हर्बल औषधि  

किडनी फेल (गुर्दे खराब ) की   रामबाण   औषधि

सिर्फ आपरेशन नहीं ,किडनी की पथरी की १००% सफल हर्बल औषधि 

पित्ताषय की पथरी के रामबाण हर्बल उपचार 

-आर्थराइटिस(संधिवात),गठियावात ,सायटिका की तुरंत असर हर्बल औषधि






This post first appeared on Bimari Aur Nuskhe, please read the originial post: here

Share the post

व्हीटग्रास (गेहूं के जवारे) के रस और पाउडर के फायदे /wheat grass benefits

×

Subscribe to Bimari Aur Nuskhe

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×