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गिलोय के फायदे और उपचार




प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता रहा है। इनमें मौजूद औषधीय गुण शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में सक्षम माने जाते हैं। कई जड़ी-बूटियां इतनी प्रचलित हैं कि उनके बारे में सब जानते हैं। वहीं, कुछ ऐसी भी हैं, जिनसे बमुश्किल ही कोई परिचित हो। इन्हीं में से एक है, गिलोय। इसका नाम तो संभवतः हर किसी ने सुना होगा, लेकिन इसके समस्त गुणों और फायदों के बारे में शायद लोगों को ज्यादा पता न हो।
गिलोय क्या है
गिलोय एक औषधि है जो कई बीमारियों में काम आती है। अगर बीमारी नहीं है तो भी इसका इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इसके इस्तेमाल से हम बीमारियों से बचे रहते हैं। गिलोय एक कभी न सूखने वाली लता है। इसकी बेल देखने में तो रस्सी जैसी लगती है लेकिन इसके कोमल तने और शाखाओं से जड़ें निकलती हैं। इसकी बेल पर पीले और हरे रंग के फलों के गुच्छे होते हैं। इसके पत्ते सोफ्ट और पान के आकार के होते हैं। वहीं इसके फल मटर के दाने जैसे होते हैं।
गिलोय के फायदे
आंखों की परेशानी में लाभकारी
गिलोय आंखों के रोगों में फायदेमंद होता है। 10 मिली गिलोय के रस में 1 ग्राम शहद और सेंधा नमक मिलाकर अच्छे से पीस लें। इसे काजल की तरह लगाएं। इससे आंखों में छाना, चुभन, काला और सफेद मोतियाबिंद रोग ठीक हो जाते हैं। गिलोय के रस को त्रिफला में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से आंखों की रौशनी बढ़ जाती है।
कान की बीमारी के लिए फायदेमंद
गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लें। इसे कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कानों का मैल निकल जाता है।
हिचकी रोकने में फायदेमंद
गिलोय और सौंठ का चूरन को नसवार की तरह सूंघने से हिंचकी की परेशानी से निजात मिल जाती है। गिलोय का चूरन और सोंठ के चूरन की चटनी बना ले और इसमें दूध मिलाकर पिए। हिचकी में आराम मिलेगा।
टीबी के रोग में फायदेमंद
अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल और अतीस को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनाएं। इस काढ़े को 20-30 मिली सुबह और शाम लें। टीबी की बीमारी ठीक हो जाएगी।
उल्टी की परेशानी होती है दूर
अगर किसी को एसिडिटी हो तो 10 मिली गिलोय के रस में 4-6 मिश्री मिला लें। इसे सुबह और शाम पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
कब्ज की समस्या भी करता है दूर
गिलोय का 10-20 मिली रस के साथ गुड़ का सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
बवासीर का भी करता है खात्मा
हरड़, गिलोय और धनिया को बराबर 20 ग्राम मात्रा में सभी को आधा लीटर पाने में पका लें। जब पानी एक चौथाई होकर काढ़ा की तरह बन जाएगा। उसमें गुड़ डालकर सुबह और शाम पिएं। समस्या दूर हो जाएगी।
अन्य फायदे-
पीलिया में भी गिलोय फायदेमंद होता है।
लीवर की बीमारी को भी गिलोय ठीक कर देता है।
डीयबिटीज कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है।
रुक-रुक कर पेशाब की समस्या को भी दूर करता है।
गठिया की दिक्कतों को ठीक करता है।
फाइलेरिया (हाथीपांव) रोग में भी लाभकारी है।
कुष्ठ रोग के इलाज में भी मददगार है।
दिल से जुड़ी बामारियों में फायदेमंद होता है।
कैंसर में भी गिलोय फायदेमंद होता है।

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