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मलेरिया के इलाज के घरेलू देसी नुस्‍खे,





Malaria एक तरह का बुखार है – जिसे ‘प्लाज्मोडियम संक्रमण (Plasmodium Infection)’ और दुर्वात भी कहते है,आयुर्वेद में इसे विषम ज्वर कहते है । यह भी Dengue and Chikungunya की तरह संक्रमित मच्छरों के काटने से होने वाला बुखार है ।मलेरिया एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है, जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफि‍लेज मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके बढ़ने लगते हैं। इससे एनीमिया के लक्षण उभरने लगते हैं। इसके लक्षणों में चक्कर आना, सांस फूलना इत्यादि शामिल है। इसके अलावा, बुखार, सर्दी, उबकाई, और जुखाम आदि जैसे लक्षण भी परेशान करने लगते हैं। गंभीर मामलों में मरीज को बेहोशी भी आ सकती है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन यह डेंगू और चिकनगुनिया के अपेक्षा कम प्रभावशाली होता है । लेकिन लोगो के उचित जानकारी के अभाव और लापरवाही के कारण यह जानलेवा भी साबित हो रहा है । विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के एक सर्वे के अनुसार विश्व भर में करीब 50 करोड़ लोग मलेरिया से प्रभवित होते है जिनमे से लगभग 27 लाख लोगो को अपने जान से हाथ धोना पड़ जाता है , जिनमें से आधे पाँच साल से कम के बच्चे होते हैं। , हालाँकि वास्तविक संख्या इससे भी कहीं अधिक हो सकती है । Malaria के प्रति सचेत रहने और आम लोगों में इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विश्व भर में प्रतिवर्ष ’25 अप्रैल’ को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाये जाता है ।
मलेरिया रोग के लक्षण -
साधरणतयः संक्रमित मच्‍छर के काटने के 10-12 दिनो के बाद रोगी में दिखना प्रारम्भ हो जाता हैं। जरुरी नहीं है की एक मलेरिया के रोगी में दिए गए सभी लक्षण नजर आए। मलेरिया के परजीवी की प्रजाति और मलेरिया के संक्रमण की तीव्रता के हिसाब से लक्षण में विषमताएं देखा जा सकते हैं। सामान्यत: मलेरिया बुखार के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं —
* अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,ठण्ड लगने पर रजाई कम्‍बल ओढना)।
* फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना।
* पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना।
* तेज बुखार (104-105 F) जो की 2-7 दिन तक लगातार रहना
*साँस लेने में तकलीफ महसूस होना ।
* हाथ-पैर में ऐठन
* रोगी के सिर के अगले हिस्से , आंख के पिछले भाग में रहना , कमर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।
* मिचली nausea, उल्टी vomiting आना या महसूस होना
*आँखों लाल रहना ,आँखों में दर्द रहना
* हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूश करना
* भूख न लगना, खाने की इच्छा में कमी, मुँह का स्वाद ख़राब होना, पेट ख़राब हो जाना



    मलेरिया बुखार के दौरान तेज सिर दर्द (Headache), जोर की ठंड के साथ कंप कंपी (Shivring) होना, मांसपेशियों मे भयंकर दर्द होना (Muscle pain) और बेहद कमजोरी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। बुखार उतरते समय पसीना होता है। शरीर का तापमान 104 डिग्री से भी ज्यादा हो सकता है। जी घबराना और पित्त की कड़वी उल्टी होना और प्रतिदिन निश्चित समय पर बुखार चढ़ना भी मलेरिया का प्रमुख लक्षण है।

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मलेरिया से राहत के घरेलू उपाय (Home Remedies for Malaria)
    * चूना (Chuna)- तीन ग्राम चूना लें, इसे 60 मिली पानी में घोलें। एक नींबू इसमें निचोड़ें। मलेरिया बुखार की संभावना होने पर यह मिश्रण पीएं। यह नुस्खा प्रतिदिन लेने से बुखार से राहत मिलती है।
 *ठंडी पट्टी रखें (Cold compress)- तेज बुखार की हालत में माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से तापमान नीचे आ जाता है। ठंडे पानी में गीला किया टावेल सारे शरीर पर लपेटने से तुरंत लाभ मिलता है।
* फिटकरी (Alum)- थोडी सी फ़िटकरी तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच पाउडर बुखार आने के 3 घंटे पहले पानी से पीएं। बाद में हर दूसरे घंटे पर यह दवा लेते रहने से बुखार खत्म होता है।
*तुलसी पत्ता (Basil leaves)- जब बुखार न हो, 10 ग्राम तुलसी के पत्तों के रस में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर चाट लें। इससे मलेरिया बुखार खत्म हो जाता है।भारतीय संस्‍कृति में तुलसी को विशेष स्‍थान दिया जाता है। इसे पूजनीय भी माना जाता है। कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग किया जाता है। यदि आपके आंगन में या आसपास पेड़-पौधे लगाने की जगह है तो तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शा‍म लेने से बुखार ठीक हो जाता है। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं। अनेक गुणों के साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है।
* चिरायता- (Chirata)- चिरायता मलेरिया बुखार की सबसे असरदायक औषधि मानी गई है। एक पाव गरम पानी में 15 ग्राम चिरायता मिलाएं, कुछ लौंग और दालचीनी भी मिला दें। इस पानी के इस्तेमाल से भी मलेरिया बुखार उतरने लगता है।
* नींबू (Lemon)-
 गरम पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से बुखार की तीव्रता घटने लगती है।
*शहद (Honey)- 
एक गिलास पानी लें। इसमें एक चम्मच दालचीनी, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर गर्म करें। ठंडा होने पर पीएं, यह अत्यंत लाभकारी नुस्खा है।



*प्याज का रस (Onion juice)- 
प्याज का रस मलेरिया में लाभकारी है। 5 मिली रस में 
* काली मिर्च का पाउडर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से लाभ होता है।
नीम
नीम का पेड़ मलेरिया-रोधी के रूप में प्रसिद्ध है। यह वायरस रोधी पेड़ है। मलेरिया मुख्यत: मच्छरों के काटने से होता है। सर्दी, कंपकपाहट, तेज बुखार, बेहोशी, बुखार उतरने पर पसीना छूटना, इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस रोग में नीम के तने की छाल का काढ़ा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है। इससे बुखार में आराम मिलता है। थोड़े से नीम के हरे पत्ते और चार काली मिर्च एक साथ पीस लें। फिर इसे थोड़े से पानी में मिलाकर उबाल लें। इस पानी को छानकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा नीम तेल में नारियल या सरसों का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से भी मच्छरों के कारण उत्पन्न मलेरिया का बुखार उतर जाता है।

*जामुन (Black berry)- जामुन के पेड़ की छाल सुखाकर पीस लें। 5 ग्राम चूर्ण, गुड़ के साथ दिन में 3 बार लेने से मलेरिया से राहत मिलती है।
*धतूरा (Dhatoora)-
 धतूरा की नई कोपल 2 नग लेकर गुड़ के साथ अच्छी तरह मिलाकर इसकी गोली बना लें। इन्हें दिन में 2 बार लेने से मलेरिया खत्म हो जाता है।



गिलोय
गिलोय ऐसी आयुर्वेदिक बेल है, जिसमें सभी प्रकार के बुखार विशेषकर मलेरिया रोगों से लड़ने के गुण होते हैं। गिलोय के काढ़े या रस में शहद मिलाकर 40 से 70 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित सेवन करने से मलेरिया में लाभ होता है। इस प्रकार के बुखार के लिए लगभग 40 ग्राम गिलोय को कुचलकर मिट्टी के बर्तन में पानी मिलाकर रात भर ढक कर रख दें। सुबह इसे मसल कर छानकर रोगी को अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीने से बुखार दूर हो जाता है।

*अन्न न खाएं (Avoid solid food)- मलेरिया होने पर अन्न न खाएं। केवल फल और पानी लेते रहें। ऐसा करने से बुखार से जल्दी लाभ मिलता है।
* अदरक (Ginger)- 
एक गिलास पानी में 10 ग्राम अदरक और 10 ग्राम मुनक्का डालकर इतना उबालें कि आधा रह जाय। ठंडा होने पर पीएं।
* अमरूद (Guava)- 
एक बड़ा अमरुद गरम राख में भून लें। यह अमरूद खाना भी, मलेरिया रोगी के लिए लाभकारी है।
   मलेरिया के इलाज के लिए ताजा फल और ताजा के फलों का जूस देना बहुत फायदेमंद रहता है। साथ ही तरल पदार्थों को कुछ-कुछ समय के अंतराल में लेते रहना चाहिए। खासकर नींबू पानी। इसके अलावा, इसके इलाज में हल्का व्यायाम और टहलना भी अच्छा रहता है। लेकिन, याद रखें ये सब कुदरती उपाय चिकित्‍सीय परामर्श का विकल्‍प नहीं हैं। आपको चाहिये कि जरूरी दवाओं का सेवन अवश्‍य करते रहें।

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