Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

Haridwar Uttarakhand Amazing 15+ Tourist Places

हरिद्वार उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखंड का एक शहर है। यह हिमालय की तलहटी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। हरिद्वार को हिंदुओं के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि यहां गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। यह शहर अपने मंदिरों, आश्रमों और आध्यात्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। हरीद्वार के कुछ प्रमुख आकर्षणों में हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर और माया देवी मंदिर शामिल हैं। कुंभ मेला, एक प्रमुख हिंदू त्योहार, हर 12 साल में हरीद्वार में आयोजित किया जाता है, जो पूरे भारत से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।

हरिद्वार का इतिहास और पौराणिक कथा | History and Mythology of Haridwar

हरिद्वार शहर का एक समृद्ध इतिहास और इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, हरीद्वार भारत के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, और इसे स्वर्ग के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक भगवान विष्णु ने यहां अपने पदचिन्ह छोड़े थे, जिसके परिणामस्वरूप इस शहर को ‘हरि की पौड़ी’ के नाम से भी जाना जाता है। ऋग्वेद और महाभारत जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में इस शहर का उल्लेख किया गया है।

हरीद्वार प्राचीन काल में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी था। यह कई आश्रमों का घर था और वैदिक शिक्षा का केंद्र था। गंगा के मैदान को हिमालयी क्षेत्र से जोड़ने वाला यह शहर एक महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र भी था।

हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक शहर है, जो हिमालय की तलहटी में स्थित है। यह शहर अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, और यह हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। हरीद्वार नाम का अर्थ है “देवताओं का प्रवेश द्वार”, और यह शहर सदियों से हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है।

Image by Jeevan Singla from Pixabay

Tourist Places Haridwar Uttarakhand

  • हर की पौड़ी | Har Ki Pauri: हर की पौड़ी भारत के उत्तराखंड के पवित्र शहर हरीद्वार में स्थित एक लोकप्रिय और पवित्र घाट है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां एक पत्थर पर भगवान विष्णु के पदचिह्न अंकित हैं। इस घाट को भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है और यहां गंगा नदी में डुबकी लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। हर की पौड़ी बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है, जो शाम की गंगा आरती देखने और पवित्र नदी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। हर की पौड़ी का वातावरण शांत और शांतिपूर्ण है, जो इसे हरिद्वार आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी गंतव्य बनाता है।
  • मनसा देवी मंदिर | Mansa Devi Temple: मनसा देवी मंदिर भारत के उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर है। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और देवी मनसा देवी को समर्पित है। आगंतुक केबल कार द्वारा मंदिर तक पहुँच सकते हैं और ऊपर से शहर और गंगा के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं। मंदिर को मनोकामना पूरी करने वाला मंदिर माना जाता है, और भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर परिसर में एक पवित्र पेड़ पर धागे बांधते हैं। मनसा देवी मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और हर साल बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है। मंदिर परिसर में विभिन्न खाद्य स्टालों और स्मृति चिन्ह बेचने वाली दुकानें हैं, जो इसे आगंतुकों के लिए एक पूर्ण पैकेज बनाती हैं। भारत की आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनुभव करने के लिए हरीद्वार आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मनसा देवी मंदिर की यात्रा अनिवार्य है।
  • चंडी देवी मंदिर | Chandi Devi Temple: चंडी देवी मंदिर भारत के उत्तराखंड के पवित्र शहर हरीद्वार में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर देवी चंडी को समर्पित है, जो देवी पार्वती का अवतार हैं। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, और आगंतुक इस तक रोपवे द्वारा या पहाड़ी पर ट्रेकिंग करके पहुँच सकते हैं। मंदिर को सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है, और यह माना जाता है कि मंदिर में जाने से मनोकामना पूरी हो सकती है। मंदिर शहर और गंगा के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, जो इसे पर्यटकों और भक्तों के लिए समान रूप से लोकप्रिय गंतव्य बनाता है। मंदिर परिसर में विभिन्न खाद्य स्टालों और स्मृति चिन्ह बेचने वाली दुकानें हैं, जो इसे आगंतुकों के लिए एक पूर्ण पैकेज बनाती हैं। चंडी देवी मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और यह हर साल बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है। हरिद्वार आने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत की आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनुभव करने के लिए चंडी देवी मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
  • माया देवी मंदिर | Maya Devi Temple: माया देवी मंदिर भारत के उत्तराखंड के पवित्र शहर हरीद्वार में स्थित एक श्रद्धेय हिंदू मंदिर है। मंदिर देवी माया देवी को समर्पित है, जिन्हें देवी शक्ति के रूपों में से एक माना जाता है। मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, और यह हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है। माना जाता है कि मंदिर वह स्थान है जहां देवी सती का हृदय और नाभि तब गिरी थी जब भगवान शिव उनका शव ले जा रहे थे। मंदिर की एक अनूठी स्थापत्य शैली है और यह पूरी तरह से पत्थर से बना है। इसमें एक बड़ा प्रांगण और एक गर्भगृह है जहाँ देवी माया देवी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर परिसर में एक पवित्र कुंड भी है जहां भक्त मंदिर में प्रवेश करने से पहले खुद को शुद्ध करने के लिए डुबकी लगाते हैं। माया देवी मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और यह हर साल बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है। भारत की आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनुभव करने के लिए हरिद्वार आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए माया देवी मंदिर की यात्रा अनिवार्य है।
  • दक्षेश्वर महादेव मंदिर | Daksheswara Mahadev Temple: महादेव का दक्षेश्वर मंदिर हरीद्वार, उत्तराखंड, भारत में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण माना जाता है और हिंदू धर्म के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है और यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर का इतिहास पुरातन ग्रंथों में लिखा गया है और इसे दक्ष की याद में निर्मित किया गया था, जो प्राचीन भारत के एक पुरातन राजा थे। इस मंदिर का नाम दक्षेश्वर महादेव मंदिर है जिसे स्थानीय लोग छोटे से डेरे के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के अंदर एक बड़ी मूर्ति है जिसे भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का आकार बड़ा है और इसके अंदर अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं जहां भगवान शिव के अलावा अन्य देवताओं की मूर्तियां भी हैं।
  • भारत माता मंदिर | Bharat Mata Mandir: भारत माता मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित है। यह मंदिर भारत माता के समर्पण में बनाया गया है और यहां पर भारत माता की मूर्ति स्थापित है। मंदिर देश के विभिन्न हिस्सों की जानकारी, इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है। भारत माता मंदिर एक बड़ा मंदिर है और यह तीन मंजिलों में बना है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्वागत देने वाले दो विशाल हाथ खड़े हैं, जो एक दुगनी अर्थ को दर्शाते हैं। मंदिर के अंदर भारत माता की मूर्ति स्थापित है जिसे एक सुंदर विशाल गुम्मट में रखा गया है। मंदिर के दीवारों पर भारत माता के इतिहास के कुछ घटनाओं की जानकारी दी गई है।मंदिर के दूसरे मंजिल पर अन्य देवताओं की मूर्तियां हैं जैसे कि श्री राम दरबार, भगवान शिव और श्री कृष्ण। मंदिर के तीसरे मंजिल पर एक सुंदर स्मृति स्तम्भ है।
  • शांतिकुंज | Shantikunj: शांतिकुंज हरीद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक स्पिरिचुअल संस्थान है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य मानव जाति को धार्मिक उन्नति के लिए जागरूक करना है। शांतिकुंज में पूजन का विशेष महत्व है और यहां पर बहुत से मंदिर और पूजा स्थल हैं। यहां पर राम ज्ञान यज्ञ, समाधि संवाद, साधक सम्मलेन, आदि जैसे कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
    शांतिकुंज एक बड़ा कैंपस है जिसमें विभिन्न विद्यालय और शोध संस्थान हैं। यहां पर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
    शांतिकुंज के स्थान पर शिविरों का आयोजन भी किया जाता है जिसमें लोग अपने जीवन को आध्यात्मिक उन्नति के लिए उन्नत करने के लिए आते हैं। यहां पर स्वामी जी की शिक्षाएं भी सुनाई जाती हैं जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
  • कनखल | Kankhal: कनखल, उत्तरी भारतीय राज्य उत्तराखंड में स्थित एक छोटा सा शहर है, जो आध्यात्मिक साधकों और पर्यटकों के बीच समान रूप से एक लोकप्रिय गंतव्य है। पहाड़ियों के बीच बसा और हरी-भरी हरियाली से घिरा कनखल अपने प्राचीन मंदिरों, पवित्र जल की टंकियों और पारंपरिक आश्रमों के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में, हम कनखल के विभिन्न पहलुओं का पता लगाएंगे जो इसे एक अद्वितीय और विशेष स्थान बनाते हैं।
    कनखल का इतिहास: कनखल का एक समृद्ध इतिहास है जो प्राचीन काल से है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान शिव एक बार कनखल आए थे और कुछ समय के लिए यहां रुके थे। यह शहर प्रसिद्ध संत, आदि शंकराचार्य से भी जुड़ा हुआ है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने यहां कुछ समय ध्यान किया था। मध्ययुगीन काल में, कनखल पर कुमाऊँनी और गढ़वाल राजवंशों सहित विभिन्न राजाओं का शासन था। इस शहर ने क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस अवधि के दौरान यहां कई मंदिरों और आश्रमों का निर्माण किया गया।
    कनखल में मंदिर और आश्रम: कनखल में कई प्राचीन मंदिर हैं जो हर साल बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करते हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। किंवदंती के अनुसार, मंदिर उस स्थान पर बनाया गया था जहां भगवान शिव ने अपनी पत्नी सती की मृत्यु के बाद तांडव नृत्य किया था। कनखल में एक और महत्वपूर्ण मंदिर आनंदमाई आश्रम है, जिसकी स्थापना प्रसिद्ध संत आनंदमाई मां ने की थी। आश्रम अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं और प्रथाओं के लिए जाना जाता है, और कई आगंतुकों को आकर्षित करता है जो हिंदू दर्शन की गहरी समझ चाहते हैं। कनखल कई पारंपरिक आश्रमों का भी घर है जो योग, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक प्रथाओं पर पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ प्रदान करते हैं। कनखल के कुछ सबसे लोकप्रिय आश्रमों में परमार्थ निकेतन आश्रम, योग निकेतन आश्रम और शिवानंद आश्रम शामिल हैं।
  • सप्त ऋषि आश्रम | Sapt Rishi Ashram: सप्त ऋषि आश्रम उत्तराखंड के रिशिकेश शहर में स्थित है। यह आश्रम हिमालय की तलहटी के बीच फैला हुआ है जिसमें आपको शांति और स्वस्थ जीवन जीने का अद्भुत अनुभव मिलेगा। इस स्थान का नाम सप्त ऋषि के नाम पर है, जिन्होंने यहाँ तपस्या की थी। यहाँ आने वाले लोगों का मुख्य उद्देश्य शांति, स्वस्थ जीवन और स्वयं को ढूंढने का होता है। सप्त ऋषि आश्रम अपनी आत्मीय तत्वों को समझने और विश्राम करने के लिए एक स्थान है। यहाँ आप अपनी आध्यात्मिक और शारीरिक स्वस्थता के लिए विभिन्न ध्यान तकनीकों का अभ्यास कर सकते हैं। सप्त ऋषि आश्रम में रहने के लिए कई विकल्प होते हैं। यहाँ विशाल एवं आरामदायक कमरे उपलब्ध हैं जिनमें से आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं। आप चाहें तो तंग और आरामदायक बेसिक कमरे भी ले सकते हैं। यहाँ पर खान-पान का भी विशेष ख्याल रखा जाता है।
  • पवन धाम | Pawan Dham: पवन धाम उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में स्थित है। यह धाम भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ के मंदिर अनोखे आध्यात्मिक अनुभव के लिए खास हैं। यह स्थान भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य भंडार है जो आपको स्वयं को और अपने जीवन को जानने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। पवन धाम में सबसे पहले आपको धार्मिक स्थानों में से एक अनोखा मंदिर देखने को मिलता है। यहाँ का मंदिर एक आकर्षक विश्वकर्मा की नक्काशी और आध्यात्मिक विस्तार के लिए जाना जाता है। मंदिर में आपको श्री हनुमान जी की विगतों से जुड़ी अनेक कथाएं और अद्भुत चित्रों का दर्शन मिलता है। यहाँ पर आपको धर्मिक और आध्यात्मिक अनुभवों के अलावा अनेक आकर्षण मिलते हैं। एक अनोखी बैतूल का दर्शन करें जिसमें आपको बहुत सारी छोटी-छोटी मूर्तियों का दर्शन करने को मिलेगा।
  • भीमगोदा बैराज | Bhimgoda Barrage: भीमगोदा बैराज उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में स्थित है। यह बैराज गंगा नदी पर बनाया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य जल संचय और जल संरक्षण है। भीमगोदा बैराज भारत के सबसे बड़े जल संरक्षण परियोजनाओं में से एक है जो गंगा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करता है। भीमगोदा बैराज का नाम पांडवों के वीर भीम से लिया गया है। यह बैराज आसपास के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण जल संसाधन है और उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, यह भारत सरकार के जल संरक्षण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भीमगोदा बैराज का निर्माण 1976 में पूर्ण हुआ था। इस बैराज की ऊँचाई 14 मीटर है और इसकी ऊंचाई को बढ़ाने के लिए एक चट्टानी सीवर भी बनाया गया है। इसके अलावा, यह बैराज प्रति दिन करीब 2000 लीटर पानी का संचय करता है।
  • राजाजी नेशनल पार्क | Rajaji National Park: राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी जिलों में स्थित है। इस पार्क में वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां होती हैं, जिनमें हथियार, चीता, सिंह, लंगुर और भालू शामिल होते हैं। यह भारत में सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है और यह अपने अद्भुत जंगलों, नदियों, झीलों और झरनों के लिए भी जाना जाता है। राजाजी नेशनल पार्क का नाम राजा राजगोपाल चारण सिंह नेहरू के नाम पर रखा गया है। इसे 1983 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। इस पार्क में आगे बढ़ने के लिए कुछ और क्षेत्रों को भी जोड़ा गया था, जिससे यह अब लगभग 820 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आवरित करता है। यहां कुछ जीवनी अनुसार बच्चों के लिए सबसे अधिक देखने वाले जानवर होते हैं,यहां पर टाइगर, शेर, हाथी, लंगुर, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर जैसे वन्य जानवरों का आवास है।
  • गौ घाट | Gau Ghat: गौ घाट उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन धार्मिक स्थल है जहां गंगा नदी के किनारे स्थित है। इस स्थान का नाम गौ घाट है क्योंकि यहां गायों के लिए एक घाट है जहां


This post first appeared on HEALTH AND OTHERS, please read the originial post: here

Share the post

Haridwar Uttarakhand Amazing 15+ Tourist Places

×

Subscribe to Health And Others

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×