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टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे बढ़ाये | टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने आयुर्वेदिक दवा

टेस्टोस्टेरोन एक हारमोंस है, जो स्तनपाई प्राणियों के अंदर पाया जाता है. मुख्य रूप से यह नर अंडकोष और मादा अंडकोष के अंदर उत्पन्न होता है, और स्रावित होता है.

टेस्टोस्टरॉन क्या है

टेस्टोस्टरॉन एक मेल हार्मोन है. लेकिन यह महिलाओं में भी कुछ मात्रा में पाया जाता है. लेकिन पुरुष शरीर की तुलना में यह महिलाओं के अंदर नाममात्र के लिए ही होता है. यह मुख्य रूप से पुरुष सेक्स हारमोंस कहलाता है. यह इंसानी शरीर के अंदर बहुत सारी यौन क्रियाकलापों के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

टेस्टोस्टेरोन क्या करता है

यौवन (किशोरावस्था में) के दौरान, टेस्टोस्टेरोन लड़कों को शरीर और चेहरे के बाल, गहरी आवाज और मांसपेशियों की ताकत जैसी पुरुष विशेषताओं को विकसित करने में मदद करता है.

पुरुषों को शुक्राणु बनाने के लिए टेस्टोस्टेरोन की जरूरत होती है. टेस्टोस्टेरोन का स्तर आम तौर पर उम्र के साथ घटता है, इसलिए वृद्ध पुरुषों में रक्त टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है.

यह पुरुष शरीर में यौन क्रियाकलापों के विकास को बल देता है. और यौन लक्षणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. शरीर के अंदर इस के कुछ प्रमुख कार्य होते हैं जैसे कि --

  • प्रजनन तंत्र को पुष्ट करना
  • यौन क्रियाओं को मजबूती प्रदान करना
  • ब्लड सरकुलेशन बढ़ाना
  • हड्डियों की मजबूती, स्टेबिलिटी और फ्लैक्सिबिलिटी
  • मांसपेशियों की मजबूती
  • एकाग्रता बढ़ाना
  • याददाश्त प्रभावित करना और मूड को बैलेंस करने जैसे कार्य इससे प्रभावित होते हैं.
  • टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण
  • टेस्टोस्टेरोन नेचुरल  तरीके से शरीर में डिवेलप होता है. लेकिन उसे शरीर में इसके विकास के लिए वातावरण चाहिए होता है, और साथ ही साथ आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है.
  • कुछ कारण है, जिनकी वजह से इसकी मात्रा में कमी आ सकती है जैसे कि --
  • अधिक मोटापा
  • थायराइड की समस्या टाइप टू डायबिटीज
  • शरीर में रक्त की कमी
  • पीयूष ग्रंथि में रोग उत्पन्न होना
  • कैंसर के लिए की जाने वाली कीमो थेरेपी
  • रेडिएशन उपचार
  • अनियमित लाइफ़स्टाइल
  • फास्ट फूड की तरफ झुकाव
  • कुछ अनुवांशिक रोगों के कारण भी यह समस्या आ जाती है
  • शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ने से भी टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो जाती है
  • ज्यादा तनाव लेना
  • किडनी से संबंधित रोग
  • नशे की लत

इन सब कारणों की वजह से इस हारमोंस की कमी शरीर में उत्पन्न हो सकती है.  

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के शरीर का एक प्रमुख हार्मोन है. शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण स्पष्ट रूप से नजर आते हैं. जिनसे इस बात का पता लगाना बड़ा आसान हो जाता है, कि शरीर में हारमोंस की स्थिति क्या है जैसे कि –

  • टेस्टोस्टेरोन पुरुष सेक्स हारमोंस कहलाता है इसलिए सेक्स ड्राइव की समस्या पुरुषों के अंदर स्पष्ट रूप से नजर आती है.
  • पुरुषों के अंदर नपुंसकता आने लगती है
  • स्पर्म की क्वालिटी, क्वांटिटी और मोबिलिटी तीनों में कमी आती है.
  • कामेच्छा समाप्त होने लगती है.
  • लिंग में तनाव कम होने लगता है
  • स्तंभन शक्ति घटने लगती है
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या
  • ब्लड सरकुलेशन कम हो जाता है, और ब्लड सरकुलेशन कम होने से जो जो समस्याएं शरीर में उत्पन्न होती हैं वह नजर आती हैं.
  • मांसपेशियों के संगठन में कमजोरी
  • बॉडी फैट डिस्ट्रीब्यूशन असामान्य होने लगता है
  • थकावट बहुत जल्दी लगती है
  • मन अशांत और उदास रह सकता है
  • व्यक्ति चिड़चिड़ा हो सकता है
  • व्यक्ति की मनोदशा बिगड़ सकती है
  • शरीर में एनीमिया के लक्षण नजर आने लगते हैं
  • हिमोग्लोबिन कम हो जाता है
  • शरीर से बाल झड़ने लगते हैं
  • चिड़चिड़ापन
  • मूड स्विंग की समस्या नजर आती है
  • वजन बढ़ने लगता है
  • मानसिक स्थिति कमजोर होने लगती है
  • बेचैनी महसूस होती है
  • नींद कम आती है
  • हड्डियों से संबंधित समस्याएं बढ़ने लगती हैं
  • हॉट फ्लैश की समस्या - अचानक से गर्मी लगना
  • इम्यून सिस्टम कमजोर होना
  • कमजोर याददाश्त

टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान

शरीर में किसी भी तत्व की मात्रा एक निश्चित अनुपात में होना ही आवश्यक होता है. उसकी कमी या अधिकता से हमेशा नुकसान होने का डर रहता है. ऐसे ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाने पर कुछ नुकसान नजर आ सकते हैं.

  • बॉडी में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने से मुंहासों की समस्या नजर आती है.
  • कभी-कभी सीने में दर्द की समस्या नजर आती है.
  • हाथ पैरों में सूजन की समस्या भी नजर आती है.
  • शरीर पर बाल बहुत अधिक बढ़ जाते हैं.
  • व्यक्ति की यौन क्षमताओं पर भी असर आता है. उसमें कमजोरी नजर आती है.
  • इस हार्मोन का स्तर अधिक होने से ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है. ब्लड प्रेशर कभी हाई या कभी लो दोनों ही प्रकार की समस्या हो सकती हैं. जिसकी वजह से चक्कर आना, उल्टी महसूस होना, बार-बार सिर में दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं.
  • कई बार पुरुषों का व्यवहार अत्यधिक कामुक हो जाता है.
  • मानसिक समस्याएं होने लगती है.

टेस्टोस्टेरोन लेवल कितना होना चाहिए   

पुरुषों में सामान्य टेस्टोस्टेरोन का स्तर 280-1,100 एनजी/डीएल (रक्त के प्रति डेसीलीटर प्रति नैनोग्राम) के बीच होता है.

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

आयुर्वेद के अंदर बहुत सारी ऐसी नेचुरल औषधियां है जिनके अंदर ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पुरुषों के शरीर के अंदर टेस्टोस्टरॉन की कमी को दूर करने के लिए काफी प्रभावशाली माने जाते हैं.

केसर, सफेदमूसली, शतावरी, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोखरू, विदारीकंद, स्वर्ण भस्म, कौंच के बीज, मेथीपाउडर, जिंक, सालम पंजा, काली मूसली, टोंगकैटअलीइत्यादि.

इन जड़ी-बूटियों से बने नुस्खे बहुत लाभदायक और शक्तिशाली होते हैं. यह सभी औषधियां टेस्टोस्टेरोन बूस्टर की तरह कार्य करती है , टेस्टोस्टेरोन की कमी को काफी जल्दी कवर कर लेती हैं.


टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के घरेलू उपाय

टेस्टोस्टरॉन को पुष्ट करने के लिए आपके शरीर का स्वस्थ होना अधिक आवश्यक होता है. इसलिए आप शरीर को स्वस्थ करने के लिए कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखें.

  • फास्ट फूड खाने से बचें
  • प्रोसैस्ड फूड खाने से बचे, जो ऑलरेडी प्रिपेयर्ड फूड आते हैं, जैसे कि ब्रेड, बिस्किट, नमकीन, पैक्ड जूस इत्यादि
  • ताजा बना हुआ भोजन खाएं
  • ताजा जूस पिए
  • लाइफस्टाइल को संयमित करें
  • सुबह जल्दी उठे रात को जल्दी सोए
  • सुबह समय से नाश्ता करें दिन में लंच करें और सूर्यास्त के आसपास डिनर करने की कोशिश करें
  • सुबह उठकर योगा अवश्य करें
  • शाम को टहलने अवश्य जाएं

धीरे-धीरे आपका शरीर पुष्ट बनेगा शरीर में ताकत आएगी आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होने लगेगा. अब आप कुछ विशेष उपायों को भी कर सकते हैं जो आपके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बूस्ट करने का कार्य करेंगे.

  • अपने भोजन में अनार को शामिल करें.
  • अदरक आपकी समस्या के लिए काफी फायदेमंद है.
  • सफेद प्याज का सेवन करना शुरू करें
  • फोर्टीफाइड मिल्क टेस्टोस्टरॉन लेवल को बढ़ा सकता है

टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे

टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल टेस्टोस्टरॉन की कमी को दूर करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं. आवश्यकता पड़ने पर इनका प्रयोग करना लाभदायक होता है, लेकिन अगर आप आयुर्वेदिक कैप्सूल का प्रयोग करेंगे तो इन के साइड इफेक्ट ना के बराबर होते हैं.

आयुर्वेदिक कैप्सूल विभिन्न प्रकार की विशिष्ट नेचुरल जड़ी बूटियों से तैयार किए जाते हैं. इसलिए यह काफी लाभदायक होते हैं, और आपकी समस्या को बहुत जल्दी दूर कर देते हैं. इनका प्रयोग करने से --

पुरुष की कामेच्छा बढ़ती है. लिंग में तनाव बढ़ता है. स्तंभन शक्ति बढ़ती है. पुरुष के स्पर्म की क्वांटिटी बढ़ती है. स्पर्म की गतिशीलता बढ़ जाती है. पुरुष की नपुंसकता समाप्त होने लगती है, और संतान प्राप्ति की क्षमता बढ़ने लगती है.

साथ ही साथ मानसिक शांति भावनात्मक मजबूती और शारीरिक क्षमता में वृद्धि भी नजर आती है.



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