अकसर कई बार आपातकाल में विभिन्न तरह के बीमारियों में साधारण घरेलू नुस्खे काम कर जाते हैं। प्राचीनकाल से ही वैद्य बीमारियों का उपचार घरेलू औषधियां से ही करते आ रहे थे। जोकि काफी असरदार और सुरक्षित होती थी।
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कालांतर में बहुत सी गूढ़ ज्ञान विलुप्त होता गया। और व्यक्ति आयुर्वेद ज्ञान से भ्रमित हो गया। परन्तु हमारा प्रयास हमेशा पाठकों के लिए साइंसटिक आर्युवेद उपचार की रही है। कुछ खास महत्वपूर्ण घरेलू उपचार औषधियां अलग-अलग बीमारियों के अनुसार निम्नलिखत है। जोकि काफी फायदेमंद हैं।
मूली के बीजों को पीसें और तिली के तेल में भुनें। और शरीर के ग्रसित अंगों पर लेपें और पट्टी बांधें, गठिया से तुरन्त छुटकारा मिलेगा। लगभग 100 ग्राम छिली लहसुन को 20 एम.एल. मछली तेल में पकायें गलायें। हल्का ठंड़ा होने पर नित्य सुबह, रात्रि सोते समय ग्रसित अंगों पर मालिश करने से गठिया से जल्दी छुटकारा मिलता है।
अलग-अलग समस्याओं के लिए कुछ खास घरेलू औषधियां / Home Remedies in Hindi / Bimari ke Gharelu Upchar
पेट गैस कब्ज
पेट में गैस कब्ज समस्या में हरड़, बहेड़ा, आंवला, अजवाइन का पाउडर बनाकर उस में काला नमक मिलाकर सेवन करने से पेट पाचन गैस कब्ज सम्बन्धि समस्याओं से छुटकारा मिलता है।खाज खुजली
शरीर पर खाज खुजली होनी पर 8 नींम पत्ता और 5 कच्ची जंगली बेर मिलाकर लगातार खाने से त्वचा से खाज खुजली से जल्दी छुटकारा मिलता है।पथरी
कुल्थ दाल रात को भिगोंकर रोज सुबह, दोपहर रात्रि का पानी पथरी रोगी को पिलाएं और 1-2 गिलास पानी हर दो घण्टे में पीने से पथरी पेशाब के रास्तें बाहर आ जाती है। यदि पथरी गुर्दे के बाहर हो।लकवा
लकवा होने पर आंक के पत्तों को तवे में सरसों तेल के साथ पकायें और फिर पत्तों को लकवाग्रस्त अंग पर 20 मिनट तक मलते रहें और फिर उन्ही पत्तों को पके तवे के तेल में भिगो कर लकवाग्रस्त अंगों पर बांधने से 15 दिनों में लाभ मिल जायेगा। यह प्रक्रिया सुबह और रात को सोत समय करनी चाहिए।पीलिया
पीलिया रोग होने पर गन्ना का रस एक रामबाण ईलाज है। गन्ने के ड़ठल को चूसें और उसका रस पीने से पीलिया दूर होता है। जौ को भून कर आटा सत्तू बना लें, सत्तू को गन्ने के रस के साथ खाने से पीलिया वक्त से पहले ही ठीक हो जाता है। और मूली की हरी पत्तियां का सेवन पीलिया के रोगी के लिए फायदेमंद है।गठिया
गठिया रोगी के लिए मूली एक रामबाण औषधि है। रोगी को मूली का रस, अदरक का रस, पत्ता गोभी का रस, तीनों को मिला कर दिन में 2 बार पिलाने से गठिया से छुटकारा मिलता है। मूली में क्यारिन होता है।मूली के बीजों को पीसें और तिली के तेल में भुनें। और शरीर के ग्रसित अंगों पर लेपें और पट्टी बांधें, गठिया से तुरन्त छुटकारा मिलेगा। लगभग 100 ग्राम छिली लहसुन को 20 एम.एल. मछली तेल में पकायें गलायें। हल्का ठंड़ा होने पर नित्य सुबह, रात्रि सोते समय ग्रसित अंगों पर मालिश करने से गठिया से जल्दी छुटकारा मिलता है।
गुर्दे का दर्द
गाजर के रस में दो रत्ती फिटकरी भस्म घोलकर पीने से बहुत आराम मिलता है। और मिर्च का सेवन बन्द कर दें तो 15 दिन में गुर्दे दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।मधुमेह
करेले और गाजर के रस को पीने से शुरूआती मधुमेह से छुटकारा मिलता है। और मधुमेह मरीज के लिए करेला, जामुन, नींम, कलौंजी, दालचीनी, सलाद सेवन शुगर लेवल नियंत्रण में रखने का सफल अजमाये तरीके हैं।पाईल्स
नींम की हरी कोमल पत्तियां चकाकर खायें। और 10 मिनट बाद जंगली कच्ची बेर खाएं। नींम हरी कोमल पत्तियां जंगली बेर बारी बारी से खाने से पाईल्स धीरे धीरे पूरी तरह से ठीक हो जाती है। अचार, मिर्च, मसाले, गुटका, सौंफ, सुपारी आदि तरह की कठोर चीजें बिल्कुल नहीं खायें।एक्जींमा
सोयाबीन का दूध एक्जींमा रोगी के लिए एक महत्वपूर्ण गुणकारी है। सोयाबीन में सम्पूर्ण गुण विघमान होते है जोकि एक्जींमा को दूर करने में सहयक है।कुष्ठ कोढ़
खैर का छिलका, आंवला, बड़ी इलायची, लौंग, नीबूं रस पीला संखिया का मिश्रण बराबर मात्रा में लेकर पत्थर में घोटें। और जहाँ पर सफेद दाग हों उन पर लगायें। धीरे-धीरे फायदा होगा। यह एक प्राचीन चमत्कारी आर्युवेद औषधि है।This post first appeared on Health Tips In Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News In Hindi, please read the originial post: here