प्रीनेटल केयर से मतलब है गर्भावस्था शुरू होने से लेकर प्रसव तक गर्भवती की देखभाल। वो एक पुरानी कहावत आपने जरूर सुनी होगी कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को दो लोगों का भोजन करना चाहिए वास्तव में इस कहावत के पीछे का मतलब ये नहीं है कि गर्भवती को दो लोगों के बराबर सिर्फ खाना खाना चाहिए बल्कि इसका मतलब ये है कि गर्भवती को आम दिनों की अपेक्षा दोगुना ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
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किसी भी गर्भवती के लिए गर्भपात एक अभिशाप की तरह होता है जो कि उसपर बहुत गहरे शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव डालता है गर्भपात के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है आवश्यकता है कुछ विशेष सावधानियाँ रखने की जैसे-
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उचित डॉक्टरी परामर्श
आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए क्या सही है और क्या गलत ये सिर्फ आपकी डॉक्टर ही बता सकती है इसलिए अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और उसकी सलाह से न सिर्फ अपनी प्रेगनेंसी प्लान करें बल्कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी उनकी सलाह के अनुसार अपने सारे कार्य करें। अपने डॉक्टर द्वारा बताई गयीं सारी दवाइयाँ , विटामिन्स आदि हमेशा सही समय पर लेकर गर्भपात के खतरे को कम किया जा सकता है साथ ही समय समय पर गर्भवती के शारीरिक और मानसिक लक्षणों के बारे में डॉक्टरों से सलाह लेना भी एक अच्छा कदम कहा जाता है।
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पौष्टिक आहार
गर्भवती को अधिक देर तक भूखी नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे उसे एसिडिटी आदि की समस्या होने का खतरा हो जाता है जो की पूरी गर्भावस्था तक बनी रह सकती है अतः गर्भवती को दिन में पाँच से छह बार आहार लेना चाहिए तथा ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आहार में पोषण की भरपूर मात्रा हो इसके लिए उसे अपने आहार में उसकी डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी फल, सब्जियाँ, अनाज, पनीर, अंडा और दूध-दही इत्यादि का सेवन अवश्य करना चाहिए। अपनी दिनचर्या नियमित कर समय पर पौष्टिक आहार लेकर अनचाहे गर्भपात से बचा जा सकता है।
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शारीरिक और मानसिक आराम
जैसा मन वैसा तन और गर्भवती के लिए इसमें वैसा ही बच्चे का जन्म और जोड़ दीजिये। गर्भवती को स्वयं को बहुत अधिक थकाना नहीं चाहिए उसे अपने आराम का ध्यान रखना चाहिए जिसके लिए उसे आठ घण्टे की गहरी नींद रोज जरूर लेनी चाहिए और मानसिक सुकून के लिए योगा ध्यान आदि का भी सहारा लिया जा सकता है वैसे मूड ताजा रखने के लिए उसे अपनी पसंद का संगीत भी सुनना चाहिए कई रिसर्च बतातीं हैं कि गर्भावस्था के दौरान सुना गया अच्छा संगीत बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। कम आराम करने के कारण या अन्य किसी कारण से किसी भी प्रकार की स्पॉटिंग या ब्लीडिंग इत्यादि होने पर तुरंत अपनी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ऐसा करके गर्भपात की संभावना काफी हद तक कम की जा सकती है।
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बुरी लत या आदत छोड़ें
अब ये तो बताने की जरूरत ही नहीं कि सिगरेट शराब कितनी हानिकारक हैं इसलिए इनका सेवन तो बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए, होने वाले गर्भपातों के लिए सिगरेट शराब आदि बुरी लतों का दुष्परिणाम आज सबके सामने ही है। इसी के साथ गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक चाय, कॉफी, कोल्डड्रिंक व सोडे से बनी ड्रिंक्स इत्यादि नहीं लेनी चाहिए।
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विश्राम और व्यायाम
प्रेग्नेंसी के दौरान व्यायाम अवश्य करना चाहिए परन्तु कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें। हल्के फुल्के व्यायाम और सुबह शाम की सैर आपको फिट रखती है और डिलीवरी के लिए आपकी बॉडी और माइंड को तैयार भी करती है इसलिए व्यायाम बहुत ही आवश्यक है।
ऊपर बताई गयीं ये छोटी छोटी प्रीनेटल केयर गर्भपात के खतरे को काफी हद तक दूर कर देतीं हैं।