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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन से राहत दिलाते हैं ये 5 उपाय।

प्रेग्नेंट होने की खुशी एक महिला के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है आने वाला नन्हा मेहमान उसके जीवन को एक नया आयाम देता है उसकी किलकारी से पूरे घर में मानों ईश्वर का वास हो जाता है पर गर्भावस्था एक लंबी प्रक्रिया है और इसके आरम्भ से लेकर प्रसव उपरांत तक गर्भवती के शरीर में कई परिवर्तन होते हैं जिससे उसे कई बार कुछ पीड़ाओं कुछ तकलीफों का भी सामना करना पड़ता है।

ऐसी ही एक समस्या है गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द होने की, शिशु के जीवन के लिए नारी शरीर में कुछ आश्चर्यजनक परिवर्तन होते हैं उनमें से एक है स्तनों के आकार में वृद्धि होना और इस कारण से सामान्य तौर पे हल्का ब्रेस्ट पेन होता है। कई बार ये दर्द काफी बढ़ जाता है स्तनों में सूजन सी आ जाती है और गर्भवती महिला को बहुत तकलीफ देती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई आवश्यक हार्मोन्स के उतार चढ़ाव के कारण यह परिवर्तन होता है आमतौर पर गर्भवतियों में होने वाला ब्रेस्ट पेन पहले ट्राइमेस्टर यानी प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने में रहता है और दूसरी तिमाही में समाप्त हो जाता है यदि दर्द अत्यधिक हो असहनीय हो और लंबे समय तक रहे तो आपको अपने डॉक्टर से तुरन्त सलाह लेनी चाहिए और कभी भी पेन किलर या कोई अन्य दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।

ब्रेस्ट पेन के लिए आप ये छोटे छोटे मगर कारगर उपाय कर सकतीं हैं-

  • सोने की सही पोजिशन और आरामदायक कपड़ों का चुनाव

सोते समय ये ध्यान रखें कि आपके नाजुक अंगों पर किसी प्रकार का दबाव न पड़े और न ही बहुत तंग कपड़े पहन के आप सोएं। बाकी जैसे जैसे आपकी प्रेग्नेंसी विकसित होगी आपका शरीर परिवर्तित होता रहेगा इसलिए सही कपड़ों का चुनाव आपको करना होगा। ब्रेस्ट पेन से बचने के लिए प्रेगनेंसी में फिटिंग ब्रा पहनने की आदत आपको विकसित कर लेनी चाहिए स्तनों के आकार में वृद्धि होने से आपकी ब्रा की साइज भी बदल सकती है अतः सही साइज की अच्छी गुणवत्ता की ब्रा ही आप पहनें, ब्रा की पट्टियां चौड़ी हों और उ नमें कोइ तार आदि नहीं लगे होने चाहिएं। फिटिंग ब्रा आपके स्तनों को होल्ड करती है और ज्यादा मूवमेंट से बचाती है जिससे दर्द नहीं होता।

रात में भी फिटिंग ब्रा पहन के सोएं जिससे करवट आदि बदलते समय स्तनों का मूवमेंट अधिक न हो। बड़े कप वाली ब्रा ज्यादा सपोर्ट करतीं हैं अतः वह ही पहनना चाहिए।

  • स्तनों की सिंकाई

स्तनों के दर्द को कम करने के लिए सिंकाई एक बहुत ही बढ़िया घरेलू उपाय है। सिंकाई के लिए आप हल्के गर्म या ठंडे पैक का प्रयोग कर सकतीं हैं पर डॉक्टर गर्म पैक की सिंकाई से ज्यादा ठंडे पैक की सिंकाई की सलाह देते हैं। बर्फ से बने ठंडे पैक से स्तनों की सिंकाई करने से स्तनों की सूजन कम होती है और इससे दर्द में काफी आराम मिलता है। गर्म सिंकाई से खून की दौड़ान तेज होने के कारण आराम मिलता है पर उससे स्तनों की सूजन बढ़ने का खतरा भी रहता है और साथ ही गर्म सिंकाई से आपकी स्तनों की नाजुक त्वचा को भी नुकसान पहुँचता है अतः स्तनों के दर्द को दूर करने के लिये ठंडी सिंकाई ही बेहतर होती है।

  • सही खानपान

पोषण युक्त भोजन से शरीर में सभी आवश्यक तत्वों की जरूरत पूरी होती है जिस कारण ब्रेस्ट पेन भी कम होता है पर यदि आप जंक फूड ज्यादा खातीं हैं तो इससे आपके स्तनों में दर्द भी बढ़ सकता है क्योंकि इनमें वसा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है। भोजन में ज्यादा नमक लेने से भी ब्रेस्ट में पेन होता है इसलिए प्रेगनेंसी में सामान्य से अधिक नमक खाने से बचना चाहिए। स्तनों के दर्द को दूर करने की एक बहुत ही अच्छी औषधि है जल, प्रेग्नेंसी में पानी पीना स्तनों के दर्द से छुटकारा दिला सकता है।

  • एक्सरसाइज करें

व्यायाम करने से आपके शरीर में रक्त बहाव अच्छे से होता है और शरीर के किसी भी अंग के दर्द में आराम पहुँचता है। डॉक्टर की सलाह पर हल्के व्यायाम की आदत आपको ब्रेस्ट पेन से निजात दिला सकती है।

  • सामान्य आसन

स्तनों में यदि दर्द हो तो किसी समतल सतह पर पीठ के बल सीधी लेट जाएं और दस मिनट तक गहरी गहरी साँसे लेने से स्तनों के दर्द से तुरंत आराम मिलता है।

(ध्यान रखें कि दूसरी और तीसरी तिमाही में दो मिनट से ज्यादा अपनी पीठ के बल न लेटें।)



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