प्रायः देखा गया है कि महिलाएं स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए पूरी गर्भावस्था के दौरान तो अपनी डाइट का बहुत ध्यान रखतीं हैं पर प्रसव के एक दो महीने के बाद ही वे अपने खान पान के प्रति लापरवाह हो जातीं हैं और अक्सर ये लापरवाही उनके स्वास्थ्य की हानि करती है।
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सबसे पहले तो महिलाओं को ये समझना चाहिए कि लगभग नौ महीने की गर्भावस्था की मंज़िल जरूर प्रसव थी पर ये उनके शिशु के जन्म के लिए अभी आधी यात्रा है, शिशु जन्म के एक साल बाद तक तो पूरी तरह आप पर ही निर्भर रहता है अतः अभी आपको कम से कम एक वर्ष तक तो अपनी डायट पर वैसे ही ध्यान देना है जैसे कि आप गर्भावस्था के समय रखतीं थीं इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप डॉक्टर से सलाह ले कर पोस्ट प्रेगनेंसी डायट प्लान बनाएं और स्वयं को स्वस्थ रखें।
प्रसव के बाद महिला शिशु को ब्रेस्ट फीड कराती है तथा उसके छोटे बड़े सभी कार्य में उसे लगे रहना पड़ता है अतः उसे काफी अधिक ताक़त की जरूरत पड़ती है इसलिए उसे पोषण उक्त भोजन करना चाहिए और अपनी विटामिन्स, कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि की जरूरतों को पूरा करने वाली डायट अपनानी चाहिए। सही डायट और डाक्टरों द्वारा बताए गए नियमित व्यायाम से महिला को ताकत मिलती है और वह आने वाली शारीरिक और मानसिक कमजोरी से खुद को बचा सकती है।
- प्रसव उपरांत आपकी डायट में होल ग्रेन्स अर्थात साबूत अनाज जरूर होने चाहिएं और इसके साथ ही दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही पनीर मलाई इत्यादि भी अपनी डायट में शामिल करें। मौसमी और हरी सब्जियाँ और फलों का सेवन भी आपको शक्ति देगा और कमजोरी दूर करेगा।
- चाय काफी का सेवन कम से कम करें अगर बहुत मन करे तो ग्रीन टी पी सकतीं हैं इसके साथ ही वे सारे फल भी एक अच्छा विकल्प हैं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जैसे कि स्ट्रॉबेरी आदि।
- नाश्ते में अपनी डायट का अधिक से अधिक भाग शामिल करें अंडे मछली पनीर दूध इडली डोसा आदि कुछ अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
- दोपहर के भोजन में दालें हरी सब्जी उबले आलू चिकन पनीर इत्यादि शामिल करें और चावल से अधिक रोटियों का सेवन आपके लिए अधिक लाभदायक रहेगा।
- नाश्ते और खाने के बीच छाछ फलों सब्जियों के जूस का सेवन किया जा सकता है और ध्यान रखना है कि पानी की कमी आपके शरीर में न हो अतः दिन में समय समय पर पानी अवश्य पीतीं रहें।
- शाम से पहले चाय के समय पर ग्रीन टी नारियल पानी गाजर का जूस, तरबूज आदि का जूस इत्यादि का रोज बदल बदल का चुनाव आप कर सकतीं हैं इसके साथ ही आप रोस्टेड मेवे या सूखे मेवे भी खाएं तो अच्छा रहेगा।
- रात का खाना आठ बजे से पहले करने का प्रयास करें और रात का खाना दिन के खाने की अपेक्षा हल्का होना चाहिए आप अपने भोजन में सूप, दाल का पानी, हरी पत्तेदार (साफ की गईं) सब्जियाँ ,उबले थोड़े गेंहूँ और वसा रहित दूध ले सकतीं हैं बाकी आप अपनी पसंद के कोई भी सुपाच्य भोजन का चुनाव कर सकतीं हैं जैसे कि इडली डोसा रसम चावल इत्यादि। वैसे रात में चावल का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। रात को उबला हुआ भोजन सबसे अच्छा रहता है।
- जंकफूड से परहेज रखें ये भूख को मारता है और शरीर को कोई विशेष पोषण भी नहीं देता है उल्टे इससे मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है इसी के साथ आपको अल्कोहल, सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स से भी परहेज करना चाहिए।
- सोने से एक घण्टा पहले पानी पिएं उसके बाद कुछ भी न खाएं और न ही कुछ पियें शरीर को दिन भर मिले पोषण को अवशोषित करने दें और अपोषित पदार्थों को अपशिष्ट बनने की प्रक्रिया में कुछ खा पी कर बाधा नहीं पहुँचानी चाहिए।
- सुबह उठकर सबसे पहले ताजा पानी पिएं (फ्रिज का नहीं) और दिन की सुखद शुरुआत करें।
इस तरह की और इससे भिन्न अन्य डायट प्लान को आप अपने डॉक्टर की सलाह पर बना सकतीं हैं और साथ ही हल्के व्यायाम के साथ आप गर्भावस्था के बाद आने वाली कमजोरी से खुद को बचा सकतीं हैं।