Symptoms of Ovulation in Hindi
अगर आप माँ बनने की सोच रही है, तो आपको ओव्यूलेशन (Ovulation) के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है| ओव्यूलेशन (Ovulation) का समय गर्भवती होने के लिए सबसे अच्छा समय माना गया है| अधिकतर महिलाओं को ओव्यूलेशन के बारे में जानकारी नहीं है| इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ओव्यूलेशन, ओव्यूलेशन पीरियड और ओव्युलेशन कैल्कुलेटर के बारे में जानकारी देंगे|
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ओव्यूलेशन क्या है (What is Ovulation Period in Hindi)
हर महीने महिला की ओवरी से अंडे बाहर निकलते है| ओवरी से अंडो के बाहर आने की यह किर्या ओव्यूलेशन कहलाती है| मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं में ओव्यूलेशन की किर्या हर महीने होती है| ओव्यूलेशन की क्रिया जिन दिनों होती है, उस समय को ओव्यूलेशन पीरियड कहते है| ओव्यूलेशन की किर्या अधिकतर पीरियड शुरू होने के 12वें से 16वें दिन में होती है|
अगर आप गर्भधारण करना चाहती है, तो आपको आवुलेशन पीरियड के बारे में जानकारी होने से बहुत फायदा होगा, क्योंकि आवुलेशन पीरियड का समय गर्भधारण करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है| जिन महिलाओं में रेगुलर पीरियड होता है, उनमे आवुलेशन पीरियड का समय लगभग निर्धारित होता है, लेकिन जिन महिलाओं को पीरियड रेगुलर नहीं होते आवुलेशन पीरियड का समय अलग होता है|
ओवरी में एक के बाद एक अंडो का विकास होता है, और पूरी तरह से विकसित अंडा हार्मोन में वृद्धि होने के साथ तैयार होकर बाहर आ जाते है| बहार आया हुआ अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय की तरह जाता है| अब ये ट्यूब में रुक जाते है| इस समय यह अंडा अगर किसी भी शुक्राणु के संपर्क में आ जाये तो यह अंडा निषेचित हो जाता है|
इस प्रकार आवुलेशन पीरियड के दौरान महिला आसानी से गर्भधारण कर लेती है| गर्भधारण के साथ साथ आवुलेशन पीरियड की जानकारी होने के अन्य कई फायदे है| इसकी जानकारी होने से बर्थ को आसानी से कण्ट्रोल किया जा सकता है| आवुलेशन पीरियड को दौरान महिला में विशेष लक्षण नजर आते है, इन लक्षणों को पहचान कर आसानी से आवुलेशन पीरियड के बारे में पता लगाया जा सकता है| आइये जाने ओवुलेशन के लक्षण के बारे में|
ओवुलेशन पीरियड शुरू होने का समय (Ovulation Period Kab Shuru Hota Hai)
महिलाओं में अधिकतर मासिक धर्म की डेट 28 से 32 दिनों के अंदर आती है| साईकिल की शुरुआत मासिक धर्म का सबसे पहला दिन होता है| ओवुलेशन पीरियड अधिकतर मासिक धर्म शुरू होने के 10 से 16 दिनों के बीच और अगले मासिक धर्म आने से 12 से 18 दिन पहले होता है| Menstruate होने के साथ ही महिलाएं Ovulation और गर्भवती बनने के लिए तैयार हो जाती है|
रजोनिवृत्ति के बाद ओवुलेशन की किर्या महिलाओं में अपने आप ही बंद हो जाती है| कई बार कुछ कारणों के चलते महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद भी ओवुलेशन की किर्या होने लगती है|
ओव्युलेशन कैलक्यूलेटर (Ovulation Period Calculator in Hindi)
ओव्युलेशन कैलक्यूलेटर के माध्यम से ओव्युलेशन की सही तारीख का पता लगाया जा सकता है| ओव्युलेशन की सही तारीख पता लगने से महिला को परिवार नियोजन करने में मदद मिलती है| जी महिलाओं को मासिक धर्म नियमित रूप से होता है, उन महिलाओं के लिए यह ओव्युलेशन कैलक्यूलेटर बहुत उपयोगी है| ओव्युलेशन कैलक्यूलेटर में अंतिम माहवारी का दिन और मासिक धर्म कितने दिन तक चला ये दोनों चीजे भरकर आसानी से रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है|
ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation Period Symptoms in Hindi)
पेट के निचले हिस्से में दर्द – ओवुलेशन में पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है| शुरुआत में यह दर्द हल्का होता है, लेकिन धीरे धीरे यह दर्द कई बार यह दर्द गंभीर रूप ले लेता है| कुछ महिलाओं को यह दर्द केवल कुछ मिनटों के लिए होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को लम्बे समय तक इस दर्द का सामना करना पड़ता है| कई बार श्रोणि के किनारों पर हल्के दर्द का अनुभव होने लगता है|
शरीर का तापमान बढ़ना – ओवुलेशन के दौरान अंडे के बाहर आने के साथ साथ महिला के शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है| इस समय महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का निर्माण होता है| इसके कारण ही ओवुलेशन के समय महिला के शरीर का तापमान बढ़ जाता है|
सर्विकल फ्लुईड – ओवुलेशन के समय Cervical Fluid सफ़ेद अंडे के समान मोटे और तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है| इस तरल पदार्थ की मात्रा और बनावट में बदलाव होता रहता है| अधिकतर अधिक तरल पदार्थ मौजूद होने पर ही ओवुलेशन होता है|
गर्भाशय ग्रीवा में बदलाव – सामान्य दिनों में महिला की गर्भाशय ग्रीवा सख्त होती है, लेकिन आवुलेशन पीरियड के समय महिला की गर्भाशय ग्रीवा मुलायम होने के साथ साथ खुली हुयी और गीली हो जाती है| आवुलेशन पीरियड को इस लक्षण के माध्यम से आसानी से पहचाना जा सकता है, क्योंकि यह लक्षण सभी महिलाओं में समान होता है|
ओवुलेशन के अन्य लक्षण –
1. कुछ महिलाओं में इस समय दृस्टि, गंध और स्वाद की भावना पहले की तुलना में तीव्र हो जाती है|
2. ओवुलेशन के समय फर्टाइल फेज होता है, जिसके कारण महिला की सम्बन्ध बनाने की इच्छा तीव्र हो जाती है|
3. ओवुलेशन के समय प्राइवेट पार्ट से निकलने वाला द्रव को छूने पर उसमे तनाव प्रतीत होता है और द्रव चिकनाईयुक्त हो जाता है|
4. ओवुलेशन के दौरान सर्विकल म्यूकस में बदलने लगता है, जिसके कारण महिला के प्राइवेट पार्ट से निकलने वाले द्रव में गाढ़ापन आ जाता है|
ओवुलेशन का पता लगने से होने वाले फायदे –
1. ओवुलेशन पीरियड का पता चलने से आप आसानी से बर्थ कंट्रोल कर सकते है|
2. महिला प्रेग्नेंसी के चलते डॉक्टर के अधिक चक्कर लगाने से बच जाती है|
3. ओवुलेशन पीरियड के समय सम्बन्ध बनाने से महिला के प्रेग्नेंट होने के चांस बढ़ जाते है|
ओवुलेशन कैलेंडर क्या है? (What is Ovulation Calendar in Hindi)
ओवुलेशन कैलेंडर ओवुलेशन का पता लगाने के लिए यह एक समय सारणी है| इस कैलेंडर के माध्यम से आसानी से ओवुलेशन का पता लगाया जा सकता है| कुछ ओवुलेशन कैलेंडर में ल्यूटियल फेज़ में लम्बे चरण को भी दर्शाया जाता है| ओवुलेशन कैलेंडर महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है| ओवुलेशन कैलेंडर में मासिक धर्म की जानकारी लिखकर याद रखी जाती है, इसीलिए यह और भी उपयोगी है|
ओव्यूलेशन विकार (Ovulation Disorders in Hindi)
ओव्यूलेशन विकार को हिंदी में बाँझपन भी कहते है| ओव्यूलेशन विकार महिलाओं के लिए सबसे बड़ा विकार है, क्योंकि इस विकार के चलते महिला कभी माँ नहीं बन सकती| बाँझपन के कई कारण हो सकते है, इन कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है| इन कारण की जानकारी होने से आप बाँझपन की समस्या से बच सकते है|
इस पोस्ट में हमने आपको ओवुलेशन और ओवुलेशन पीरियड के बारे में विस्तार से बताया| इस पोस्ट में आपको जो जानकारी मिली वो कैसी लगी. इसके बारे में हमें कमेंट के माध्यम से बताएं| अगर आप अन्य किसी विषय पर जानकारी चाहते है, तो उस विषय के बारे में भी हमें कमेंट के जरिए बता सकते है|
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