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पहचानें TB के लक्षण, कारण, प्रकार और टीबी का इलाज कैसे करें

टीबी रोग के लक्षण और इसका घरेलू इलाज

What is Tuberculosis in Hindi : जानें टीबी के लक्षण क्या हैं, टीबी कैसे होता है इसके कारण, टीबी बीमारी के प्रकार और टीबी का इलाज (TB Treatment in Hindi) कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं| टीबी जिसे अधिकतर लोग क्षय रोग के नाम से जानते है, यह बीमारी Mycobacterium Tuberculosis नामक जीवाणु के कारण होती है| टीबी का कारण बने ये जीवाणु हमारे फेफड़ो को प्रभावित करते है| “राजयक्ष्मा” टीबी रोग का आयुर्वेदिक नाम है| “राजयक्ष्मा” का अर्थ होता है, रोगो का राजा|

टीबी (Tuberculosis) होने की कोई विशेष उम्र नहीं होती| ये बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है| टीबी की बीमारी जानलेवा बीमारियों की सूची में आती है| हर साल 30 लाख से अधिक लोग टीबी होने के कारण मर जाते है| एक गणना के अनुसार विश्व में हर तीन में से एक व्यक्ति टीबी का मरीज है| अशिक्षा और जागरूकता की कमी इस रोग का बड़ा कारण है| सरकार टीबी के बारे में लोगो की जागरूकता को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के स्वास्थय कार्यक्रम चला रही है, लेकिन फिर भी हर साल इस बीमारी से पीड़ित लोगो की संख्या पहले से बढ़ जाती है|

Contents
  1. Type of Tb in Hindi
  2. Tv Disease Symptoms in Hindi
  3. Reason of Tb in Hindi
  4. Tv Treatment in Hindi
  5. Tuberculosis (TB) Patient Diet Chart in Hindi
  6. Tb Me Kya Nahi Khana Chahiye
  7. Tuberculosis Care Tips in Hindi

टीबी का इलाज संभव है, लेकिन तब जब इसका इलाज सही समय पर किया जाये| सही समय पर इलाज ना मिलने पर टीबी आपकी जान भी ले सकता है| किसी भी बीमारी का सही समय पर इलाज करने के लिए हमें उस बीमारी के शुरुआती लक्षण पता होने चाहिए| लक्षणों को पहचान कर किसी भी बीमारी का इलाज सही समय पर शुरू किया जा सकता है| इस पोस्ट में हम आपको टीबी रोग के लक्षण / Tb Ke Lakshan, टीबी होने का कारण और टीबी का इलाज कैसे करे इस बारे में बताने जा रहे है|

टीबी के प्रकार (Type of Tb in Hindi)

टीबी की बीमारी तीन प्रकार की होती है, पेट का टी.बी, फुफ्सीय टी.बी और हड्डी का टी.बी.| टीबी के तीनो प्रकारो के अलग अलग लक्षण और अलग अलग इलाज होते है|

पेट का टी.बी : पेट के टीबी को सही समय पर पहचान पाना मुश्किल होता है| क्योंकि पेट का टीबी पेट के अंदर ही बढ़ता जाता है और उसमे पेट दर्द और दस्त जैसी सामान्य पेट से जुडी परेशानियां होती है| पेट का टीबी तब पता चलता है, जब पेट के अंदर गांठे पड़ जाती है|

फुफ्सीय टी.बी : फुफ्सीय टीबी का अधिकतर गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद पता चलता है| क्योंकि फुफ्सीय टी.बी अंदर ही धीरे धीरे बढ़ता है| फुफ्सीय टी.बी किसी को भी हो सकता है, लेकिन फुफ्सीय टी.बी की लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते है|

हड्डी का टीबी : हड्डी के टीबी की पहचान सबसे आसान है, क्योंकि हड्डी का टीबी होने पर हड्डियों में घाव होने लगते है| टीबी के कारण हड्डियों में पड़े घाव आसानी से इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पाते| हड्डी का टीबी होने पर मांसपेशियों और हड्डिया भी कमजोर हो जाती है|

टीबी रोग के लक्षण (Tv Disease Symptoms in Hindi)

1. लम्बे समय से खांसी होना| खांसी दो हफ्तों से अधिक होने पर बलगम की जाँच जरूर कराये
भूख में कमी

2. बिना कारण तेजी से वजन कम होना

3. रीड की हड्डी का टीबी होने पर पैरो और पीठ में दर्द

4. बलगम और खांसी के साथ खून आना

5. रात में पसीना अधिक आना

6. शाम को बुखार आना

7. बुखार का लम्बे समय तक ठीक ना होना

8. शारीरिक कमजोरी के साथ शरीर में दर्द

9. एक महीने से सीने में दर्द होना

10. छाती में दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ होना

टीबी कैसे होती है (Reason of Tb in Hindi)

टीबी की बीमारी पौष्टिक भोजन ना करने, गन्दगी में रहने और शुगर और एड्स जैसी बीमारी होने के कारण होती है| टीबी के मरीज के थूक में मौजूद जीवाणु से इस बीमारी का संक्रमण तेजी से फैलता है| टीबी के मरीज के थूकने, छींकने और खांसने से थूक में मौजूद जीवाणु हवा में फैलकर दूसरे लोगो को इस बीमारी से संक्रमित कर देते है| इस रोग को फैलने से रोकने के लिए टीबी पीड़ित लोगो को खुले में नहीं थूकना चाहिए|

जिन लोगो के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, उन लोगो में इस बीमारी का संक्रमण होने का खतरा बहुत कम होता है| जी लोगो की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, उनके शरीर में पहुंचकर टीबी का जीवाणु निष्क्रिय हो जाता है| जीवाणु के निष्क्रिय होने के कारण ना तो टीबी का कोई लक्षण नजर आता है ना ही इस जीवाणु के कारण कोई परेशानी होती है| जैसी ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वैसे ही ये निष्क्रिय जीवाणु सक्रीय हो जाते है| जीवाणु के सक्रीय होती ही, शरीर को टीबी की बीमारी लग जाती है| Mycobacterium Tuberculosis जीवाणु फेफड़ो के अलावा रक्त और लसिका में भी टीबी के संक्रमण को फैला देता है|

टीबी का इलाज (Tv Treatment in Hindi)

सरकारी केन्द्रो में टीबी के इलाज के लिए DOTS कार्यक्रम चलाया जा रहा है| DOTS की फुल फॉर्म प्रत्यक्ष निरीक्षण उपचार (Direct Observation Treatment) है| DOTS के माध्यम से टीबी का इलाज मुफ्त किया जाता है| इस कारकार्यं में DOT एजेंट की देखरेख में टीबी के मरीजों को 6 महीने तक की दवाई लेनी होती है| 6 महीने का यह इलाज पहले और दूसरे दो चरण में होता है| पहला चरण दो महीने का होता है और दूसरा चरण चार महीने का होता है| इलाज के दौरान कितनी मात्रा में दवा देनी है, यह मरीज की उम्र और भार के आधार पर तय किया जाता है|

अगर आप टीबी का इलाज करा रहे है, तो इसे बीच में ना छोड़े| बीच में इलाज छोड़ने और समय पर सही मात्रा में दवा ना लेने के कारण यह रोग दोबारा हो जाता है| अगर टीबी का सही तरीके से इलाज करा रहे है, तो यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है|

टीबी में क्या खाये (Tuberculosis (TB) Patient Diet Chart in Hindi)

किसी भी बीमारी का जल्दी इलाज करने में खान पान का बहुत बड़ा हाथ है| अगर आप अच्छी डाइट लेते है और आपकी बीमारी दुगनी तेजी से ठीक होने लगती है| अच्छा और पौष्टिक भोजन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है| रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर की टीबी जैसे अनेक संक्रामक रोगो से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है| चलिए जाने टीबी पेशेंट का डाइट चार्ट कैसा होना चाहिए|

1. हरी और पत्तेदार सब्जिया अधिक खानी चाहिए|

2. खाना जैतून के तेल में बनाना चाहिए|

3. साबुत और अंकुरित अनाज खाना चाहिए|

4. जिन फलो और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है, उनका सेवन अधिक करना चाहिए|

टीबी में क्या ना खाये (Tb Me Kya Nahi Khana Chahiye)

1. टीबी का सही इलाज करने के लिए टीबी में परहेज करना बहुत जरुरी है| कुछ चीजे ऐसी है, तो टीबी के मरीज को नहीं खानी चाहिए|

2. टीबी के मरीज को शराब नहीं पीनी चाहिए, शराब पीने से टीबी में ली जाने वाली दवा का असर खत्म हो जाता है|

3. टीबी होने पर तम्बाकू, खैनी, गुटके और पान मशाले को ना खाये|

4. ऑयली, फ़ास्ट और जंक फ़ूड गलती से भी ना खाये|

5. सोडा, चाय और कॉफी का सेवन ना करे|

टीबी से बचाव के उपाय :

1. अगर आप बाहर वाशरूम जा रहे है और साफ़ वाशरूम में ही जाये|

2. अगर आप बाहर पानी या जूस पीते है, तो डिस्पोजेबल गिलास का इस्तेमाल करे|

3. अपनी साफ़ सफाई का विशेष ध्यान दे| खाना खाते और बनाते समय हाथो को एंटी बैक्टीरियल साबुन से धोये|

4. अगर आपके घर टीबी का कोई मरीज है और उसका साबुन तौलिया जैसी सभी चीजे अलग रखे|

5. रोजाना exercise करे| इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|

6. बाहर खाना ना खाये|

इस पोस्ट में आपने टीबी (ट्यूबरक्लोसिस या क्षय रोग) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के बारे में विस्तार से जाना| टीबी रोग से जुड़ा ये हेल्थ रिलेटेड आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके बताये| कमेंट करने के लिए पोस्ट के निचे बने कमेंट बॉक्स पर जाये| टीबी से जुड़ा कोई भी सवाल पूछने के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते है| ऐसे ही स्वास्थ्य से जुड़े आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर रोजाना विजिट करे|

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