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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi)

हेलो दोस्तों आज हमलोग अपने इस लेख के माध्यम से शिक्षक दिवस के बारे में जानेंगे। शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, तथा शिक्षक दिवस किनकी याद में याद में मनाया जाता है, इन सारी बातों का चर्चा आज हम अपने इस लेख में करेंगे।

आज हमलोग पूरे विस्तार से इस बात को जानेंगे कि शिक्षक का एक विद्यार्थी के जीवन मे क्या योगदान है, तथा शिक्षक दिवस का क्या महत्व है। 

अनेको सारी जानकारी आज हमलोग विस्तार से इस लेख में जानेंगे, बहुत से ऐसे लोग है जिनको शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में बहुत कम ही बात पता है, तो दोस्तों शुरू करते है, शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Shikshak Diwas par Nibandh) | Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस – हमारे भारत देश मे प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।। हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर  1888 ई० को हुआ था। इसलिए अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण उनके ही जन्मदिन के अवसर पे शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

सभी के लिए शिक्षक दिवस एक खास दिन होता है, खासतौर से एक शिक्षक और विद्यार्थि के लिए।। अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा ये हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है।

जीवन मे शिक्षक का किरदार बहुत ही खास होता है, वो किसी के जीवन मे उस बैकग्राउंड मुजिक की तरह होते हैं, जिसकी उपस्थित मंच पर तो नही दीखती परंतु उसके होने से नाटक में जान जरुर आ जाती हैं। 

शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?

भारत मे प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से शिक्षको को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्पति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन मनाया जाता है, उन्ही के याद में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।।

पुरे देश मे शिक्षक दिन या शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन छात्र और छात्राय अपने शिक्षक को ग्रीटिंग कार्ड और तोहफे दे कर उनका सम्मान करते है।। विद्यार्थिय अपने – अपने तरीको से शिक्षक के प्रति प्यार और सम्मान को प्रकट करते है। देश ही नही बल्कि पूरे दुनिया मे शिक्षक दिवस को बड़े ही हर्षो उल्लास से मनाया जाता है।

राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। उनका कहना था, कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्र के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे। 1954 ई० में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस पूरे भारत में हर साल 5 सितम्बर को, शिक्षकों को हमारी शिक्षा के साथ ही समाज और देश के लिए बहुमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

 शिक्षक दिवस हर वर्ष पूरे भारत मे 5 सितंबर को मनाया जाता है। देश मे शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पे हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi)

  • शिक्षक दिवस भारत में 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के द्वितीया राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृश्णन के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है।
  • अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस पर स्कूलों में शिक्षकों के सम्मान में आयोजन होता है।
  • बहुत से स्कूलों में आज के दिन बच्चे स्कूल के शिक्षक की भूमिका भी निभाते है।
  • बच्चे अपने प्रिय शिक्षकों को आज के दिन उपहार भी देते है।
  • सरकार द्वारा भी आज के दिन कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
  • स्कुलो में इस दिन निबंध नृत्य आदि प्रतियोगिता का आयोजन भी होता है।
  • गुरु भी आज के दिन अपने प्रिय शिष्य को उपहार भेंट करते है।

शिक्षक दिवस पर निबंध Short Me (Teachers Day Essay in Hindi Short)

“अक्षर-अक्षर हमें सिखाते, शब्द-शब्द का अर्थ हमें बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन हमें सिखाते” ऐसे होते हैं हमारे शिक्षक।

 हम सभी जानते हैं कि आज के समय में शिक्षा का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, और उनके इस सपने को पूरा करने का श्रेय अध्यापक को जाता है। प्राचीन समय से ही गुरु-शिष्य का रिश्ता भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा रहा है। 

जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई और नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लेकर आते हैं। आपको बता दें, कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता हैं तो वहीं अपने यहाँ भारत में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 

शिक्षक दिवस स्कूलों, कॉलेजों और इंस्टीट्यूट में बहुत धूम–धाम से मनाया जाता है।। इसके अलावा छात्र शिक्षक को उपहार भी देते हैं। जो छात्र Teacher Day के उपलक्ष्य में स्कूल, कॉलेजों में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल भी होना चाहते हैं। 

निबंध 2  शिक्षक दिवस पर निबंध 200 Words (Teachers Day Essay in Hindi 200 Words)

शिक्षक वो होता है, जो अपने शिष्यों को सही राह दिखता है। हम सब आज जिस जगह पर है, उसमें किसी न किसी शिक्षक का हाथ जरूर होता है। शिक्षक हर एक व्यक्ति के जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण है, शिक्षक हमारे भविष्य की राहो को बहुत आसान बनाते हैं, और उसपे चलने का हुनर भी सिखाते हैं। शिक्षक केवल वो नही होता जो हमे क्लास में पढ़ता है, शिक्षक हर वो व्यक्ति होता है, जो हमको जीवन मे क्या कैसे करना है, ये सब कुछ बताता है।। जो बच्चे अपने जीवन मे शिक्षक का सम्मान नही करते, वह आगे जाकर अपने जीवन की राहों में भटक जाते हैं। शिक्षक का अर्थ होता है, गुरु मतलब शिक्षक यानी कि गुरु,

 गुरु का तो अर्थ ही होता है, अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना होता है। इसी प्रकार शिक्षक हमारे जीवन के अंधेरे से ज्ञानमयी उजाले की ओर ले जाते हैं। भविष्य मे आप किसी भी संकट में हो आपके प्रिय लोग आपके साथ छोर सकते हैं, पर एक शिक्षक आपका साथ कभी नहीं छोड़ सकता। शिक्षक एक ऐसा महान व्यक्ति है, जिसके लिए एक दिन तो क्या सही सभी दिन शिक्षक दिवस हो, फिर भी उसके सम्मान में कम होते हैं।

किसी भी व्यक्ति का पहला शिक्षक उनके माता-पिता होते है। शिक्षक दिवस का दिन आपको यही बताता है कि हमारे जीवन मे न तो शिक्षा की कमी है और न् ही ज्ञान की। अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना बहुत ही आवश्यक है। मा- बाप तो सिर्फ आपको चलना और बोलना सिखाते हैं, जबकि शिक्षक वह व्यक्ति है जो आपके जीवन की आदर्शों को सिखाता हैं।। हर पेशे के लोग हर क्षेत्र में अपना फायदा देखते हैं, परन्तु एक शिक्षक ही अपने शिष्यों को खुद से ऊंचा देखना चाहते हैं।

निबंध 3:  शिक्षक दिवस पर निबंध 400 Words (Teachers Day Essay in Hindi 400 Words)

कहा जाता है, की हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता- पिता होते है, प्राचीन समय से ही हमारे भारत देश मे गुरु व शिक्षक की परंपरा चली आ रही है। लेकिन हमारे जिंदगी को सही रहो में जीने का सलीका हमारे गुरु ही सिखाते है। सही मार्ग पे बच्चों को चलने के लिए गुरु हर वो मेहनत और त्याग बखूबी निभाते है।। गुरु-शिष्य की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र रिश्ता है। 

प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। ‘गुरु’ का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। इस दिन समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। स्कूल और कॉलेज में पूरे दिन उत्सव-सा माहौल रहता है। दिनभर रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान का दौर चलता है। इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर याद कर मनाया जाता है।

गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। शिक्षक उस माली के समान है, जो एक बगीचे को अलग- अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है। जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करता है। 

आज शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने के लिए तमाम सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों को भी वह सम्मान मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। एक गुरु ही शिष्य में अच्छे चरित्र का निर्माण करता है।

निबंध 4: शिक्षक दिवस पर निबंध 500 Words (Teachers Day Essay in Hindi 500 Words)

हमारे जीवन मे शिक्षक का बहुत ही विशेष महत्व है , शिक्षा ही हमे इस बात का ज्ञान देता है कि हमारे जीवन मे क्या सही और क्या गलत है, हमे क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए। इन सारे गलत चीजो को छोड़ कर सही रास्ते पर लाने का काम हमारे शिक्षक का ही होता है, इसलिए हमारे जीवन मे शिक्षक का बहुत विशेष महत्व है। और इनको ही अपने जीवन में सम्मान देने के लिए हम लोग प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है।   

जैसा कि हम सभी जानते है, की गुरु न हो तो हमे ज्ञान की प्राप्ति नही हों सकती। “क्योंकि बिना गुरु ज्ञान न होय” इस बात को कबीरदास ने अपने दोहा में कहा गया है। 

जीवन के हर एक पड़ाव पर गुरु की बहुत आवश्यकता होती है। गुरु का स्थान बहुत ही ऊंचा होता है, और उनके ही सम्मान में 5 सितंबर को हमलोग शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है।

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर1888 ई० को हुआ था। अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाओ के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में छात्रों के द्वारा सजावट की जाती है, और उसके बाद सभी छात्र मिलकर शिक्षक को कुछ उपहार देते हैं।। इसके अलावा इस दिन स्कूलों में अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है, जिसमें छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते है। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि किसी भी देश का भविष्य उस देश का युवा होता है,  और ऐसे में देश के भविष्य का निर्माण करने की जिम्मेदारी शिक्षक के ऊपर होती है। क्योंकि अगर किसी देश का युवा भ्रमित हो जाए, तो उस देश का भविष्य भी अंधकार में हमेशा के लिए हो जाएगा।।

प्राचीन काल में छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल जाया करते थे, जहां पर उन्हें शिक्षक के द्वारा शिक्षा दी जाती थी और जब उनकी शिक्षा पूरी होती थी।  तब गुरु उनसे गुरु दक्षिणा लिया करते थे।। छात्र के जीवन में शिक्षक का एक अहम भूमिका है।। शिक्षक छात्र को इस बात का ज्ञान देते है, कि उन्हें अपने जीवन में कैसे कामों से बचना चाहिए, ताकि उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित बन सके।

हम सभी को आज्ञाकारी छात्र के तौर पर साल में एक बार अपने शिक्षकों का अभिनंदन दिल से करना चाहिए।। जिस प्रकार एक कुम्हार मिट्टी के बर्तन को सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक छात्र के भविष्य को गढ़ने का काम करता है।।  शिक्षक का सम्मान करना और उसके दिखाए गए रास्ते पर चलना हम सब का परम कर्तव्य है।

एक शिक्षक अपने जीवन में उस दिन बहुत ज्यादा खुश होता है,,जब उसका कोई छात्र उसके द्वारा बताए गए चीजों का अनुसरण करते हुए जीवन में सफल होता है।  

राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।  इसके बावजूद भी कई लोग ऐसे हैं, जो शिक्षक को सम्मान देने में अपने आप को छोटा महसूस करते हैं लेकिन शिक्षक के मान और सम्मान को देश में राष्ट्र दिवस के तौर पर मनाया जाए।।इस काम को करने का श्रेय डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है । जिन्होंने अपने अथक प्रयास से कई विद्यार्थियों की जिंदगी संवारी हैं। देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है

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