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अंडा डीलर्स की मनमानी से किसान परेशान।

अंडा डीलर्स की मनमानी से किसान परेशान।
लागत से कम कीमत पर अंडा बेचने को मजबूर।
नेक की राष्ट्रीय अध्यक्ष का अजमेर में पुतला जलाया।
डॉ. राजकुमार जयपाल को भी हटाने की मांग। 

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14 फरवरी को अजमेर में राष्ट्रीय एग को-ऑर्डिनेशन कमेटी (नेक) की अध्यक्ष अनुराधा देसाई के पुतले को जलाया गया। इससे पहले दरगाह बाजार से कलेक्ट्रेट तक राजस्थान पोल्ट्री फारमर्स फैडरेशन के तत्वावधान में पुतले के साथ जुलूस भी निकाला। फारमर्स ने नेक की राजस्थान ईकाई के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार जयपाल को हटाने की मांग की। फारमर्स का आरोप है कि अंडा डीलर्स के संगठन की मनमानी से किसानों को लागत से भी कम कीमत पर अंडा बेचने पड़ रहा है। फैडरेशन के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद नूर, सचिव सनीफ भाई, सैय्यद बदरे मुस्तफा ने बताया कि नेक के पदाधिकारी जो कीमत घोषित करते हैं, उसी कीमत पर किसानों को अंडा बेचना पड़ता है। यानि डीलर्स ही खरीद मूल्य तय करते हैं। मौजूदा समय में करीब पौने तीन रुपए में एक अंडा खरीदा जा रहा है, जबकि किसान को एक अंडे की लागत करीब साढ़े चार रुपए पड़ रही है। ऐसी स्थिति किसान के सामने भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने जिस प्रकार खाद्यानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है, उसी प्रकार अंडे का भी न्यूनतम मूल्य घोषित किया जाए। अंडा उत्पादक किसानों को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय एग को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चंगुल से बाहर निकाला जाए। अंडे के खरीद मूल्य निर्धारण का अधिकारी भी नेक से छीना जाए। डीलर्स के कब्जे वाली नेक पौने तीन रुपए में अंडा खरीद कर बाजार में पांच रुपए तक बेचती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीलर्स कितना मुनाफा कमा रहे हैं। यही वजह है कि अब राजस्थान सहित देशभर में अंडा उत्पादक किसान आंदोलन कर रहे हैं। नेक की राजस्थान ईकाई भी किसानों का ख्याल नहीं रख रही है। ईकाई के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार जयपाल को तत्काल प्रभाव से हटाया जाना चाहिए। नेक में किसानों का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
चूजे पर एक रुपए की अतिरिक्त वसूली:
किसानों ने आरोप लगाया कि राजस्थान में मुर्गी के चूजे पर एक रुपए की अतिरिक्त वसूली की जा रही है। चालीस रुपए कीमत वाला चूजा जबरन 41 रुपए में दिया जा रहा है। चूंकि नेक की प्रदेश ईकाई की मिलीभगत  से राजस्थान में चूजे की बिक्री का एक ही एजेंट हैं, इसलिए किसानों की कोई सुनवाई नहीं होती। किसानों ने अतिरिक्त वसूली की जांच की मांग की है। किसानों ने नेक को भंग करने की भी मांग की है। किसानों का शोषण नेक के पदाधिकारियों द्वारा ही किया जा रहा है। अकेले अजमेर जिले में 700 पोल्ट्री फार्म है, जिन पर करीब 20 हजार श्रमिक काम करते हैं। चूंकि अंडा उत्पादन के लिए अजमेर का मौसम सबसे अनुकूल है, इसलिए देशभर में अजमेर ही अंडे के कारोबार का प्रमुख केन्द्र है।
(एस.पी.मित्तल) (14-02-2020)
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