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Conjunctivitis in Hindi / आँख-आना

Conjunctivitis in Hindi

आज हम हिंदी के सरल शब्दों  में Conjunctivitis यानि आँख-आना के बारे में जानेंगे यानि Conjunctivitis in Hindi.

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आजकल बारिश का मौसम हैं और इसके कारण वातावरण के तापमान में बहुत उतार चढ़ाव हो रहे हैं और इसके साथ-साथ उमस भी तंग करती हैं।

इसी वातावरण के उतार चढ़ाव के कारण सबसे ज्यादा परेशानी हमारी आँखों को होती हैं। इसी कारण आँखे लाल या गुलाबी रहने लगती हैं और इनमे सूजन के साथ साथ पानी भी ज्यादा आने लगता हैं। जिसे आम बोलचाल की भाषा में आँख-आना यानि Conjunctivitis भी कहते हैं।

Conjunctivitis एक संक्रमण के कारण होता है, जो हमारी आँख में मौजूद एक पारदर्शी झिल्ली में होता हैं। जो हमारी पलकों (Eyelids) और नेत्रगोलक (Eyeball) के सफेद भाग को ढकती है। इस पारदर्शी झिल्ली को Conjunctiva कहा जाता हैं।

कंजंक्टिवा में छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) होती हैं। किसी भी infection और किसी अन्य कारणों के कारण जब इनमे सूजन आ जाती हैं तो उस परिस्थिति को Conjunctivitis कहा जाता हैं।

Conjunctivitis के कारण आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखाई देने लगता है, इसलिए इसे गुलाबी आंख (Pink Eye) भी कहा जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस में आंखों में जलन और खुजली के साथ-साथ कई बार पीले रंग का पानी भी निकलता है। आँखों में तेज खुजली और जलन होने लगती हैं। जिसके कारण आँखों को रगड़ने की लगातार इच्छा होती है। समस्या गंभीर होने पर आँखों में दर्द भी होने लगता हैं।

Conjunctivitis होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे वायरस (Viruses), बैक्टीरिया (Bacteria)  या गैर-संक्रामक कारणों जैसे धूल, धुएं या अन्य किसी एलर्जी के कारण हो सकता है। वायरल Conjuncitivitis  के लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। Bacterial infection के कारण होने वाले Conjunctivitis के लिए विशेष उपचार की आवश्यकता होती हैं इसमें Eye drops या Anti infective drugs का उपयोग होता हैं।

NIH के 2013 के एक शोध के अनुसार दुनियाँ भर में लगभग 1% लोग CONJUNCTIVITIS से पीड़ित होते हैं।

आमतौर पर नेत्रश्लेष्मलाशोथ (conjunctivitis) तीन प्रकार का होता हैं:-

  1. बैक्टीरियल नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Bacterial conjunctivitis)
  2. वायरल नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Viral conjunctivitis)
  3. एलर्जिक नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Allergic conjunctivitis)

1. बैक्टीरियल नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Bacterial conjunctivitis):-Conjunctivitis in Hindi

इस प्रकार के CONJUNCTIVITIS में दोनों आँखों से अत्यधिक गाढ़ा पदार्थ निकलता रहता है जो पीले रंग का हो सकता हैं । इसके कारण कई बार जागने के बाद पलकें आपस में चिपक जाती हैं। इसमें डॉक्टरी सलाह से एंटीबायोटिक( antibiotic) ड्रॉप्स या आँखों के मलहम (Eye-Ointment)  का इस्तेमाल करना चाहिये ।

Bactrial conjunctivitis बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी हैं। यह परिवार के सदस्यों और डॉक्टर के क्लिनिक में आने वाले लोगों के बीच बहुत तेजी से फैल सकता है। अगर आपके परिवार का कोई सदस्य conjunctivitis का शिकार हो गया है तो परिवार के सभी सदस्यों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

Bacterial conjunctivitis बच्चों में बहुत आम है और Conjunctivitis के लिए कुछ सामान्य बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकल प्रजातियाँ (staphylococcal species ) जिम्मेदार होती हैं जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus), एच. इन्फ्लूएंजा ( H. influenzae), एस. निमोनिया (S. pneumoniae) और मोराक्सेला कैटरलिस (Moraxella catarrhalis)

स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (S. pneumoniae) और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा (H. influenzae) जैसे बैक्टीरिया की वजह से वयस्कों में conjunctivitis होता हैं।

2.वायरल नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Viral conjunctivitis):-Conjunctivitis in Hindi

इसमें दोनों आँखों की बजाय एक आंख से पानी गिरता है जो मटमैला रंग का होता हैं । संक्रमण (Infection) आमतौर पर पहले एक आंख में होता है, लेकिन यह infection दूसरी आंख में भी आसानी से फैल सकता है।

इससे बचने के लिये अपनी आँखों को दिन में कई बार गुनगुने नमक वाले पानी या बोरिक एसिड (Boric Acid) पाउडर से धोना चाहिये और अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये ।

वयस्कों में वायरल नेत्रश्लेष्मलाशोथ भी काफी आम होता है। इस प्रकार का Conjunctivitis बहुत संक्रामक होता है और अक्सर स्कूलों और अन्य भीड़-भाड़ वाली जगहों पर फैलता है। वायरल conjunctivitis का कोई इलाज नहीं है । क्योंकि वायरल conjunctivitis आमतौर पर हफ्ते भर के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है।

कुछ viruses इसके होने का कारण बनते हैं जैसे एडेनोवायरस(adenovirus), हर्पीज़ सिम्प्लेक्स (herpes simplex), हर्पीस ज़ोस्टर (herpes zoster) और एंटरोवायरस (enterovirus)

3. एलर्जिक नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Allergic conjunctivitis):-Conjunctivitis in Hindi

यह Conjunctivitis आमतौर पर दोनों आंखों को प्रभावित करता है। इसमें दोनों आँखों में पानी आता हैं , खुजली या जलन होती हैं और दोनों आंखें लाल रहने लगती हैं  ।  ये conjunctivitis एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ जैसे पराग, धूल के कण, फफूंद, पालतू जानवरों से निकलने वाली रूसी, दवाएं या सौंदर्य प्रसाधन आदि के कारण होता है।

Allergic conjunctivitis होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती हैं जो पहले से ही किसी एलर्जी से सम्बंधित रोग से पीड़ित हो  जैसे हे फीवर(hay fever), अस्थमा (Asthma), और एक्जिमा (eczema). किसी-किसी  को Conjunctivitis के साथ-साथ छींक आना और नाक से पानी आना जैसे लक्षण भी अनुभव हो सकते हैं।

1. जाइंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस (Giant Papillary Conjunctivitis):-  Conjunctivitis in Hindi

यह एक प्रकार का एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस है जो आंख में किसी बाहरी वस्तु की लंबे समय तक उपस्थिति के कारण होता है। जो लोग लचीले कॉन्टैक्ट लेंस (flexible contact lenses) पहनते हैं, नरम  कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते हैं जिन्हें बार-बार नहीं बदला जाता है या कृत्रिम आंख रखते हैं, उनमें इस प्रकार के Conjunctivitis  होने का खतरा सबसे अधिक होता है।

2. उत्तेजक नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Irritant conjunctivitis):- Conjunctivitis in Hindi

यह भी एक प्रकार का एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस है जो धुएं, धूल, जैसे उत्तेजक पदार्थों के कारण होता है। रासायनिक उद्योग के रसायन जैसे विषाक्त पदार्थ या प्रयोगशाला में उपयोग किए जाने वाले रसायन/गैस या ब्लीच जैसे कास्टिक पदार्थ Conjunctivitis का कारण बन सकते हैं

कभी कभी किसी chemical के आँखों में चले जाने के कारण आंख को स्थायी नुकसान भी हो सकता है।

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कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण (symptoms of conjunctivitis):-Conjunctivitis in Hindi

कंजंक्टिवा एक झिल्ली है जो आपकी आंखों की बाहरी सतह को कवर करती है और स्वस्थ आंख और दृष्टि को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। कंजंक्टिवाइटिस कंजंक्टिवा में सूजन और संक्रमण के कारण होता है। कुछ लक्षण होते हैं जिनसे आपको conjunctivitis होने का पता चल सकता हैं :

  • आंखों के सफेद भाग का गुलाबी या लाल  होना
  • आंखों में जलन, या खुजली होना
  • आँखों से गाढ़ा पीले रंग का पानी निकलना
  • आंख के सफेद हिस्से और पलक (पलक के अंदर के हिस्से) की परत की सूजन
  • आँखों से ज्यादा पानी निकलना
  • आपकी आँखों में किसी लगातार किसी चीज़ का रड़कना महसूस होना
  • खुजली और जलन के कारण अपनी आँखें मलने की लगातार इच्छा होना
  • गाढ़ा पीले रंग का पानी निकलना जो पलकों पर जम जाता है, खासकर जागने के बाद जिससे आँखे चिपक जाती हैं और आंख खोलना मुश्किल हो जाता है
  • आँखों में दर्द और पानी आना
  • सूरज की रौशनी में आँखों को खोलना मुश्किल होता हैं

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आपको नेत्रश्लेष्मलाशोथ होने का खतरा ज्यादा हैं यदि आप:-  Conjunctivitis in Hindi

  • ऐसे लोगों के संपर्क में आते हैं जिनको conjunctivitis हो
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ तौलिया, तकिया कवर, मेकअप उत्पाद जैसी चीजें साझा करें
  • अगर आपको साइनसाइटिस है
  • लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनें, खासकर नींद के दौरान, जिससे आपको बैक्टीरियल कॉर्नियल संक्रमण (bacterial corneal infections) का खतरा अधिक होता है

Conjunctivitis की पहचान (Diagnosis Of Conjunctivitis):- Conjunctivitis in Hindi

नेत्रश्लेष्मलाशोथ की पुष्टि आमतौर पर आपके नेत्र चिकित्सक या नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा की गई आँखों की जांच से की जाती है।

पलक संवर्धन (eyelid culture) यह एक प्रयोगशाला परीक्षण हैं जो आमतौर पर तब किया जाता है जब आप बार-बार Conjunctivitis के संक्रमण का सामना कर रहे हों या दवाओं से संक्रमण ठीक नहीं हो पा रहा हो।

कुछ मामलों में वायरस के कारण होने वाले Conjunctivitis के लिए आरटी-पीसीआर (RTPCR) परीक्षण की सलाह दी जा सकती है।

नेत्रश्लेष्मलाशोथ की रोकथाम (Prevention of conjunctivitis):-Conjunctivitis in Hindi

कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए आप इन आसान टिप्स को अपना सकते हैं:

  • अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोना चाहिये जिससे वे स्वच्छ रहे और infection ना फ़ैल पाये। आजकल बाजार में बहुत अच्छे-अच्छे sanitizer उपलब्ध हैं, जो आपके हाथों को स्वच्छ रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
  • संक्रमित आंख में आई ड्रॉप या मलहम डालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें या sanitizer से sanitize कर लेना चाहिये।
  • Conjunctivitis की घटना को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के साथ आई ड्रॉप, या मेकअप, धूप का चश्मा जैसी व्यक्तिगत वस्तुएं बिलकुल भी साझा न करें।
  • अपनी आंखों को न छुएं और न ही रगड़ें। यह संक्रमण फैलाने और इसे और भी बदतर बना सकता है।
  • लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस न पहनें।
  • धुप में निकलते वक्त अपनी आँखों पर हमेशा काला चश्मा पहन कर रखें ।
  • अपनी आंखों से या उसके आस-पास से किसी भी प्रकार के स्राव को रुई या साफ, गीले कपड़े की मदद से धो लें। उपयोग के बाद कॉटन बॉल को फेंक दें और इस्तेमाल किए गए कपड़े को डिटर्जेंट और गर्म पानी से धो लें।
  • अपने निजी सामान जैसे बेडशीट, तकिए के गिलाफ, चादरें और चेहरे के तौलिए को गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोएं; इन वस्तुओं को संभालने के बाद अपने हाथ साफ करना सुनिश्चित करें।
  • कॉन्टेक्ट लेंस तब तक न पहनें जब तक आपका नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको इन्हें दोबारा पहनना शुरू करने की सलाह न दे।
  • उपयोग करने से पहले अपने चश्मे को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिये।
  • स्विमिंग पूल का उपयोग  नहीं करना चाहिये
  • लंबे समय तक टेलीविजन नहीं देखना चाहिये  या लम्बे समय तक computer का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये क्योंकि इनकी रोशनी आपकी आँखों में चुभन या जलन पैदा कर सकती हैं।

यदि आपको Conjunctivitis  है, तो संक्रमण दूर होने के बाद पुन: संक्रमण से बचने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं:- Conjunctivitis in Hindi

  • संक्रमित होने पर आपके द्वारा उपयोग किए गए आंख या चेहरे के मेकअप या मेकअप ब्रश को फेंक दें।
  • उन डिस्पोजेबल कॉन्टैक्ट लेंस और केस को फेंक दें जिनका उपयोग आपने तब किया था जब आपकी आंखें संक्रमित थीं।
  • उन कॉन्टेक्ट लेंस सॉल्यूशन को फेंक दें जिनका उपयोग आपने अपनी आंखों के संक्रमित होने के दौरान किया था।
  • निर्देशानुसार लंबे समय तक पहनने वाले लेंसों को साफ करें।
  • उन चश्में और केस को साफ करें जिनका उपयोग आपने संक्रमित होने के दौरान किया था।

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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिये?  Conjunctivitis in Hindi

निम्नलिखित स्थितियों में जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है:

  • आँख में बहुत ज्यादा दर्द हो या सूजन हो
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि, जो आँखों से आँसू पोंछने या स्राव के बाद भी बनी रहती है।
  • आँखों में लालपन बढ़ गया हो या आँखे बहुत ज्यादा लाल हो गयी हो।
  • यदि आपके लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है या या लक्षण और ज्यादा बिगड़ जाते हैं, जिसमें गुलाबी आंखें और ज्यादा लाल हो जाती हैं जो एंटीबायोटिक लेने के 24 घंटों के बाद भी ठीक नहीं होती हैं।
  • यदि आपका नवजात शिशु Conjunctivitis से पीड़ित है।
  • यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कमजोर है, उदाहरण के लिए यदि आप HIV संक्रमण या कैंसर का इलाज करा रहे हैं।
  • लक्षणों से राहत पाने के लिए आ सामान्य चिकित्सक नेत्र-विशेषज्ञ के पास दिखाने के लिये जा सकते हैं

नेत्रश्लेष्मलाशोथ का उपचार (Treatment of conjunctivitis):– Conjunctivitis in Hindi

नेत्रश्लेष्मलाशोथ का उपचार लक्षणों पर निर्भर करता है। कंजंक्टिवाइटिस मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है, वायरल, बैक्टीरियल और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस। इस प्रकार के नेत्रश्लेष्मलाशोथ के लिए विभिन्न उपचार विकल्प इस प्रकार हैं:-

  1. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)  Conjunctivitis in Hindi

ये बैक्टीरियल Conjunctivitis  के खिलाफ प्रभावी हैं जो लाल और खुजली वाली आँखों का कारण बनता है। इन्हें बूंदों, मलहम या मौखिक रूप में दिया जा सकता है। दवाओं के इस वर्ग के उदाहरण में शामिल हैं:-

Chloramphenicol

Ciprofloxacin

Moxifloxacin

  1. कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)    Conjunctivitis in Hindi

ये अधिकतर धूल या जलन पैदा करने वाले पदार्थ के कारण होने वाले Conjunctivitis से राहत पाने के लिए दिए जाते हैं। इसका उपयोग संक्रमण के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है। नेत्रश्लेष्मलाशोथ के लिए आमतौर पर कुछ स्टेरॉयड दिये जाते हैं:

लोटेप्रेडनोल एटाबोनेट (Loteprednol Etabonate)

फ्लोरोमेथोलोन (Fluorometholone )

  1. एनएसएआईडी (NSAIDs)-Conjunctivitis in Hindi

चूंकि Conjunctivitis, आंखों में लालिमा और सूजन के साथ दर्द का कारण बन सकता है, इसलिए आंखों में दर्द के साथ-साथ सूजन से छुटकारा पाने के लिए आमतौर पर गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (NSAID) जैसे दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

Conjunctivitis के आम तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न :  Conjunctivitis in Hindi 

प्रश्न: Conjunctivitis क्या है?

उत्तर: Conjunctivitis को आमतौर पर ‘आंख की सूजन’ या ‘आँखों का लाल होना’ या “आँख आना” के नाम से भी जाना जाता है, आंखों के कॉंजंक्टिवा में सूजन के कारण आंखों के लाल हो जाने की एक सामान्य बीमारी है।

प्रश्न: Conjunctivitis के लक्षण क्या होते हैं?

उत्तर: Conjunctivitis के लक्षणों में आंखों के लाल होने, सूजन, जलन, खींचाव, खुजली और आँखों से लगातार गाढ़े पीले रंग का पानी आता रहता हैं जिसके कारण पलकें आपस में चिपक जाती हैं ।

प्रश्न: Conjunctivitis के क्या  कारण हो सकते हैं?

उत्तर: Conjunctivitis के कारण वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी हो सकते हैं। Conjunctivitis आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है, खासकर संपर्क के माध्यम से जैसे कि छूते हुए हाथ, Conjunctivitis से पीड़ित व्यक्ति के साथ साझा समय बिताने से या उसके संपर्क में आने से।

प्रश्न: Conjunctivitis से बचने के उपाय क्या हैं?

उत्तर: Conjunctivitis से बचने के लिए हमें स्वयं की साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिये और Conjunctivitis से पीड़ित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। हाथों को साबुन से धोकर ध्यानपूर्वक सफाई रखें, आंखों को न रगड़ें और अपनी आंखों को अधिक से अधिक विश्राम दें।

प्रश्न: Conjunctivitis का घरेलू उपचार क्या है?

उत्तर: संयुक्ताक्षिका के घरेलू उपचार के लिए ठंडे पानी की पट्टी आंखों पर रखने या  गरम पानी से आंखों को साफ करने से कंजंक्टिवाइटिस से राहत मिल सकती हैं । लेकिन यदि रोग समय से पहले ठीक नहीं होता है, तो चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।

प्रश्न: वायरल Conjunctivitis और बैक्टीरियल Conjunctivitis में क्या अंतर होता है?

उत्तर: वायरल कंजंक्टिवाइटिस वायरस के कारण होता है जबकि बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस बैक्टीरि



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