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How to study candles and candlestick chart patterns? शेयर बाज़ार में चार्ट पैटर्न को कैसे समझे ?

Hello दोस्तों, 
शेयर बाज़ार में किसी शेयर या exchange के स्वभाव को समझने के लिए चार्ट पैटर्न का अध्यन किया जाता है जिनमे कई सारे चार्ट पैटर्न शामिल है, लेकिन candlestick चार्ट पैटर्न मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है| Candlestick चार्ट पैटर्न की खोज जापान में हुई थी, और किसी स्टॉक के स्वाभाव को समझने के लिए दुसरे चार्ट patterns के मुकाबले में कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को सबसे सरल तथा बेहतरीन मना जाता है, और एसा है भी क्यूंकि हम खुद भी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की मदद से ट्रेडिंग करते है तथा इससे नुक्सान होने की सम्भावना बहोत कम हो जाती है, और यदि बाकि रूल्स भी follow किये जाये तो ज्यादा उम्मीद है की आपको profit ही होगा |

Candlestick चार्ट पैटर्न में एक या अधिक candle के मिलाप से ली गयी जानकारी के आधार पर भाव के सिग्नल प्राप्त किये जाते है जिनके आधार पर ट्रेडिंग की जाती है | candlestick चार्ट पैटर्न शेयर बाज़ार में होने वाले उतार चढाव को अच्छे प्रकार तथा सरल रूप में पेश करता है, तथा इसके द्वारा प्रदर्शित परिणाम अन्य किसी चार्ट से कही बेहतर होते है, और भाव में आने वाली तेजी और मंदी को भी इस पैटर्न की सहायता से आसानी से समझा जा सकता है और दो या दो से अधिक कैंडल्स का उपयोग करके हम भाव में गिरावट तथा तेजी का अंदाजा लगा सकते है| लेकिन पैटर्न को समझने के लिए सबसे पहले आपको candle के बारे में जानकारी होना आवश्यक है, जो की आसानी से समझा जा सकता है |

किसी भी candle के तीन भाग तक होते है, जिनमे candle की body, upper shadow, तथा lower shadow होती है और लाल रंग की candle bearish तथा हरे रंग की candle bullish सिग्नल के लिए होती है जैसा की निचे दिखाया गया है
प्रतियेक candle में body candle के मुख्य पार्ट को कहते है तथा दोनों तरफ की टेल जैसी संरचना को shadow कहते है जिसमे ऊपर की और एक सिरे पर भाव सबसे अधिक तथा निचे सबसे कम होता है | 

Chart पैटर्न में बन्ने वाले कैंडल्स के प्रकार ( Types of candles  ) 
कई बार हमें सुनने को मिलता है की बहुत से लोग पूछते है की कैंडल्स कितने प्रकार या तरह की होती है ? चलिए हम आपको बताते है, की candle कितने प्रकार की होती है
Long day candle ( लॉन्ग डे candle ) : यह candle पिछले दिन के बंद होने वाले भाव की तुलना में अधिक फर्क होता है तथा यह candle रचना में काफी लम्बी होती है |
Short day candle ( शोर्ट डे candle ) : यह कैंडल के पिछले दिन बंद होने वाले भाव की candle की अपेक्षा ज्यादा बड़ी नहीं होती अर्थात बहुत कम फर्क होता है जिसमे बहुत छोटे candle बनते है, दोनों का उदाहरण आपको निचे दिखाया गया है |



Doji candle ( डोजी कैंडल ) : यह candle तब बनती है जब खुलने वाले भाव या band होने वाले भाव के बिच न के बराबर फर्क होता है या दोनों भाव सामान होते है | डोजी candle को हम neutral candle भी कहते है, क्यूंकि यहाँ भाव ऊपर या निचे जा सकता है, लेकिन यदि शेयर्स का volume बिलकुल कम हो गया हो तो डोजी एक मजबूत सिग्नल दे सकती है |  
डोजी candle के प्रकार : डोजी candle मुख्य रूप से 6 प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है -
  • ग्रेव्ह स्टोन डोजी 
  • ड्रैगन फलाय 
  • लॉन्ग डे डोजी 
  • मोर्निंग स्टार 
  • इवनिंग स्टार 
  • शूटिंग स्टार डोजी |
Hammer and hanging man candle ( हैमर तथा हैंगिंग मेंन candle ): Hammer एक छोटी candle होती है जिसकी lower shadow लम्बी होती है और यह candle देखने में कुछ कुछ हथोड़े की तरह लगती है, इसीलिए इसे हैमर candle कहते है, इसमें रंग का कौई महत्त्व नहीं होता लेकिन इसकी दिशा मायने रखती है, और अगर यह दिशा तेजी की और हुई तो इसे बहुत अच्छा सिग्नल माना जाता है |

Hanging man candle : 
यह candle अंग्रेजी अक्षर के T जैसी दिखाई पड़ती है, इसे रिकवरी candle भी कहते है क्युकी इस candle के बाद अधिकांश, ट्रेंड correct होकर चलता है |
Piercing line candle :
यह candle ट्रेंड रेवेर्सल को दर्शाती है, जो स्थापित मंदी का अंत तथा तेजी की शुरुआत के बारे में बताती है, इस पैटर्न में पहले एक लम्बी मंदी की candle बनती है तथा दूसरी candle तेजी की बनती है जिसके बाद तेजी आने के अत्यधिक सम्भावनाये होती है | 

Dark cloud cover ( डार्क cloud cover candle ) : 
यह भी एक ट्रेंड रेवेर्सल पैटर्न है लेकिन यह तेजी के बाद मंदी की शुरुआत को दर्शाता है, इसमें पहली candle तेजी की बनती है जी लम्बी होती है तथा दूसरी candle मंदी की बनती है जो पहली candle से थोडा ऊपर close होती है, जब चार्ट पैटर्न में एसी स्तिथि दिखाई दे तो हमें बेचने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, क्यूंकि इसके बाद मंदी का ट्रेंड शुरू हो जाता है | 

Bullish anglefing candle : 
जब यह candle बनती है तो यह मंदी का अंत तथा तेजी की सुरुआत को दर्शाती है, इसमें पहले एक डोजी बनती है जिसका बोडी छोटी होती है तथा इसके बाद एक बड़ी और तेजी वाली candle बनती है, जो पहली candle को पूरी तरह ढक लेती है, और इसके बाद तेजी का ट्रेंड शुरू हो जाता है |

Bearish anglefing candle : 
यह candle bullish anglefing candle pattern की बिलकुल विपरीत होती है इसमें पहले छोटी तेजी वाली डोजी बनती है तथा फिर मंदी वाली बड़ी candle बनती है, जिसके बाद lower ट्रेंड शुरू हो जाता है |

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