भैया दूज, भारतीय पर्वों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रेम और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है। यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, और इसका मतलब है कि भैया दूज 2023, 14 नवंबर को मनाया जाएगा, जो मंगलवार को पड़ रहा है। इस खास मौके पर, कर्तिक मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि के अनुसार, बहनें अपने भाई के प्रति अपने प्यार और आदर का इजहार करते हैं।

भैया दूज 2023 Date

14 नवंबर, मंगलवार

भैया दूज का इतिहास और महत्व

भैया दूज, भारतीय संस्कृति में बड़े भाई और छोटे भाई के प्यार और सद्गुणों की प्रतीक है। इस पर्व का इतिहास प्राचीन समय से ही है और इसे विभिन्न नामों पर मनाया जाता है, जैसे कि भाई दूज, यम द्वितीय, यम द्वितीया, भाई फोटिया, और भाई फोट कहलाता है।

इस पर्व की खास बात यह है कि यह भाई और बहन के बीच एक अद्वितीय रिश्ते का प्रतीक है, और यह भाई के प्रति बहन के प्यार और आदर का इजहार करने का मौका प्रदान करता है।

इस पर्व के महत्व को समझने के लिए हमें हिन्दू मिथोलॉजी में उपस्थित देवता यमराज की कथा को देखना चाहिए। एक प्राचीन कथा के अनुसार, देवता यमराज की एक बेटी थी जिनका नाम यमुना था। उनकी बहन यमुना के साथ, उनका भईया, वाहन बने थे। उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ बहन के घर आने का इच्छुक थे, और उन्होंने भूलकर भी यमराज के घर की यात्रा की।

जब यमराज यमुना के साथ उनके घर पहुंचे, तो वह बहुत खुश हुए और उनका स्वागत किया। यमुना ने अपने बड़े भाई के लिए विशेष तरह की भोजन तैयार किया और उन्हें अपनी आदरणीयता से सर्वाधिक अच्छा खिलाया।

यमराज ने यमुना से पूछा, “तुम यह सब क्यों कर रही हो?” तो यमुना ने उत्तर दिया, “मैं अपने प्यारे भईया के लिए खुश हूँ, और मैं चाहती हूँ कि वे हमें हमेशा खुश और सुरक्षित रहें।”

यमराज को यमुना की भावना से बहुत प्रभावित हुआ, और उन्होंने अपनी बेटी के प्यार का सम्मान करते हुए उनकी इच्छा पूरी की। वे उन्हें एक वरदान देने को तैयार हुए और उन्होंने कहा, “तुम्हारी यह इच्छा सच होगी, और भाईया दूज का दिन हमेशा आपके भाई और बहन के प्यार और सद्गुणों के साथ मनाया जाएगा।”

इसके बाद से, भैया दूज को भारतीय समाज में बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व यह है कि यह भाई और बहन के प्यार को मजबूत करता है और उनके बीच एक गहरा रिश्ता बनाता है।

भैया दूज का जश्न

भैया दूज का त्योहार एक विशेष तरह का धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने बड़े भाई का स्वागत करने के लिए तैयारी करती हैं और उनके लिए विशेष तरह के भोजन की तैयारी करती हैं। वे अपने भाई के लिए सुनहरे रंग के कपड़े खरीदती हैं और उन्हें उपहार भी देती हैं। भाई दूज का महत्व यह है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को विशेष तरह से प्यार और आदर का इजहार करती हैं, और उन्हें धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति की कामना करती हैं। इसके अलावा, वे अपने भाइयों के लिए तिलक लगाती हैं और उनकी लंगुरी पर वरदान देती हैं। यह सभी कार्यक्रम बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इस दिन, बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष प्रकार के व्रत रखती हैं और उनके लिए व्रत की कथा पढ़ती हैं, जिसमें इन्हें अपने भाई के दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करने का मौका मिलता है।