कुछ आब : एक ग़ज़लकुछ आब कुछ आब सजाकर आँखों में, महताब से बातें करते हैंसब बातें करते हैं लब से, हम ख़्वाब से बातें करते हैं वो तल्ख़ ज़ुबां रखते, फिर भी तहज़ीब का दावा करते हैंहम उनसे कुछ ज़्यादा अदब-ओ-आदाब से बातें करते हैं औकात हमारी मत नापो यूँ देख […]
Related Articles
The post कुछ आब : एक ग़ज़ल appeared first on The Style Symphony.