वाराणसी शहर में बनाई जा रही पांच फोरलेन सड़कें पूर्वांचल में मॉडल बनेंगी। इन सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही एक किनारे पर जल निकासी के लिए नाली और दूसरे किनारे पर भूमिगत तार व पाइपलाइन आदि बिछाने के लिए सर्विस कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इससे कोई समस्या होने पर बार-बार सड़क की खुदाई से निजात मिलेगी। सर्विस कॉरिडोर का उपयोग करने वाले विभागों से पीडब्ल्यूडी राजस्व वसूलेगा।
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पीडब्ल्यूडी की ओर से शहर की पांच सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। इनमें पांडेयपुर-रिंग रोड मार्ग, लहरतारा-रवींद्रपुरी मार्ग, कचहरी-संदहां मार्ग, पड़ाव-टेंगरा मोड़ मार्ग और वाराणसी-भदोही मार्ग शामिल हैं। इन सड़कों को बीच से दोनों ओर 13-13 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। इनके दोनों ओर नाली बनाई जा रही है। जिसमें से एक का उपयोग जलनिकासी के लिए होगा और दूसरे का सर्विस कॉरिडोर के तौर पर प्रयोग किया जाएगा।
चार विभागों पर 13.12 करोड़ रुपये का मरम्मत शुल्क बकाया
लोक निर्माण विभाग की ओर से बनवाई गई सड़कों को अन्य विभागों द्वारा खोद दिया जाता है। सड़क खुदाई के बाद उसके मरम्मत की जिम्मेदारी भी संबंधित विभाग की होती है, लेकिन विभाग मरम्मत नहीं करवाते। ऐसे चार विभागों पर 13.12 करोड़ रुपये का मरम्मत शुल्क बकाया है। इनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. पर 7.62 करोड़, जलकल पर 3.30 करोड़, जल निगम पर 1.24 करोड़ और गेल इंडिया लिमिटेड पर 62 लाख रुपये का बकाया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
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