Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

सृष्टि का भार सौंपने स्वयं बाबा महाकाल पहुंचेंगे हरि के द्वार, साल में एक बार होता है हरिहर मिलन

धार्मिक नगरी उज्जैन में कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन होगा। जहां भगवान महाकाल की सवारी को धूमधाम से गोपाल मंदिर तक लाया जाएगा। यहां भगवान महाकाल, भगवान विष्णु को सृष्टि का भार सौंपेंगे।

उज्जैन में कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर रात 12 बजते ही श्री गोपाल मंदिर में शैव और वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख हरि से हर का मिलन धूमधाम से होगा। इस दौरान जहां भगवान हर गोपाल जी को बिल्व पत्र की माला अर्पित करेंगे। वहीं, भगवान हरि यानी गोपाल जी के माध्यम से भगवान हर को भी तुलसी की माला अर्पित की जाएगी। इस पूजन अर्चन और मिलन के साक्षी लाखों श्रद्धालु बनेंगे और इसके साथ ही सृष्टि का भार भगवान हर फिर हरि को सौंप देंगे।

ऐसा पर्व जिसमें शैव और वैष्णव दोनों संप्रदाय के लोग होते हैं शामिल
अब तक आपने देखा होगा की शैव और वैष्णव संप्रदाय के बीच अलग-अलग मत होने से दोनों ही संप्रदाय के लोग एकजुटता के साथ कोई त्योहार नहीं मानते हैं। लेकिन ऐसा मिलन है, जिसमें से और वैष्णव दोनों ही संप्रदाय के लोग शामिल होते हैं और हरि से हर के मिलन के साक्षी बनते हैं। बताया जाता है कि सिंधिया रियासत के जमाने से हरि और हर के मिलन की परंपरा निभाई जा रही है, जिसका क्रम आज भी अनवरत जारी है।

वैसे भगवान शिव को तुलसीपत्र चढ़ता है, लेकिन यहां चढ़ाई जाती है तुलसी की माला 
कहा जाता है भगवान शिव के पूजन में तुलसी पत्र प्रतिबंधित है। लेकिन हरिहर मिलन के वक्त भगवान शिव तुलसी पत्र से बनी माला धारण करते हैं। दोनों भगवानों की पूजा पद्धति को बदला जाता है। हरि हर मिलन के वक्त महाकाल मंदिर के पुजारी द्वारकाधीश की पूजा भगवान महाकाल की पूजा पद्धति से करते हैं और द्वारकाधीश को बिल्व पत्र की माला पहनाई जाती है। शिव पूजन के मंत्रों का वाचन किया जाता है। इसके बाद जब भगवान महाकाल का पूजन किया जाता है, तब गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल को तुलसी पत्रों की माला पहनाकर द्वारकाधीश की पूजन के वक्त पढ़े जाने वाले पवमान सूक्त का पाठ करते हैं।



This post first appeared on Happiness Consultants, NLP Coaches, Meditation | H, please read the originial post: here

Share the post

सृष्टि का भार सौंपने स्वयं बाबा महाकाल पहुंचेंगे हरि के द्वार, साल में एक बार होता है हरिहर मिलन

×

Subscribe to Happiness Consultants, Nlp Coaches, Meditation | H

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×