New Delhi: कहते हैं सियासत के खेल में ना ही कोई दोस्त होता है और ना ही दुश्मन...
कुछ इसी राह में नागालैंड का ये नेता चल रहा है। नागालैंड का ये एक ऐसा चेहरा है जो तोड़फोड़ कर पार्टी बनाता है और BJP से दोस्ती साधकर सीएम बन जाता है। इस बार भी रियो ने यही किया और बीजेपी के समर्थन से नागालैंड में सरकार बना ली। रियो ने चौथी बार सीएम पद की शपथ ली। बता दें पार्टी को सहयोगियों के साथ 28 सीटें हासिल हुई हैं। एक-एक निर्दलीय और जेडीयू विधायक के समर्थन से यहां बीजेपी गठबंधन की सरकार बन गई है।
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60 सीटों वाली नगालैंड विधानसभा में नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। एनपीएफ के प्रमुख जेलियांग ने दावा किया था कि उनके पास 29 विधायकों का समर्थन है, जबकि दूसरे तरफ एनडीपीपी ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी को 12 सीटों पर जीत दर्ज हुई है। दोनों पार्टियों ने मिलकर ये चुनाव लड़ा था। नगालैंड में एनपीपी और बीजेपी गठबंधन में सरकार बना रही है। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को होगा।
इस गठबंधन के नेता नेफियो रियो हैं और उन्हें ही नई सरकार का जिम्मा सौंपा गया। नागालैंड की राजनीति में नेफियो रियो एक ऐसे राजनेता हैं जो अपनी ही पार्टी को तोड़कर नई पार्टी बना लेते हैं। दिलचस्प बात यह है कि वे जब कभी नई पार्टी बनाते हैं तो बीजेपी के साथ ही गठबंधन करते हैं। बता दें कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही नेफियो रियो राजनीति में सक्रिय हो गए थे। साल 1974 में रियो यूडीएफ (कोहिमा जिला) के अध्यक्ष बन गए थे। साल 1976 में वह यूडीएफ यूथ विंग (नागालैंड) के अध्यक्ष बन गए थे। वे साल 1989 से विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। शुरुआती दिनों में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। पहली बार विधायक बनने के बाद से ही रियो राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा बने रहे।
बाद में नेफियो रियो ने डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ नागालैंड को ज्वाइन कर लिया था। साल 2003 में नेफियो रियो की अगुवाई में डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ नागालैंड के ज्यादातर सदस्यों ने गुट बना लिया और पार्टी का नाम नागालैंड पीपुल्स फ्रंट (NPF) कर दिया। नेफियो रियो ने नागालैंड पीपुल्स फ्रंट के अगुवा बनकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था। यह गठबंधन सत्ता में आई तो नेफियो रियो पहली बार मुख्यमंत्री बने।
इसके बाद नेफियो रियो लगातार 2014 तक मुख्यमंत्री बने रहे। साल 2014 में एक बार फिर से नागा पीपुल्स फ्रंट और बीजेपी गठबंधन सत्ता में आई लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टीआर जेलियांग को बिठाया गया। यह बात नेफियो को पसंद नहीं आई। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नेफियो ने भाग्य आजमाया और वे पहली बार संसद पहुंचे। इसी बीच नेफियो ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बातचीत के बाद नागालैंड पीपुल्स फ्रंट को तोड़कर नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (एनडीपीपी) बना लिया। चुनाव में एक बार फिर से नेफियो ने बीजेपी से गठबंधन कर लिया। जिसके बाद नेफियो रियो ने चौथी बार सीएम पद की शपथ ले ली ।
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