New Delhi : यूपी के अमेठी के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने ऐसा काम किया जिसकी जितनी तारीफ हो उतनी कम है।
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यहां एक ऐसा सरकारी स्कूल जोकि किसी कॉन्वेंट स्कूलों से कम नहीं दिखता। स्कूल की इस तस्वीर के पीछे वहां के प्रिंसिपल का बड़ा रोल है। वो हर महीने अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा स्कूल और स्टूडेंट्स के मेंटेनन्स में लगाते हैं।
यूपी के अमेठी जिले के संग्रामपुर ब्लाक के मधुपुर प्राइमरी स्कूल है। हर कोई इसे प्राइवेट स्कूल समझने की गलती करता है। बेहतर एजुकेशन के अलावा यहां स्कूल की दीवारों पर हुई पेंटिंग इसकी खूबसूरती का राज बयां करती है।
स्कूल को इस मुकाम तक लाने में यहां के प्रिंसिपल अरुणेश सिंह का बड़ा रोल है। वो हर महीने अपनी सैलिरी का 50 फीसदी हिस्सा स्कूल और स्टूडेंट्स पर खर्च करते हैं। अरुणेश कहते हैं, मेरी यहां पोस्टिंग से पहले 2016 में स्कूल में कुल 73 स्टूडेंट्स पढ़ने आते थे। अब ये आंकड़ा 109 तक पहुंच गया है।
यहां बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए हर उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा है, जो किसी कॉन्वेंट स्कूल में किया जाता है। हमने यहां आधुनिक टॉयलेट, पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर, वर्ण माला के अक्षरों की मोहर आदि की व्यवस्था है। ताकि बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़े।
पैरेंट्स की मानें तो उन्होंने माहौल और पढ़ाई को देखते हुए अपने बच्चों का एडमिशन प्राइवेट की बजाय इस सरकारी स्कूल में करवाया है।
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