New Delhi: महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुए जातीय हिंसा पर बसपा सुप्रीमो मायवती ने प्रतिक्रिया दी है।
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मायवती ने कहा है इसके पीछे भाजपा और संघ को जिम्मेदार बताया। मायवती ने हिंसा को दुखद बताया हुए कहा, ये जो घटना घटी है ये रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा के उचित प्रबंध करने चाहिए थे। वहां भाजपा की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा कराई। लगता है इसके पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।
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इस बीच जिग्नेश मेवाणी ने भी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने का अपील किया है। जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र सरकार को कानून का राज सुनिश्चित करना चाहिए। मैं महाराष्ट्र के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
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करीब 200 साल पहले हुई भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को पराजित किया था, इस जीत का जश्न दलित नेता मनाते हैं क्योंकि इतिहास के मुताबिक ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से महार समुदाय के सैनिकों ने युद्द लड़ा था क्योंकि वो उस वक्त वे अछूत माने जाते थे, उन्हें समाज में काफी तिरस्कार भरी नजरों से देखा जाता था, हालांकि इस कार्यक्रम का विरोध दक्षिणपंथी समूहों की ओर से किया जाता रहा है, उन्हें 'ब्रिटिश जीत' के जश्न पर आपत्ति है।
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बात दें जीत के जश्न के दौरान जातीय हिंसा हो गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद दलित संगठन सड़क पर आ गए। प्रदर्शनकारियों ने शिवसेना के दफ्तर पर भी तोड़फोड़ की।
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