NEW DELHI:
यूपी के मेरठ में ईद पर कुर्बानी देने के लिए एक से बढ़कर एक बकरे सामने आ रहे हैं। शहर के शाहिद कुरैशी का बकरा किसी से कम नहीं है। उसका रहन-सहन एक शाही व्यक्ति की तरह है। नाश्ते में जहां उसकी खुराक दूध और काजू बादाम है। वही दिन में वह उबले हुए चने खाता है। भूरा नाम का यह बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है।
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सोतीगंज में रहने वाले शाहिद कुरैशी ने कहा, ''2 साल पहले वह भूरे को पालने के लिए अपने घर लेकर आए थे। तब से वह घर के अंदर ही रहा। आज तक कभी उसे घर के बाहर नहीं निकाला गया। उसके लिए मकान में ऊपर छत पर ही अलग कमरा तैयार किया गया।'' ''इस कमरे में उसके लिए एक कूलर फिट किया गया ताकि उसे गर्मी न लगे। सर्दियों में उसके लिए रूम हीटर की व्यवस्था की जाती थी। भूरा बकरे का वजन इस समय करीब पौने 2 कुंतल है।''
''भूरा को पहली बार छत से नीचे गुरूवार को लाया गया। 2 साल तक भूरे का ख्याल ऐसे रखा गया जैसे कि परिवार के अन्य लोगों का रखा जाता है। उसे अपने बच्चे की तरह पाल पोसकर बड़ा किया। घर के सभी सदस्यों और बच्चों का भूरा चहेता बन गया है।'' शाहिद के बताया, ''इसकी खुराक में दूध, काजू, बादाम और अन्य मेवे शामिल हैं। सुबह-शाम इसको ढाई-ढाई किलो दूध पिलाया जाता है। इसके अलावा दिन में 100 ग्राम बादाम और 100 ग्राम काजू शामिल रहता हैं। नाश्ते में उसे किशमिश और अन्य मेवे भी दिए जाते हैं।''
''उसकी सेहत का ध्यान रखने के लिए नियमित रूप से उसका डॉक्टर बुलाकर जांच कराया जाता रहा। हर रोज उसे शैम्पू से नहलाया जाता है और उसके बाद स्किन लोशन से उसकी मालिश की जाती है।'' ''दूध और काजू बादाम के अलावा 2 किलो उबले हुए चने भूरा को प्रतिदिन खिलाए जाते हैं। सप्ताह में 3 दिन भूरा पनीर भी खाता है, यह पनीर उसे दिन की खुराक में दिया जाता है।''
ये बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। इसे देखने के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों से लोग आ रहे हैं। शाहिद ने कहा, ''वैसे इस बकरे की कोई कीमत अभी तय नहीं की गई है। लेकिन अब तक इसकी कीमत कई लोग 3 लाख रुपए तक लगा चुके हैं। बच्चों को भूरा से बेहद लगाव है। जब तक वह दिन में एक बार उसके साथ नहीं खेलते वह जिद करते रहते हैं।''
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