वाई-फ़ाई से 100 गुना तेज़ है लाई-फ़ाई
आज के समय में जहां 4G Internet का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। वही अब तकनीक 4G से भी आगे बढ़ने की तेयारी में है। अब Data Transfer के लिए लाई-फ़ाई LiFi ( Light Fidelity )Technic आ चुकी है जो Wi-Fi के मुक़ाबले 100 गुना तेज़ है। लाई-फ़ाई से Wi-Fi के मुक़ाबले आप 100 गुना तेज़ इंटरनेट चला सकते हैं और इसकी रफ़्तार एक गीगाबिट प्रति सेकेंड (1 gigabit/sec )तक हो सकती है। लेकिन चौकाने वाली बात यह है की आने वाले समय में आपको एलईडी बल्ब से इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है।
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आइए जाने क्या है यह लाई-फ़ाई LiFi तकनीक:
क्या है लाई-फाई ( What is Li-Fi )Li-Fi light fidelity in hindi: – हाल ही में एक प्रोजेक्ट के तहत इन्फर्मेशन ऐंड टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री ने एक नई Technic का सफल टेस्ट किया है। इस नई तकनीक को Li-Fi (लाइट फिडेलिटी ) (Full Form Of LiFi Technology is Light Fidelity) का नाम दिया गया है।
Difference Between Lifi and Wifi In Hindi
वाई-फाई ( Wi-Fi) रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio Frequency) पर आधारित है वही Li-Fi डेटा ट्रांसफर ( Data Transfer) के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव्स (radio frequency waves) की जगह विज़िबल लाइट कम्युनिकेशन( Visible Light Communication ) या इंफ्रारेड ( Infrared ) या नजदीकी अल्ट्रावायलेट ( Ultraviolet ) का उपयोग करता है।यह भी वाई-फाई ( Wi-Fi) की तरह ही एक वायरलैस नेटवर्किंग सुविधा है। लाई-फाई ( Li-Fi ) तकनीक में डाटा का आदान-प्रदान करने के लिये LED बल्ब का प्रयेाग किया जाता है.
यह Technology 400 THz to 800 THz (780–375 nm) के बीच के विजिबल लाइट का प्रयोग करता है। बल्ब को ऑन-ऑफ करने से इसका उपयोग किया जाएगा, चूंकि यह नैनोसेकेंड में होगा इसलिए आमतौर पर हम आंखों से नहीं देख पाएंगे।
सुपर फास्ट स्पीड पर होगा डाटा ट्रांसफर :
इस नई Technology से उम्मीद की जा रही है की इस तकनीक से 1km तक के इलाके में 10GB par सेकंड की Speed से डाटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। सरकार का मानना है कि देश के ऐसे इलाके जहां बिजली तो है लेकिन फाइबर ऑप्टिक्स नहीं है, वहां इसके जरिए इंटरनेट पहुंचाना संभव हो सकता है।
स्मार्ट सिटीज लाने में होगा मददगार :
इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही नीना पहुजा के अनुसार- आने वाले समय में Smart Cities में लाई-फाई तकनीक काफी काम आएगी। इसमें इंटरनेट की जरुरत होगी और इसे इस तकनीक के जरिए पूरा किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट पर अभी आईआईटी मद्रास में काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनी फिलिप्स भी साथ दे रही है।
क्या है लाई-फाई तकनीक की खासियत और कमियाँ:
लाई-फाई तकनीक की यह खासियत है कि इसके लिए किसी भी तरह के मोबाइल स्पेक्ट्रम की जरूरत नहीं है और लाई-फाई तकनीक का एक बड़ा फायदा यह है कि यह भी है की वाई-फाई की तरह दूसरे रेडियो सिग्नल के लिए अवरोध नहीं बनता है. इसलिए इसका इस्तेमाल हवाई जहाज जैसी उन जगहों पर किया जा सकता है जहां रेडियो सिग्नल में अवरोध की समस्या आती है।
लेकिन इसमें चुनौतियां भी कम नहीं हैं। नीना पहुजा के अनुसार इस तकनीक के लिए क्लियर लाइन ऑफ साइट की जरूरत होगी और अगर बीच में कोई दीवार जैसी ठोस सतह आ जाती है तो इसमें रुकावट आ सकती है। इसके लिए लाइट्स का ऐसा जाल बिछाए जाने की जरूरत है कि कही भी सिग्नलों में रुकावट न आए।
लाई-फाई तकनीक के जनक (आविष्कारक) कौन है
Who invented Li Fi technology ? इसका अाविष्कार (Invention) एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर/इंजीनियर हेराल्ड हास ( Harald Haas ) ने सन् 2011 में किया था। यह भी वाई-फाई ( Wi-Fi) की तरह ही एक वायरलैस नेटवर्किंग सुविधा है। जो Purelifi के सीईओ भी हैं। उन्होंने 2011 में टैड (टेक्नोलॉजी, एंटरटेनमेंट एंड डिजाइन) कांफ्रेंस में लाई-फ़ाई का प्रदर्शन किया था.उसके बाद गूगल और नासा जैसी संस्थाएं भी इस तकनीक पर काम कर रही हैं।
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