New Delhi: BHU,जामिया मिलिया इस्लामिया और 10 बाकी इंडियन यूनिवर्सिटीज ने एशिया यूनिवर्सिटी रैकिंग 2018 में टॉप 350 शिक्षा संस्थानों की फेहरिस्त में अपनी जगह बनाई है।
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इन यूनिवर्सिटीज की बदौलत भारतीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व बढ़कर अब 42 हो गया है। दुनिया भर के विश्वविद्यालयों की रैकिंग करने वाले टाइम्स हायर एजुकेशन ने अपने एक बयान में कहा कि इस रैकिंग में पहली बार शामिल हुए देश के दो संस्थानों ने टॉप 200 विश्वविद्यालयों की सूची में अपनी जगह बनाई है।
बताया गया कि इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स 141वें और बीएचयू 194वें पायदान पर है। तो वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया की रैंकिंग 201-250 में रही। वल्ड रैंकिंग के निदेशक फिल बैटी ने कहा कि वाकई में यह शानदार उपलब्धि है। अब भारत की 42 यूनिवर्सिटिज एशिया रैंकिंग में हैं और देश ने रैंकिंग के निचले स्तर से 13 पैमाने में से 12 में सुधार दिखाया है।
बता दें कि इस साल रैकिंग में पहली बार कई नए संस्थान जुड़े हैं। तो दूसरी ओर कई टॉप भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। आईआईटी मद्रास की रैंकिंग टॉप 200 विश्वविद्यालयों में सबसे तेजी से घटी और यह 41वें पायदान से फिसलकर 103वें पायदान पर पहुंच गया।
आईआईटी मद्रास ने रैंकिंग में गिरावट की वजह से जुड़े ईमेल का जवाब नहीं दिया। वहीं दूसरे प्रमुख संस्थानों खासकर भारतीय विज्ञान संस्थान और आईआटी बंबई भी दो पायदान फिसल गए। इस साल आईआईएससी जहां 29वें तो वहीं आईआईटी-बंबई 44वें पायदान पर रहे।
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साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारतीय संस्थानों ने दूसरे क्षेत्रों मसलन रिसर्च में भी तेजी दर्ज की है। इसके बावजूद रिसर्च के पैमाने पर तब भी ये पिछड़ गए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिंग को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं।
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