New Delhi:उज्जैन के महाकाल मंदिर में अरुणिमा सिंहा से बदसलूकी के बाद अब मंदिर में दिव्यांग को VIP ट्रीटमेंट दी जाएगी। जी हां- महाकाल मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर बनने जा रहा है, जहां दिव्यांगों को सबसे ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी।
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महाकाल में 1 जनवरी से हाईटैक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। भस्मारती में भी दिव्यांगों को VIP दर्जा देने का निर्णय लिया है। हालांकि इसके लिए दिव्यांगों को अपनी ID दिखानी पड़ेगी। प्रमाण पत्र दिखाने पर तुरंत अनुमति दे दी जाएगी। मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा ने इसके निर्देश जारी किए हैं।
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महाकाल मंदिर में दिव्यांगों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। आने जाने के लिए अलग रास्ता और अलग व्हील चेयर की व्यवस्था की जाएगी। दिव्यांगों को एक स्पेशल स्टिक दी जाएगी, जिसकी सहायता से बिना किसी सहारे के मंदिर के अंदर जा सकेंगे।
इतना ही नहीं मंदिर में दिव्यांगो को स्पेशल ईयर फोन भी दिया जाएगा। ये ईयरफोन उन्हें सही रास्ता बताएगा। हाल ही में मंदिर में नियमों को लेकर विवाद सामने आया। दरअसल मंदिर की परंपरा है कि भस्मारती व प्रवेश बंद के दौरान पुरुष सोले और महिलाएं साड़ी पहनकर ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकती हैं। इस ड्रेस कोड के बिना प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
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कई श्रद्घालुओं को इसकी जानकारी नहीं होती और प्रवेश के लिए विवाद करते हैं। इसके चलते अब समिति ने नियमों की जानकारी देने के लिए परिसर में 10 स्थानों पर बैनर लगाए हैं। इन पर सभी नियमों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा वेबसाइट और एप पर नियम प्रसारित किए जाएंगे। ताकि श्रद्घालु पूरी तैयारी से मंदिर आएं और अनावश्यक विवाद न हों।
बता दें कि हाल ही में दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी-एवरेस्ट को फतह करने वाली दिव्यांग अरुणिमा सिंहा को महाकाल में उस वक्त देश में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा जब दिव्यंगता की वजह से उन्हें महाकाल मंदिर में घुसने नहीं दिया गया।
इस बात की जानकारी खुद अरुणिमा ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने ट्वीटर पर पीएमओ और मध्यप्रदेश के सीएम को टैग करते हुए लिखा कि 'मुझे आपको ये बताते हुए बहुत दुःख है की मुझे एवरेस्ट जाने में इतना दुःख नहीं हुआ जितना मुझे महाकाल मंदिर उज्जैन में हुआ वहां मेरी दिव्यंगता का मजाक बना'। उन्होंने बताया कि मंदिर की सिक्योरिटी ने अरुणिमा को यह कह कर रोक दिया कि वो लोअर, टी-शर्ट और जैकेट पहन कर मंदिर के अंदर नहीं जा सकतीं।
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