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New Delhi: भारत और विश्व बैंक ने सोमवार को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 637 करोड़ रूपए के लोन पैक्ट पर हस्ताक्षर किया। इतना ही नहीं, सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए वर्ल्ड बैंक ने भारत को 13 करोड़ रूपए की एक ब्याज मुक्त अनुदान राशि भी दी है।
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वहीं, अपने बयान में विश्व बैंक ने कहा,"सोलर पार्क परियोजना के तहत IREDA को वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी। जिसके बाद सोलर पार्क बनाने के लिए IREDA विभिन्न राज्यों को ऋण दे सकेगी।" देश के ये सभी सोलर पार्क सरकार के सौर ऊर्जा मंत्रालय तथा सोलर पार्क परियोजना के अधीन होंगे। 750 मेगावाट और 250 मेगावाट वाले दो सोलर पार्क की स्थापना सबसे पहले मध्य प्रदेश के रीवा और मंदसौर जिले में की जाएगी।"
इसके बाद इस परियोजना के तहत अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, ओडिशा, हरियाणा आदि में संभावित सोलर पार्कों की स्थापना की जाएगी। इस पर इकॉनोमिक अफेयर्स के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने कहा कि सरकार देश में सौर ऊर्जा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
खरे ने आगे कहा, "इस परियोजना के तहत देश में बड़े पैमाने पर सोलर पार्कों की स्थापना की जाएगी, सोलर पार्कों से 100 गीगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2022 तक 175 गीगावॉट कर दी जाएगी। IREDA विश्व बैंक से मिले इस फंडिग का इस्तेमाल सब स्टेशन, इंट्रा पार्क ट्रांसमिशन तथा सड़कों, पानी की आपूर्ति के अलावा ड्रेनेज जैसी आम बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए करेगा।"
गौरतलब है कि 331 गीगावॉट क्षमता के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा पावर सिस्टम है। इसके बावजूद यहां प्रति व्यक्ति बिजली की खपत एक तिहाई से भी कम है। वहीं, अनुमान के मुताबिक अभी 300 मिलियन लोग नेशनल पॉवर ग्रिड से जुड़े ही नहीं है। ऐसे में एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यकता से अधिक पॉवर प्रोडक्शन की जरूरत होगी।
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