विदेशों में दीपावली का त्यौहार : सबसे पहले तो आप सभी को मेरी और kyahai.in की तरफ Happy Deepawli 2018 की बधाइयाँ. दीपों का पर्व दीपावली हिन्दुओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है जो पूरे भारत देश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. आज के दिन लोग अपने घरों को दीप मालाओं से सजाते है और बच्चे पटाखे इत्यादि जलाकर इस उत्सव का आनंद उठाते है. दीपावली की रात्रि को लोग गणेश लक्ष्मी का पूजन करते है और सुख सम्रद्धि की कामना करते है. दीपावली का पर्व न सिर्फ भारत में ही बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी यह पर्व विभिन्न नामों से मनाया जाता है. आज के इस लेख में मैं आपको विदेशों में मनाई जाने वाली दीपावली के बारे में बताने जा रहा हूँ. लेकिन उससे पहले एक बार संक्षेप में जानते है कि
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दीपावली का पर्व क्यूँ मनाया जाता है ?
रावण पर विजय प्राप्त करने के उपरांत जब राजा राम अपनी नगरी अयोध्या वापस आये तब नगर वासियों ने उनके स्वागत के लिए पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाकर उनका स्वागत किया था. तब से लेकर आज तक लोग इस पर्व को इसी रूप में मानते आ रहे है. यह पर्व दीप जलाकर मनाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दीपावली कहा जाता है. बहुत से लोग इसे दीपोत्सव या प्रकाश पर्व के नाम से भी मनाते है.
विदेशों में दीपावली का त्यौहार : Happy Deepawli 2018
भारत के अलावा भी यह पूर्व पुरे विश्व में भिन्न भिन्न नामो से मनाया जाता है और उनका यह पर्व मनाने की अपनी प्रथाएं है. चूँकि यह पर्व दीप जलाकर उत्सव मानाने का है तो हम इसे अपनी भाषा में दीपावली कह सकते है. भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मॉरीशस में यह पर्व दीपावली के नाम से ही प्रचलित है और उनके मानाने का तरीका परंपरा सब कुछ एक जैसी ही है. इसके अलावा दीपावली का पर्व उन देशों में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है जहाँ भारतीय मूल के लोग रहते है. लेकिन इस लेख में उन देशो का जिक्र है जो अपनी अपनी मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को मानते है.
ईसा के पांचवी शताब्दी पूर्व मिस्र व यूनान के मंदिरों में मिटटी व धातु के दिए प्रज्वलित किये जाते थे. मेसोपोटामिया सभ्यता के प्राचीन अवशेषों मे भी मिट्टी के दीपक मिले है. यूनान में धन की देवी डायना की पुरातन काल से ही पूजा होती रही है. यह पूजा जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में दीप प्रज्वलन के साथ मनाई जाता है. इसराइल में यहूदी लोग “हनोका” नामक त्यौहार दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में मनाते है इस अवसर पर भी लोग दीपक जलाकर उत्सव मनाते है. फारस ( ईरान) में फारसी लोग अग्नि को देवी तुल्य मानते हुए दीप ज्योति के साथ उसकी अर्चना करते हैं और पर्व मानते है. जापान देश में बौद्ध धर्मावलंबी मुख्यतः दीपावली व श्राद्ध दिवस एक साथ मनाते हैं. जापान में यह पर्व “तारो नागासी” नाम से जाना जाता है. जापानी लोगों की मान्यता यह है इस दिन उनके पूर्वज स्वर्ग से उतरकर उनके घर आते है और उन्हें आशीर्वाद देते है.
चीन में दीपावली का पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. चीन के लोग कागजों के दीपक बनाते है और रंगीन लालटेन जलाकर दीपोत्सव मनाते है. चीन में यह पर्व “दर्महुआ” के नाम से मनाया जाता है. यह पर्व चीनी पंचांग के अनुसार प्रथम माह की 15 तारीख को यानी नव वर्ष के 15 वें दिन मनाया जाता है. चीन में भी इस पर्व पर राष्ट्रिय अवकाश रहता है.
थाईलैंड, कंबोडिया, जावा और सुमात्रा में इस पर्व पर स्वर्ण आभूषणों में दीप अंकित किए जाते हैं और समारोह पूर्वक दीपक पूजा होती है. तिब्बत व कोरिया के लोग दीपों को चांदी की थाली में सजाते हैं और देवी तारा की पूजा करते हैं. श्रीलंका में दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन लंका वासी के हाथी को सजा कर उसका जुलूस निकालते हैं. श्रीलंका में यह पर्व दीपावली के नाम से ही मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग अपने घरों को दीप मालाओं से सजाते है और आतिशबाजी का आनंद उठाते है. श्रीलंका में यह पर्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना भारत में. श्रीलंका में दीपावाली को राष्ट्रिय अवकाश होता है.
बर्मा में दीपावली का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है जहां यह पर्व “तेगीजू” के नाम से मनाया जाता है कहा जाता है कि भगवान बुद्ध का ज्ञान प्राप्ति के बाद इसी समय यहां आगमन हुआ था. यहां के दरवाजों पर तोरण द्वार और दीप प्रज्वलित किए जाते हैं.
थाईलैंड में दीपावली का पर्व “क्रियोंघ” के नाम से मनाया जाता है इस दिन यहां के लोग केले के पत्तों के छोटे-छोटे टुकड़े करते है और उन पत्तों के टुकड़ों पर जलती हुआ दीपक, एक मुद्रा व धूपबत्ती रखते है उन्हें जलाशय में प्रवाहित करते हैं.इसी केले के टुकड़े के नाम पर इस त्यौहार का नाम “क्रियोंघ” पड़ा है
मलेशिया और नेपाल में भारतीय पद्धति के अनुसार ही ज्योति पर्व मनाया जाता है यहां भी लोग आतिशबाजी करते हैं और एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं. मॉरीशस और नेपाल में यह पर्व दीपावली के नाम से ही मनाया जाता है. इस्लामी देशों के पर्व शबेरात भी दीपावली के जैसा ही है. ज्योति पर्व के इस दिवस को स्वीडन के लोग “लुसिया डे” के नाम से मनाते है. सुमात्रा में यह पर्व भारत की ही तरह अक्टूबर या नवंबर माह में आयोजित होता है
पूर्वी एशियाई देशों में रंग बिरंगे कागज के कंदील व आकाश दीप जलाने की प्रथा है. इस प्रकार संपूर्ण विश्व के प्रत्येक भू-भाग में दीपोत्सव मनाने की विभिन्नप्रथाएं प्रचलित है और लोग इस पर्व को अपनी-अपनी मान्यताओं के साथ मनाते हुए उत्सव का आनंद लेते है. आशा करता हूँ आपको विदेशो में दीपावली का त्यौहार का लेख अच्छा लगा होगा. एक बार फिर से आप सभी को मेरी तरफ से Happy Deepawli 2018 की हार्दिक शुभकामनायें.
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