चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। पिछले 24 घंटे में देश में 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। लगातार बढ़ते मरीजों के चलते देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ऑक्सीजन संकट को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी है। ऐसे में दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट नहीं होना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की बात कह रहे हैं। उसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। इसलिए इससे निपटने की योजना बनाने की जरूरत है। टीकाकरण अभियान में बच्चों के लिए भी सोचा जाना चाहिए।’
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई और केंद्र से सवाल किए कि, क्या अस्पतालों के पास ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है? उन्होंने कहा कि, ‘ऑक्सीजन सप्लाई में कहां दिक्कत आ रही है, अगर स्टॉक रहेगा, तो पैनिक नहीं होगा। अगर कल को मामले बढ़ते हैं, तो आप क्या करेंगे? अभी सप्लाई टैंकर्स पर निर्भर है, कल को टैंकर्स नहीं होंगे, तो क्या करेंगे?’
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि, ‘देशभर में ऑक्सीजन सप्लाई पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही कहा कि ऑक्सीजन का ऑडिट करवाने और इसके अलॉटमेंट के तरीके पर फिर से विचार करने की जरूरत है।’ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि, ‘दूसरी लहर का कहर जारी है और तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। फिर भी हम अभी इसी पर अटके हैं कि क्या होना चाहिए। रिपोर्ट कहती हैं कि तीसरी लहर में बच्चों पर भी असर होगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘तीसरी लहर से कैसे निपटना है, इसकी तैयारी अभी से करनी होगी। युवाओं का वैक्सीनेशन करना होगा। अगर बच्चों पर असर बढ़ता है, तो कैसे संभालेंगे क्योंकि बच्चे तो अस्पताल खुद नहीं जा सकते। हमें कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करना चाहिए। माना जा रहा है कि इसी लहर में बच्चे भी प्रभावित होंगे, वैज्ञानिक योजना की जरूरत है।’