Father of Mathematics in Hindi
शुरू से ही विश्व की सभी प्रमुख और अतिप्राचीन संस्कृती मे विभिन्न गिनतीयो के बारे मे जानकारी थी, जिसमे सामान्य बातो के अलावा प्राकृतिक चिजो संबंधी गणनाओ का कुछ हद तक ज्ञान उस समय के लोगो को था। मतलब के गणित का उदय काफी पहले से हुआ था तथा इसका सही मायने मे विस्तार इसवी सदी पूर्व से ही हुआ था। आपके मन मे अगर ये जानने की उत्सुकता है के गणित के जनक कौन है तो ये लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होनेवाला है।
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भारत ने विश्व को शून्य का अविष्कार दिया तथा भारत के साथ विश्व के अन्य प्राचीन देशो मे भी गणित से जुडे सिद्धांत रखे गये थे। यहाँ गणित के जनक तथा उनके द्वारा इस विषय पर किए गए महत्वपूर्ण बातो को आपके सामने लेख द्वारा रखने का हमारा प्रयास रहेगा।
इस जानकारी को पढकर आपको मजा भी आएगा तथा गणित से जुडे नए बातो को जानने का मौका भी मिलेगा, जो के आपको कही ना कही लाभदायक सिद्ध होगी।
गणित के ‘जनक’ कौन है? विश्लेषनात्मक जानकारी – Father of Mathematics in Hindi
गणित के जनक के बारे मे संक्षेप मे जानकारी – Information about Father of Mathematics
संपूर्ण नाम (Full Name) | आर्किमिडीज (Archimedes)। |
जन्म (Date of Birth) | इसवी सदी पूर्व २८७। |
जन्मस्थान (Birth Place) | सेराक्यूज, मैग्ना ग्रासिया (इटली) |
मुख्य रूप से पहचान (Well Know As) | गणितज्ञ और गणित के जनक, भौतिक विज्ञानी, खगोल विज्ञानी इत्यादि। |
आर्किमिडीज द्वारा लिखी गई गणित की मुख्य किताबे (Books By Archemedes) | मेज़रमेंट ऑफ़ सर्कल, ऑन स्पीरल्स, द वर्क्स ऑफ आर्किमिडीज(वोल्यूम १), जोमेट्रिकल सोलूशन्स डिराईव्हड फ्रॉम मैकेनिक्स इत्यादि। |
मृत्यू (Died) | इसवी सदी पूर्व २१२। |
गणित के जनक के शुरुवाती जीवन के बारे मे जानकारी – Information about Archimedes
वैसे तो आर्किमिडीज ने गणित के साथ भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान, मैकेनिक्स आदि विषयो के बारे मे संशोधन और अध्ययन किया था। पर तत्कालीन परिस्थिती मे गणित के बारे मे इनके द्वारा रखे गए सिद्धांत काफी सटीक जान पडते है परिणाम स्वरूप इनके गणित मे अनमोल योगदान हेतू इन्हे गणित के जनक के तौर पर जाना जाता है।
इसवी सदी पूर्व २८७ को इटली देश के रोमन साम्राज्य के अंतर्गत आनेवाले ऐतिहासिक शहर सेराक्यूज मे आर्किमिडीज का जन्म हुआ था। यह सिसिली द्वीप समूह पर बसा हुआ सुंदर तथा रोमन और ग्रीक संस्कृती से प्रभावित क्षेत्र था।
तत्कालीन सेराक्यूज प्रशासक किंग हिएरो द्वितीय के दरबार मे आर्किमिडीज कार्य करते थे, जहाँ पर कार्य करते समय उन्होने भौतिक विज्ञान और गणित संबंधी कई सारे संशोधन भी किए थे।
बचपन से ही आर्किमिडीज को गणित तथा भौतिक विज्ञान से जुडे प्रश्नो को सुलझाने मे काफी ज्यादा दिलचस्पी थी, हालाकि उस समय इन विषयो का इतना गहन शिक्षा विस्तार और संशोधन भी नही हुआ था। पर फिर भी इन सभी बातो के लिए इन्हे परिवार से समय समय पर सहयोग मिलता था।
आर्किमिडीज का गणित संबंधी योगदान – Contribution of Archimedes in Mathematics
- आर्किमिडीज का गणित संबंधी सबसे प्रमुख सिद्धांत ‘एक्सहॉशन मेथड’ यानि के ‘शून्यीकरण पद्धती’ थी जिसमे विभिन्न आकार मे बने वस्तुओ का क्षेत्रफल नापने का सिद्धांत दिया गया था।
- वर्तुल को नापने संबंधी आर्किमिडीज द्वारा किया गया प्रयास तत्कालीन समय मे काफी सराहनीय कदम माना जाता है, इसके अलावा इनके द्वारा क्षेत्र और सिलिंड्रिकल आकार के बीच संबंध प्रस्थापित करने हेतू भी कार्य किया गया था।
- आर्किमिडीज ने वर्तुल पृष्ठ और क्षेत्रफल संबंधी भी गहरा अध्ययन किया तथा इस विषय मे तथ्य प्रस्तुत किए।
- तत्कालीन समय मे आर्किमिडीज एकमात्र गणितज्ञ थे जिन्होने अभाज्य संख्याओ का उपयोग किया था।
- गणित मे संख्याओ के अनंतता का सिद्धांत भी आर्किमिडीज द्वारा निर्मित किया गया था।
- आर्किमिडीज द्वारा अनंत ज्योमेट्रिकल शृंखला का समाधान समान अनुपात पद्धती द्वारा दिया गया जो के प्रभावकारी सिद्ध हुआ।
उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण कार्य गणित मे आर्किमिडीज द्वारा किए गए जिसे गणित के इतिहास मे बहुमुल्य योगदान माना जाता है। और इन सभी के वजह से आर्किमिडीज को गणित के जनक के रूप मे जाना जाता है।
इस प्रकार से अबतक आपने संक्षेप मे गणित के जनक और उनके गणित से जुडे प्रमुख योगदान के बारे मे लेख द्वारा जाना, हमे पुरा विश्वास है के ये जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी तथा इसका भविष्य मे आपको लाभ भी होगा। अन्य लोगो तक इस महत्वपूर्ण जानकारी को पहुचाने हेतू लेख को उन तक अवश्य साझा करे, हमसे जुडे रहने हेतू धन्यवाद।…
गणित के जनक के बारे मे अधिकतर बार पुछे जाने वाले सवाल – Gk Quiz on Mathematics
जवाब: आर्किमिडीज।
जवाब: ‘एक्सहॉशन मेथड’ यानि के ‘शून्यीकरण पद्धती’।
जवाब: मेज़रमेंट ऑफ़ सर्कल, ऑन स्पीरल्स, द वर्क्स ऑफ आर्किमिडीज(वोल्यूम १), जोमेट्रिकल सोलूशन्स डिराईव्हड फ्रॉम मैकेनिक्स।
जवाब: इसवी सदी पूर्व २१२।
जवाब: इटली।
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