Germany History in Hindi
प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले “बर्बर कबीलों” वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द Germany पड़ा। जर्मनी के बारेमें एसेही और अधिक जानकारी आगे हम आपके लिए लाये है –
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जर्मनी का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी – Germany History in Hindi
जर्मनी के बारे में जानकारी – Information About Germany
देश का नाम (Name of Country) | जर्मनी(Germany)। |
जर्मनी की राजधानी (Capital of Germany) | बर्लिन(Berlin)। |
देश का विश्व में भौगोलिक स्थान (Continent in Which Germany is Located) | यूरोपीय महाद्वीप। |
स्वतंत्र रूप से संयुक्त जर्मनी के निर्मिति का वर्ष (Unification Year of Germany) | १८ जनवरी १८७१। |
देश का कुल क्षेत्रफल (Total Area of Germany) | ३,५७,०२२ किलोमीटर वर्ग। |
कुल क्षेत्रफल अनुसार जर्मनी का विश्व में स्थान (Areawise Global Rank of Germany) | ६३(63rd)। |
देश की कुल जनसँख्या (Population of Germany) | ८,३१,९०,५५६। |
जनसँख्या आधार पर जर्मनी का विश्व में क्रम (Populationwise Global Rank of Germany) | १८ वा (18th) |
देश का आर्थिक चलन (Currency of Germany) | यूरो(Euro)। |
प्रमुख भाषाएँ (Languages of Germany) | जर्मन (आधिकारिक भाषा), डेनिश, र्हेनिश, कुर्दिश, पोलिश इत्यादि। |
राष्ट्रीय पक्षी (National Bird of Germany) | फ़ेडरल ईगल(Federal Eagle)। |
राष्ट्रीय वृक्ष (पेड़) (National Tree of Germany) | रॉयल ओक वृक्ष(Royal Oak Tree)। |
देश का राष्ट्रीय पुष्प (फूल) (National Flower of Germany) | ब्लू वायलेट ब्लूम/कॉर्नफ्लॉवर पुष्प |
राष्ट्रीय फल (National Fruit of Germany) | एप्पल(Apple- सेब) |
देश का राष्ट्रीय खेल (National Sport of Germany) | फुटबॉल(Football)। |
देश के अंतर्गत कुल राज्य/प्रांत की सँख्या (Total Number of States/Province in Germany) | १६(Sixteen) |
जर्मनी के बारे में – About Germany in Hindi
जर्मनी, अधिकारिक रूप से जर्मन संघीय गणराज्य पश्चिमी यूरोप के केंद्र में स्थित संघीय संसदीय गणराज्य है। जिसमे 16 घटक राज्य का समावेश है, जो 3,57,022 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ की जलवायु भी ज्यादातर शीतोष्ण ही रहती है। 82 मिलियन निवासियों के साथ जर्मनी यूरोपियन संघ के सदस्यों में सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश है।
यूनाइटेड स्टेट के बाद, दुनिया में यह दूसरा सबसे प्रसिद्ध आव्रजन गंतव्य है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन है, जो देश का सबसे बड़ा शहर भी है। देश के दुसरे मुख्य शहरो में हैम्बर्ग, म्युनिक, कोलोन, फ्रँकफर्ट और स्तुत्त्गर्ट शामिल है। जर्मनी की बहुत सी जनजातियाँ शास्त्रीय पुरातनता के समय से आधुनिक जर्मनी के उत्तरी भाग में रह रहे है।
देश के एक क्षेत्र जर्मानिया का उल्लेख हमें 100 AD से भी पहले के समय में दिखाई देता है। प्रवास की अवधि में जर्मनी समुदाय का विस्तार दक्षिण भाग में ज्यादा हुआ। 10 वी शताब्दी में शुरू मे, जर्मन प्रदेशो ने पवित्र रोमन साम्राज्य के मध्य भाग की रचना की।
16 वी शताब्दी में उत्तरी जर्मन क्षेत्र प्रोटेस्टेंट पुनर्गठन का केंद्रीय भाग बना। 1871 में जब ज्यादातर जर्मनी राज्य प्रशिया शासन वाले जर्मनी साम्राज्य में संयुक्त होने जा रहे थे, तब जर्मनी एक राष्ट्रिय राज्य बना। प्रथम विश्व युद्ध और 1918-1919 की जर्मन क्रांति के बाद, साम्राज्य को बदलकर संसदीय विमर गणराज्य की स्थापना की गयी।
1933 में राष्ट्रिय राष्ट्रवादी अधिनायकत्व की स्थापना करने के बाद द्वितीय विश्व युद्ध और नरसंहार की शुरुवात हुई। मित्र देशो का कब्ज़ा कर लेने के बाद, दो जर्मन देश स्थापित किये गये: जर्मनी संघीय गणराज्य और जर्मनी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक। 1990 में देश को पुनः एकीकृत किया गया।
देश बहुत से उद्योग और प्रोद्योगिकीय क्षेत्रो का लीडर माना जाता है, और साथ ही यह जर्मनी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक और आयातक देश है। जीवन के उच्च मानक के साथ जर्मनी एक विकसित देश है, जहा बहुत से कुशल और उत्पादित लोग रहते है। देश में ट्यूशन मुक्त शिक्षा प्रणाली भी विकसित की गयी है।
1933 में जर्मनी यूरोपियन संघ का संस्थापक सदस्य बना। यह शेंगेन क्षेत्र का एक भाग है और 1999 में यह यूरोझोन का सह-संस्थापक बना। जर्मनी यूनाइटेड नेशन, नाटो, जी8, जी20 और OECD का भी सदस्य है। देश का राष्ट्रिय सैन्य खर्च दुनिया भर में किये जाने वाले सैन्य खर्च की तुलना में 9 वा सबसे बड़ा है।
जर्मनी अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही जर्मनी बहुत से प्रभावशाली आर्टिस्ट, दर्शनशास्त्री, संगीतकार, खिलाडी, औद्योगिक लोगो, वैज्ञानिको, इंजिनियर और अविष्कारको का घर है।
जर्मनी के कुल राज्य/प्रांत – States/Province in Germany
प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु करने हेतु जर्मनी को कुल सोलाह राज्यों में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत आनेवाले राज्यों का ब्यौरा हमने निचे दिया हुआ है, इसमें प्रमुखता से शामिल है –
- बाडेन – वुर्टेम्बर्ग (Baden- Wurtttemberg)
- थुरंगिया (Thuringia)
- लोअर सक्सोनी(Lower Saxony)
- बवेरिया (Bavariya)
- हेस्सेन (Hessen)
- नॉर्थ राइन – वेस्टफ़ेलिया (North Rhine- Westphalia)
- सक्सोनी (Saxony)
- सारलैण्ड (Saarland)
- ब्रेमेन(Bremen)
- हैम्बर्ग (Hamburg)
- राइनलैंड – पॉलटिनेट (Rhineland- Palatinate)
- बर्लिन (Berlin)
- श्लेजविग – होलेस्टाईन(Schleswig-Holstein)
- ब्रांडेनबर्ग (Brandenberg)
- सक्सोनी – अनहाल्ट (Saxony- Anhalt)
- मैकलेनबर्ग – वॉर्पोमर्न (Macklenberg- Vorpommern)
जर्मनी के प्रमुख धर्म – Religions in Germany
यूरोप महाद्वीप में स्थित जर्मनी देश में शुरू से ही ईसाई धर्म का सर्वाधिक प्रभाव रहा है, जिसके वजह से इस देश कुल आबादी के लगभग ६७ प्रतिशत तक ईसाई धर्म के लोग रहते है। ईसाई धर्म के अंतर्गत आनेवाले लुथेरन पंथ के लोग यहाँ अच्छी तादाद में मौजूद है जो के प्रोटेस्टेंट का ही हिस्सा है, इसके अलावा मुस्लिम धर्म के लोग भी यहाँ बसे हुए है।
मुस्लिम धर्म में यहाँ का स्थानिक मुस्लिम मतप्रवाह भी मौजूद है जिसे अलेविट्स कहते है, इसके साथ सुन्नी, अहमदिया, शिया मुस्लिम भी कम सँख्या में यहाँ रहते है।बीसवीं सदी के मध्य तक ज्यू लोग भी जर्मनी में शरणार्थी के तौर पर मौजूद थे पर हिटलर की बर्बरता ने ज्यू लोगो को देश से मानो खदेड़ कर रख दिया था।
जर्मनी में मौजूद अधिकतर मुस्लिम शरणार्थी है जिन्हे ईरान, इराक और अन्य इलाको से शरणार्थी के तौर पर रहने की अनुमति दी गई है। हिन्दू और अन्य धर्मीय लोग यहाँ बहुत कम सँख्या में दिखाई देते है, जो है वो या तो काम के सिलसिले में या व्यापार आदि कारणों से देश में मौजूद है।
जर्मनी की प्रमुख भाषाएँ – Main Languages of Germany
इस देश में अधिकतर जर्मन भाषा का आम तौर प्रयोग किया जाता है, इसके तहत जर्मन को राष्ट्रभाषा का स्थान प्राप्त है। इसके अलावा देश में कुछ अन्य स्थानिक भाषाओ का भी आम बोली चाली में उपयोग किया जाता है जिसमे डेनिश, सोर्बियन, लो जर्मन, रोमानी, लो रेनिश, सटरलैंड फ़्रिसियन, नॉर्थ फ़्रिसियन इत्यादि शामिल है।
जर्मनी का इतिहास – History of Germany
प्राचीन काल में जर्मनी में कुछ जनजातीय विशेष समुदाय का निवास था जो के आजके मुकाबले पूर्णतः अलग सामान्य जीवन जिते थे, इन समुदाय का देश के विभिन्न स्थानों में भ्रमण रहता था जो के संसाधनों के एकत्रित करने की प्रक्रिया का हिस्सा था।
कुछ कालांतरन के बाद जैसेही ऑगस्टस ने प्राचीन रोम का शासन संभाला तब उसके शासन अंतर्गत यूरोप के विभिन्न देशो में आक्रमण शुरू हुए जिसमे जर्मनी भी शामिल था।इस आक्रमण का ये प्रभाव हुआ के स्थानिक जर्मन लोग राइन नदी,बाडेन – वुर्टेम्बर्ग, बवारिया इत्यादि विभागों में बस गए।
पर एशिया और मध्य एशिया के तरफ से हुन जनजातीय टोलियों के आक्रमण ने यूरोप में रोम इत्यादि क्षेत्र में अनोखी दहशत निर्माण कर दी, हुन के आक्रमण इतने घातक होते थे जिसमे पुरे नगर को तबाह करके ये लोग चले जाते थे। कुछ हद तक रोम साम्राज्य के पतन में इन टोलियों का योगदान रहा और जिसका परिणाम ये हुआ के जर्मनी के हालात सुधर गए और वहाँ के स्थानिक लोग दक्षिण -पश्चिमी जर्मनी में विस्थपित हो गए।
पर जैसे जैसे ईसाई धर्म का प्रभाव यूरोप में बढ़ गया उसका सकारात्मक परिणाम ये हुआ के लगभग पुरे यूरोप में धार्मिक एकत्रीकरण हो गया कुछ हद तक लोग धर्म से जुड़े गतिविधियों में अधिक लिप्त हुए। उन्नीसवीं सदी में बिस्मार्क राजव्यवस्था के अंतर्गत विलियम प्रथम को जर्मनी का साल १८६२ में राष्ट्रपति घोषित किया गया था जिसके अनुसार प्रशासन, व्यापार, तथा शिक्षा आदि से जुड़े सुधारो पर कार्य प्रारंभ हुआ।
कुछ हद तक ब्रिटेन और अमेरिका में हुए औद्योगिक क्रांति से जर्मनी के साथ अन्य यूरोपीय देश भी प्रभावित हुए। जिसका नतीजा ये हुआ के यातायात से संबंधित कार्य, तकनिकी विकास, जीवन शैली में सुधार, चिकित्सा और विज्ञान में तेजी से बदलाव पर कार्य करना प्रारंभ हुआ।
पर आगे वर्चस्व की दौड़ में आपसी विवाद की स्थिति का जन्म हुआ, जिसका परिणाम ये हुआ के यूरोप गुटों में बटने लगा जिसमे हंगेरी, ऑस्ट्रिया और जर्मनी का एक गुट बना जिनका तुर्कस्थान के ऑटोमन राजघराने को समर्थन था। वही फ़्रांस, ब्रिटेन और रशिया का गुट बना जिसका प्रमुख कारण सोवियत रशिया का बाल्कन प्रांत था जो विवादित क्षेत्र था। और इसी के वजह से इस प्रदेश में तुर्कस्थान और यूरोपीय देश ब्रिटेन,फ़्रांस और रशिया से विवाद शुरू था।
बाल्कन में आंतरिक स्थिति पहले ही बिगड़ी हुयी थी उसी दौरान बीसवीं सदी के दूसरे दशक में ऑस्ट्रिया के राजपुत्र फ़्रांझ फर्डिनांड की हत्या हुयी जिसका सारा दोष ब्रिटेन,रशिया और फ़्रांस पे आया और इसका नतीजा विश्व के पहले महायुद्ध में सामने आया।
जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशो की अत्यधिक जानमाल का नुकसान इस विश्वयुद्ध में हुआ था, जिससे दुनिया के राजनीती और व्यापार पर इसका लम्बे समय तक प्रभाव रहा। जर्मनी में प्रथम महायुद्ध में जहा कैसर विलियम द्वितीय की भूमिका महत्वपूर्ण थी, उसके साथ दुनिया के पटल पर हिटलर नाम का तानाशाह इसी देश में उदित हुआ।
हिटलर के नाझी व्यवस्था को दुनिया के प्रमुख देश उतना पसंद नहीं करते थे परंतु नाझी तंत्र में बहुत ज्यादा राष्ट्रनिष्ठा, त्याग, समर्पण और महत्वाकांक्षा थी। पर उसके पडोसी देश तथा अमेरिका,रशिया जैसे महाशक्तियों से विचार कभी भी जुड़ नहीं पाए।
विसवी सदी के चौथी सदी में हिटलर का नाझी तंत्र चरणसीमा पर था जिसमे उसने बर्बरता से कई हजार ज्यू लोगो को जहरीली गैस से बंद कमरों में मार दिया, विश्वपटल पर इस घटना की कड़ी आलोचना हुई और एक तरह से दुनिया के खिलाफ अकेला नाझी तानाशाह हिटलर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।
जापान के द्वारा रशिया की हुई हार से दूसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी उठ गयी इसमें अब गुटवाद यूरोप तक सिमित न रहते हुए दुनिया में कायम हुआ और विश्व और जर्मनी ने दुनिया का दूसरा विश्वयुध्द सहा जिसमे हुए हानि की सिमा नहीं थी।
जर्मनी का सामाजिक जीवन – Social Life in Germany
यूरोपीय महाद्वीप के अधिकतर देशो में ईसाई धर्म का प्रभाव होने के कारण जर्मनी के सामाजिक जीवन में कुछ इसी तरह के माहौल की झलक देखने को मिलती है। यहाँ आम तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना तथा गंदगी फैलाना क़ानूनी जुर्म माना जाता है, वही शराब के मामले में इस देश में कुछ अलग नियम है।
इसका मतलब ये के जर्मनी में सार्वजानिक स्थलों पर शराब पीना आम बात मानी जाती है, जिसको किसी तरह का क़ानूनी प्रतिबंध नहीं होता।वही संपूर्ण यूरोप में स्कॉटलैंड के बाद जर्मनी का ही शराब बेचने में क्रम लगता है। इस देश की सबसे मजेदार बात ये है के यहाँ के जेल से अगर कोई कैदी भागने की कोशिश भी करे तो उसे इस की सजा नहीं दी जाती, इनका मानना ये होता है के इस तरह के प्रयास करना एक सामान्य मानवी प्रवृत्ति होती है।
देश में समलैंगिकता वाले लोगो के साथ भेदभाव करना क़ानूनी जुर्म माना जाता है, पर वही दूसरे पहलु पर नजर डाले तो जर्मनी देश में जन्म का दर दुनिया के अन्य देशो के मुकाबले काफी कम है जो के चिंता का विषय भी है। मौजूदा हालात में देश में अगर कोई नाझी पद्धति से सैल्यूट करता है या इससे जुडी विचारधारा को फ़ैलाने की कोशिश करने की स्थिति में ऐसे व्यक्ति या समुदाय पर क़ानूनी कारवाई का प्रावधान भी होता है।
सामान्य रूप से देश के लोग मेहनती और खुश मिजाज के होते है, वही इन लोगो को ज्यादातर समय नाच गाना, पार्टी तथा घूमने फिरने में व्यतीत करना पसंद होता है। यहाँ के अधिकतर लोग उच्च शिक्षित होते है जो विभिन्न व्यवसाय और रोजगार से संबंधित गतिविधियों से जुड़े होते है, वही देश में महिलाओ को राजनीती और अन्य क्षेत्र में सक्रीय होकर उच्च पद पर काम करने के अधिकार दिए गए है।
आजका जर्मनी विज्ञान, तकनिकी क्षेत्र, चिकित्सा, साहित्य, कला, खेल तथा औद्योगिक क्षेत्र द्वारा विकास में उच्चतर सफलता हासिल कर चूका है, जिसका विश्व के विकसित और शक्तिशाली देशो में क्रम लगता है।
अधिकतर विस्थापित शरणार्थी देश में आये दिनों बढ़ने से कुछ हद तक इस समस्या से सुलझने की बड़ी चुनौती जर्मनी के सामने है।वही वैश्विक पर्यावरण में हुए बदलाव के चुनौतियों से निपटने हेतु जर्मनी जैसे देश का सहयोग और भूमिका भविष्य में महत्वपूर्ण सिध्द होगी।
जर्मनी की संस्कृति और परंपरा – Culture and Tradition of Germany
जर्मनी देश के अधिकतर लोग ईसाई धर्म के होने के कारण यहाँ की परंपराये इसी धर्म के मान्यताओं का पालन और जीवन व्यापन से जुड़े गतिविधियों पर भरोसा रखनेवाली होती है। प्राचीन रोम शहर का एक प्रमुख हिस्सा जर्मनी को माना जाता है, जिसके तहत ईसाई धर्म से जुड़े पवित्र धार्मिक क्रियाकलाप आम तौर पर यहाँ देखने को मिलेंगे।
देश के लोगो की विचारधारा और जीवनशैली काफी खुले तौर की होती है जिसमे लगभग सम्पूर्ण यूरोप और जर्मनी में आपको एक सी संस्कृति दिखाई पड़ेगी। अँग्रेजी नववर्ष, क्रिसमस, गुड फ्राइडे आदि त्यौहार यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, इसके साथ देश में मौजूद अन्य धर्मीय लोगो को भी धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता दी गई है जिसके अनुसार धार्मिक मान्यताओं का पालन वे लोग भी कर सकते है।
यहाँ के प्रार्थनास्थलों में अधिकतर चर्च मौजूद है, जिसमे प्रोटेस्टंट चर्च, एवांजेलिक चर्च इत्यादि प्रमुखता से शामिल है।कुल मिलाकर कहे तो पूरी तरह पश्चिमी संस्कृति,विचारधारा,परंपराये और जीवनशैली के बुनियाद पर जर्मनी देश सफलता के मुकाम हासिल कर विश्व में अपना स्थान कायम किये हुआ है।
जर्मनी देश के प्रमुख व्यंजन – Staple Food of Germany
अधिकतर यूरोपीय देशो में कम तिखे व्यंजन खाये जाते है जिसमे मात्र स्वाद हेतु मिर्च इत्यादि का प्रयोग किया जाता है, वही फल और हरी सब्जियों के साथ अंडे,दूध और माँस को भोजन में यहाँ प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ हम आपको जर्मनी देश के ऐसेही कुछ व्यंजनों नाम बताएँगे। इसमें शामिल है –
- श्वेनशाक्स (सुवर के माँस से बननेवाला व्यंजन)
- शिंत्ज़ेल (ब्रेड कटलेट)
- रिंडर रौलेड
- सौरब्रटेन (पशु माँस को भुन कर बनाया जानेवाला व्यंजन)
- हासेनपेफर
- श्वार्जवाल्डेर किर्सशोरते
- आइनटॉफ
- बैटव्रस्ट, नॉकव्रस्ट, वेसव्रस्ट (सॉसेस के कुछ प्रकार)
- ब्रॉट
- ब्रेज़ेल
जर्मनी के प्रमुख पर्यटन स्थल – Famous Tourism Places in Germany
- कोलोग्ने कैथेड्रल
- इंग्लिश गार्डन
- चार्लोटेनबर्ग पैलेस
- द ब्लैक फॉरेस्ट
- बर्लिन जूलॉजिकल गार्डन
- द राइन वैली
- ब्रैंडेनबर्ग गेट बर्लिन
- द अल्टीमेट फैरीटेल कैस्टल
- बर्लिन म
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