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महिला दिवस पर कुछ कविताएँ

Mahila Diwas par Kavita

नारी हर घर की शान होती हैं, आज के युग में तो नारी घर के साथ साथ सभी क्षेत्रों में अपना स्थान बना चुकी हैं। महिला देश, समाज एवं परिवार का मुख्य आधार होती हैं। महिलाएं समाज को सभ्य बनाने से लेकर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आज महिलाओं ने खुद को हर क्षेत्र में साबित किया है।

आज दुनिया का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां महिलाओं का दबदबा न हो, लेकिन आज 21 वीं सदी में भी महिलाओं को उत्पीड़न, शोषण और घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। कहीं न कहीं आज भी महिलाओं से जुड़े फैसले उनके पिता, भाई या फिर पति द्वारा ही लिए जाते हैं।

वहीं महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने, उनका आत्मविश्वास जगाने एवं समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाने के लिए 8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

वहीं आइए जानते हैं महिलाओं के महत्व को समझाने वाली महिला दिवस पर कुछ प्रेरणात्मक कविताओं – omens Day Poem के बारे में –

महिला दिवस पर कुछ कविताएँ – Womens Day Poem in Hindi

Mahila Din Vishesh Kavita

नारी

नारी तुम आस्था हो तुम प्यार, विश्वास हो,
टूटी हुयी उम्मीदों की एक मात्र आस हो,
अपने परिवार के हर जीवन का तू आधार हो,
इस बेमानी से भरी दुनिया में एक तुम ही एक मात्र प्यार हो,
चलो उठों इस दुनिया में अपने अस्तित्व को संभालो,
सिर्फ एक दिन ही नहीं,
बल्कि हर दिन नारी दिवस मना लो।

Aaj ki Nari par Kavita

इस बात को नहीं नकारा जा सकता है आज महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में थोड़ा सा बदलाव आया है। लोग अपने घर की बेटियों और बहुओं की शिक्षा के लिए आगे बढ़ रहे हैं। देश के उच्च पदों पर महिलाएं शोभायमान हैं।

पहले की तुलना में महिलाएं आज कहीं ज्यादा आत्मनिर्भर और सक्षम है, लेकिन इन सबके बाबजूद भी रुढिवादी सोच हावी है, जिसके चलते महिलाएं गुलाम बनी हुई हैं और दहेज लोभियों की हिंसा का शिकार हो रही हैं।

वहीं कन्या भ्रूण हत्या के मामले तो जैसे आम हो चले हैं।महिलाओं को आज भी अपने हक के लिए लड़ना पड़ रहा है। वहीं महिला दिवस पर लिखीं गईं इस तरह की कविताएं महिलाओ के अंदर न सिर्फ आगे बढ़ने का जोश भरेंगी, बल्कि उन्हें अपनी शक्ति का एहसास भी दिलवाने में कारगार सिद्ध होंगी।

कौन कहता हैं

कौन कहता हैं की,
नारी कमज़ोर होती है।
आज भी उसके हाथ में,
अपने सारे घर को चलाने की डोर होती है।

वो तो दफ्तर भी जाती हैं,
और अपने घर परिवार को भी संभालती हैं।
एक बार नारी की ज़िंदगी जीके तो देखों,
अपने मर्द होने के घमंड यु उतर जायेंगा,
अब हौसला बन तू उस नारी का,
जिसने ज़ुल्म सहके भी तेरा साथ दिया।

तेरी ज़िम्मेदारियों का बोझ भी,
ख़ुशी से तेरे संग बाट लिया।
चाहती तो वो भी कह देती, मुझसे नहीं होता।
उसके ऐसे कहने पर,
फिर तू ही अपने बोझ के तले रोता।

Nari par Kavita

क्योंकि नारी महान होती है।

मन ही मन में रोती फिर भी बाहर से हँसती है
बार-बार बिखरे बालों को सवारती है
शादी होते ही उसका सब कुछ पीछे छुट जाता है
सखी – सहेली,आजादी, मायका छुट जाता है
अपनी फटी हुई एड़ियों को साड़ी से ढँकती है
स्वयं से ज्यादा वो परिवार वालों का ख्याल रखती है
सब उस पर अपना अधिकार जमाते वो सबसे डरती है।

शादी होकर लड़की जब ससुराल में जाती है
भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है
जब वो घर में आती है तब घर आँगन खुशियो से भर जाते हैं
सारे परिवार को खाना खिलाकर फिर खुद खाती है
जो नारी घर संभाले तो सबकी जिंदगी सम्भल जाती है
बिटिया शादी के बाद कितनी बदल जाती है।

आखिर नारी क्यों डर-डर के बोलती, गुलामी की आवाज में?
गुलामी में जागती हैं, गुलामी में सोती हैं
दहेज़ की वजह से हत्याएँ जिनकी होती हैं
जीना उसका चार दीवारो में उसी में वो मरती है।

जिस दिन सीख जायेगी वो हक़ की आवाज उठाना
उस दिन मिल जायेगा उसके सपनो का ठिकाना
खुद बदलो समाज बदलेगा वो दिन भी आएगा
जब पूरा ससुराल तुम्हारे साथ बैठकर खाना खायेगा
लेकिन आजादी का मतलब भी तुम भूल मत जाना
आजादी समानता है ना की शासन चलाना
रूढ़िवादी घर की नारी आज भी गुलाम है
दिन भर मशीन की तरह पड़ता उस पर काम है
दुःखों के पहाड़ से वो झरने की तरह झरती है
क्योंकि नारी महान होती है।

Nari Shakti par Kavita

हमारी भारतीय संस्कृति में भी महिलाओं के महत्व को बताया गया हैं एवं उन्हें देवी का रुप बताया है। हिन्दू शास्त्रों और पुराणों में भी महिलाओं की अदम्य शक्ति का वर्णन किया गया है।

महिला, एक मां. बहन, बेटी, बहु कई रुपों में अपना कर्तव्य निभाती हैं और संस्कारी एवं सभ्य समाज का निर्माण करती है। वास्तव में नारी सूरज की सुनहरी किरण और प्रेम का आगार है।

हम सभी को महिलाओं को महत्व समझना चाहिए एवं उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए। महिला दिवस पर महिलाओं पर लिखीं गईं यह सुंदर कविताएं वाकई दिल छू जाने वाली हैं।V

नारी ईश्वर का चमत्कार

नारी सरस्वती का रूप हो तुम
नारी लक्ष्मी का स्वरुप हो तुम
बढ़ जाये जब अत्याचारी
नारी दुर्गा-काली का रूप हो तुम।

नारी खुशियों का संसार हो तुम
नारी प्रेम का आगार हो तुम
जो घर आँगन को रोशन करती
नारी सूरज की सुनहरी किरण हो तुम।

नारी ममता का सम्मान हो तुम
नारी संस्कारों की जान हो तुम
स्नेह, प्यार और त्याग की
नारी इकलौती पहचान हो तुम।

नारी कभी कोमल फूल गुलाब हो तुम
नारी कभी शक्ति के अवतार हो तुम
तेरे रूप अनेक
नारी ईश्वर का चमत्कार हो तुम।

Nari Jeevan Kavita

महिलाओं की अलौकिक शक्ति का भारतीय इतिहास भी गवाह रहा है। जब-जब-पुरुष ने खुद को असहाय, हताश और निराश पाया है, तब-तब वो नारी के शरण में आया है।

भले ही पुरुष अपने अहंकार के कारण नारी को कमजोर और अबला कहता रहा हो, लेकिन नारी की शक्ति का एहसास तो उसे भी है।

इसलिए महिला शक्तिकरण की दिशा में आज कई अभियान चलाए जा रहे हैं, महिलाओं को उनकी शक्ति का एहसास करवाया जा रहा है।

वहीं जब तक महिलाएं खुद अपने हक के लिए आवाज नहीं उठाएंगी और अपने जिंदगी से जुड़े फैसले लेने में समर्थ नहीं होगी तब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आ सकता है।

इसलिए इस महिला दिवस पर इस तरह की कविताओं से प्रेऱणा लेकर सभी महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ जीने एवं अपने अधिकारों के प्रति लड़ने का प्रण लेना चाहिए।

गर्व है मुझे मैं नारी हूँ

तोड़ के हर पिंजरा
जाने कब मैं उड़ जाऊँगी
चाहे लाख बिछा लो बंदिशे
फिर भी दूर आसमान मैं अपनी जगह बनाऊंगी मैं
हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ
भले ही परम्परावादी जंजीरों से बांधे है दुनिया के लोगों ने पैर मेरे
फिर भी उस जंजीरों को तोड़ जाऊँगी
मैं किसी से कम नहीं सारी दुनिया को दिखाऊंगी
हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ

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