गुच्छी मशरूम (Gucchi Mushrooms) |
गुच्छी मशरूम (Gucchi Mushrooms)
ऋतुराज वसंत के आगमन से वातावरण सुहावना और मनोहर हो जाता है सभी पेड़-पौधों में नई कोंपले आने लगती हैं. मौसम को देख कर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति भी उत्सव मना रही हो.
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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड के बाद वसंत पंचमी से तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है. इसी सौंदर्य के बीच जंगलों या खुले मैदान में गुच्छी अपने शुरूआती दिनों में अंकुरित होने लगती है.
जिसे कि चरवाहे और स्थानीय लोग उत्सुकता के साथ खोज रहे होते हैं और यह खोज वसंत ऋतु के समापन तक चलते रहती है.
गुच्छी हिमालय की पहाड़ियों में चीन, भूटान, तिब्बत, नेपाल एवं भारत के कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड में समुद्र तल से 1500 से 3500 मीटर की ऊंचाई पर पर पाई जाती है.
गुच्छी बांज, बुरांश, देवदार, राग और अतीस के जंगलों में आसमानी बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से स्वत: ही उग जाती हैै.
गुच्छी के अन्य मुख्य नाम (Other names for Guchi)
गुच्छी का वानस्पतिक नाम Morchella Esculenta है. अंग्रेजी भाषा में इसे फल्लुस एस्कुलेंटस, हिमालयन मोरेल्स मशरूम, मोरेल, कॉमन मोरेल, ट्रू मोरेल, येलो मोरेल, स्पंज मोरेल, ड्राईलैंड फिश, हायस्टैक आदि नामों से जाना जाता है.
वहीं भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में इसे स्पंज मशरूम, मोरेल मशरूम, मौली मूचर, च्याऊ, च्यूं, च्यों, च्यूऊं, छतरी, टटमोर, डुंघरू, गज्जू, गुच्छे, गुच्ची नामों से जाना जाता हैं.
गुच्छी की पहचान क्या है (Identity of Guchhi)
गुच्छी हल्की धारियों वाले भूरे रंग के स्पंज के रूप में शुरू होता है और सफेद तने पर एक पीले रंग के स्पंज के रूप में गड्ढों और धारियों के साथ बढ़ता है.
परिपक्व होने पर, इसकी पीली-भूरी, काली टोपी 2-7 सेमी चौड़ी 2-10 सेमी लंबी होती है और निचले किनारे पर तने से जुड़ी हुई होती है.
गुच्छी में पोषक तत्व (Nutrients in Gucchi)
एक सूखे गुच्छी मशरूम में प्रोटीन 32.7 प्रतिशत, फैट 2.0 प्रतिशत, फाइबर 17.6 प्रतिशत और कार्बोहाइड्रेट 38.0 प्रतिशत होता है.
इसके अलावा इसमें विटामिन B, D, C, K, जैसे प्रमुख तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदे मंद होता है.
गुच्ची के औषधीय गुण और लाभ ( Medicinal Properties and Benefits of Gucchi)
गुच्छी मशरूम में पाए जाने वाले Extract की तुलना Diclofenac नामक आधुनिक सूजन-रोधी दवा से की गई है. गुच्ची मशरूम में सूजन-रोधी प्रभाव पाया जाता है.
इसके अलावा यह हृदय रोग, थकान संबंधी समस्याओं को दूर करने, स्तन कैंसर के खतरे को कम करने, हड्डियों को मजबूत बनाने, गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार और शरीर में पाए जाने वाले हानिकारक प्रभावों को दूर करने में कारगर है.
गुच्छी की सब्जी कैसे बनाएं (How To Make Gucchi Vegetable in Hindi)
गुच्छी को पूरी तरह तैयार होने के बाद ही तोड़ा जाना चाहिए और फिर गुच्छी को अच्छे से सुखाए जाने की उचित विधि उपरांत ही इसकी स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है.
आम तौर पर गुच्छी की सब्जी बनाने की कोई खास विधि नहीं होती है इसे सामान्य मशरूम की तरह ही बनाया जा सकता है.
अन्य सब्जियों की ही तरह गुच्छी की सब्जी में, गुच्छी की मात्रा के अनुसार मसाले डालने चाहिए एवं अधिक स्वाद के लिए इसमें घी व सूखे मेवों का उपयोग भी किया जा सकता है.
इसके अलावा गुच्छी का उपयोग सूप, पुलाव, तंदूर व्यंजन बनाने में भी किया जाता है, जो स्वाद में बेजोड़ होता है.
गुच्छी की कीमत (Price of Guchhi in Hindi)
गुच्छी की दुर्लभता और उपचार शक्ति के कारण बाजार में इसकी कीमत 7 से 10 हजार रुपए प्रति किलो तक है, इसीलिए इसे दुनियां की सबसे महंगी सब्जी भी कहा जाता है.
अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में गुच्छी की मांग और रेट काफी ज्यादा है.
गुच्छी की खेती (Guchhi farming)
पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार एवं अनुसंधान केन्द्रों की अनदेखी के कारण आज भी गुच्छी की खेती संभव नहीं हो सकी है.
जबकि गुच्छी के बीजों को विकसित किया जा सकता है और विशेष उर्वरक तैयार करके उपयुक्त तापमान वाले उच्च क्षेत्रों में गुच्छी का उत्पादन किया जा सकता है, जिसका स्थायी निवासियों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता.
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