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PATHRI KA GHARELU UPCHAR : KIDNEY STONE Ko Bahar Kaise Nikale

 जो महिला kidney stones (पथरी) के दर्द को जान चुके हैं , उन महिलाओं ने बातचीत के दौरान बताया कि पथरी का दर्द (kidney stone pain) बच्चे जन्म देने के बराबर होता है , चूंकि उन्हें बच्चे जन्म देने , और पथरी का दर्द भलीभांति ज्ञात है , तो वह बेहतर बता सकती है । और हमे भी लगता है कि अनुभवी लोग बता रहे हैं तो शायद यह पूरी तरह सच भी है ।(pathari ka dava)

 यह बातचीत बारी बारी 10 महिलाओं को पूछा गया जो अतीत में किडनी स्टोन का दर्द सह चुकी है ,उन 10 महिलाओं में से 8 ने कहा कि उनकी दर्द शुरुआती दौर था और उन्हें आपरेशन नही करानी पड़ी , over the counter treatment (Home Treatment of kidney stone )से उनकी पथरी बाहर आ गई ।(pathari kya hota hai)

 शायद कोई भी पथरी की शुरुआती दौर में घरेलू उपचार , over the counter treatment (बिना पर्ची की दवा) दर्द निवारक दवा लेना चाहेंगे। दर्द से कुछ राहत पाने के लिए आप दर्द वाली जगह पर गर्म पानी की बोतल को रख सकते हैं। उसके बाद कुछ समय के लिए प्रतीक्षा करें । सौभाग्य से पेशाब के दौरान पथरी कुछ घंटों में बाहर निकल सकती है, लेकिन कभी-कभी इसमें कई दिन लग जाते हैं। यह प्रक्रिया कारगर तो है पर इसमे तेजी लाने के लिए आप नीचे लिखे उपाय भी अपना सकते हैं ।( pathri ka gharelu upchar)

पथरी बनने और दर्द का क्या कारण है ?

किडनी स्टोन के दर्द में पीठ और कमर के बाजू ( कोथा) में इतना अधिक दर्द होता है कि ऐसा लगता है जैसे दर्द के कारण उल्टी हो जाएगी , और दर्द से मौत हो जाएगी ।

 कारण: स्टोन खराब कच्ची रासायनिक अणु से बना है , जो मूत्र में मिला रहता है पर है मूत्र से अलग । वह रासायनिक अणु  आंतरिक सतहों पर जमकर पत्थर का रूप ले लेता है । बाद में वही छोटी पत्थर पेशाब नली से बाहर आने लगता है , चूंकि पेशाब नली बहुत ही सँकरा होता है जिससे वह नली में फंस जाता है । (pathari hone ka lakshan)

अधिकांश मामलों में किडनी स्टोन (पथरी) का निर्माण  कैल्शियम ऑक्सालेट या फॉस्फेट से मिलकर बना होते हैं। कई मामलों में स्टोन यूरिक एसिड या सिस्टीन से बना होता है। यह बीमारी वंशानुक्रम, लम्बे समय तक शरीर मे पानी की कमी या कम पानी पीने से, बार-बार मूत्र नली में संक्रमण, या एक खराब जीवन जीवन शैली के कारण गुर्दे में पथरी का निर्माण होने लगता है ।(kidney stone symptom)

पथरी ( kedney stone) को बाहर कैसे निकाले ?

1. मूत्र नली (Bladder) से पथरी (stone) को बाहर निकालने के लिए, दिन में कम से कम 2.5 लीटर पानी पिएं। यदि आप पथरी को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी पी रहे हैं, तो आपका मूत्र साफ और बेरंग होना चाहिए, खासकर पेशाब पीले रंग का नही होना चाहिए ।

 2 - पथरी को बाहर निकलने में सिंहपर्णी (Taraxacum Officinale)  का चाय पीना लाभकारी है , सिंहपर्णी पीने से मूत्र की मात्रा बढ़ती है , क्योकि यह किडनी के माध्यम से रक्त परिसंचरण ( खून को छानने की कम) को उत्तेजित कर देता है , जिससे मूत्र अधिक बनने लगते है , और मूत्र के माध्यम से ही पथरी बाहर निकलता है । सिंहपर्णी के चाय बनाने की विधि - 1 कप उबलते पानी में 2 चम्मच सूखा मेवा और कुछ मात्रा लगभग चुटकी भर सिंहपर्णी  मिलाएं। उबलने के बाद आंच से उतार लें , और  15 मिनट बाद हल्का ठंडा होने पर पी जाएं ।


3 - प्रतिदिन दो से तीन कप कॉर्न सिल्क ( भुट्टे के अंदर पायें जाने वाले लम्बे पतले रेशे ), बुचु ( एक दक्षिण अफ्रीकी पौधा) या काउच ग्रास (couch grass एक प्रकार का घांस) का चाय पीयें क्योकि इनमें भी सिंहपर्णी की तरह मूत्र की मात्रा को बढ़ाने वाले गुण पाये जाते हैं । जो पथरी को मूत्र मार्ग से बाहर निकलने में मददगार है ।

पथरी को बाहर निकालने का प्रयास करें

गुर्दे की पथरी होने पर रोगी के थोड़ी सी भी हलचल करने पर दर्द होना शुरू हो जाता है , या बढ जाता है । लेकिन आपको सिर्फ उतना ही दर्द हो रहा है , जितना आप सहन कर सकते हैं तो आसपास में टहलने का प्रयास करें । आपके टहलने से मूत्र मार्ग में फंसे पथरी ढीला पढ़ जाता है , असुविधा होने के बावजूद भी अगर आप चल रहे हैं तो बैठे या लेटे रहने के मुकाबले टहलने के कारण पथरी को बहुत जल्दी बाहर कर सकते हैं ।

एक पुराना उपाय जो कारगर है

 किडनी में पथरी के लक्षण का पता चलते ही , saw palmetto के 160 mg के दो कैप्सूल लें । यदि स्टोन तुरन्त बाहर नही निकलता है , तो यह कैप्सूल को रोजाना तब तक लेते रहे जब तक पथरी बाहर नही हो जाता । लम्बे समय से मूत्र और प्रोस्टेट समस्याओं के लिए पालमेटो का उपयोग घरेलू उपचार के लिए किया जा रहा है ।

यह मूत्रवाहिनी को आराम देता है जिससे पथरी आसानी से बाहर हो जाता है ।

पथरी (kidney stone) की रोकथाम के उपाय

कई विशेषज्ञ डॉक्टर इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि किडनी के पथरी को निकालने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीयें , किडनी स्टोन के रोगी को कम से कम 8 से 10 गिलास पानी रोजाना पीना चाहिए । अधिक पानी पत्थरो को बनाने वाले पदार्थ को पतला कर देता है जिससे स्टोन का निर्माण नही होता है ।

पथरी बनने का मूल कारण है मूत्र में कैल्शियम और सोडियम की अधिकता , तो साधारण बात है कि ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन को कम कर दें , जिनमे इन दोनों रासायनिक पदार्थ की मात्रा हो । जिससे पथरी बनना बन्द हो जाएगा , फ़ास्ट फूड , डिब्बा बन्द पेय पदार्थ व अन्य कई तरह के खाद्य है , जिसका सेवन पर अंकुश लगाना है , 24 घण्टों में 2400 मिलीग्राम (2.4 ग्राम ) से ज्यादा मात्रा में इन दोनों पदार्थों का सेवन न करें ।

शोध से इस बात की पुष्टि हो चुका है कि क्रैनबेरी का जूस मूत्र में कैल्शियम की मात्रा को कम करता है , कैल्शियम की अधिकता के कारण जिन लोगो को पथरी हुआ था , उन लोगो को एकत्रित कर अध्ययन किया गया , जिसमे पाया गया कि रोगी को क्रेनबेरी के जूस पिलाने से उनके मूत्र में कैल्शियम की मात्रा 50% कम हो गया । तथा अध्ययनकर्ता ने बताया कि रोगियों को रोजाना 2 गिलास (226 ग्राम) क्रेनबेरी का जूस पिलाया जाता था ।

कुछ लोगो को क्रेनबेरी का जूस पसन्द नही होता , या फिर उन्हें आसानी से नही मिल पाता है , तो वह संतरे का जूस या फिर पानी मे नींबू रस मिलाकर पी सकते हैं । नींबू और संतरे में साइट्रिक एसिड पाया जाता है , जो मूत्र में साइट्रेट की मात्रा को बढ़ा देता है , जिससे कैल्शियम युक्त पथरी का निर्माण नही हो पाता ।

Kidney Stone को रोकने में मैग्नीशियम भी अहम भूमिका निभा सकता है , बशर्ते आप मैग्नीशियम युक्त भोजन को बढ़ावा दे । इसके लिए मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ  , जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, गेंहू की रोटी , या समुद्री खाद्य पदार्थ लें , कुल मिलाकर आप रोजाना 8 ग्राम तक मैग्नीशियम का सेवन कर सकते हैं ।

पोटेशियम से भरपूर सब्जियों और फल को रोजाना खाद्य पदार्थ में शामिल करें , एक अध्ययन के अनुसार यह ज्ञात हो चुका है कि जो पोटेशियम युक्त खाना अधिक खाते हैं उनको किडनी के पथरी होने का आधा खतरा टल जाता है ।

कॉफी पीना छोड़ दें - कैफीन में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है , जो पथरी ( kidney stone) के खतरे को बढ़ा देता है ।

यदि आप जान गए है कि आपको हुए पथरी रोग का कारण कैल्शियम ऑक्सलेट है , जो कि पेशाब जाँच से जाना जा सकता है , तो आपको कैल्शियम ऑक्सलेट पायें जाने वाले खाद्य पदार्थ का परहेज करना चाहिए , पालक , चॉकलेट , गेंहू की भुसी, मूंगफली , स्ट्राबेरी , रसभरी , और ब्लैक टी में कैल्शियम ऑक्सलेट भरपूर मात्रा में पायें जाते है , तो इनका परहेज करना आवश्यक है , यही नही और भी बहुत से पदार्थ है , जिनमे इसकी मात्रा पाई जाती है , जिसका परहेज करने के लिए आपको जांचना आवश्यक है ।

यदि आप भूतपूर्व किडनी स्टोन ( पथरी) के रोगी रह चुके है , मगर वर्तमान में स्वस्थ हैं , तो भी अपने मूत्र को क्षारीय रखना जरूरी है , ताकि दोबारा पथरी होने से रोका जा सके । ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें जिसमे एसिड की मात्रा को बढ़ाते हो , जैसे कि छोटी मछली ( एन्कोवीज , सार्डिन), आर्गन मांस ,ब्रेवर यीस्ट इत्यादि का सेवन न करें । इस पदार्थो के अलावा मांस , दलिया , पालक , सेम फली , समुद्री मछलियां , और सुवर का मांस खासकर लेगपीस (सभी पदार्थ को मिलाकर) का सेवन एक दिन में  85 ग्राम से अधिक न करें ।

कैल्शियम ऑक्सलेट पथरी बनाने तथा बाहर निकलने से रोकने में मदद करता है , क्योकि कैल्शियम आंत को ऑक्सलेट से बांधता है । और शरीर को शुद्ध ऑक्सलेट अवशोषण करने से रोकता है ।
इसीलिए कैल्शियम युक्त पदार्थो का अधिक सेवन करने से बचें , दूध , पनीर , दही , मूंगफली और बीज वाले पदार्थों में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है , इसीलिए पथरी के रोगियों को इनका परहेज करना चाहिए । तथा अगर आपको यह पदार्थ का सेवन करना है तो भोजन के पहले या बाद में करें , भोजन के साथ या बीच मे इनका सेवन बहुत ज्यादा हानिकारक हैं ।

पथरी के कई रोगियों को देखा गया है कि वह होम ट्रीटमेंट के दौरान कपड़े या एक सघन जालीदार कपड़े का इस्तेमाल करते है , शायद आप इस बारे में नही जानते होंगे तो आपको बता दूं कि वह पथरी के टुकड़ो को पकड़ना चाहता है , ताकि डॉक्टर के पास ले जाकर जांच कराया जा सके , की उनकी पथरी किस रासायनिक पदार्थ से बना हुआ है , अगर इसका पता लगाया जा सकता है तो पथरी को बाहर निकालने और नया पथरी बनने से रोका जा सकता है , तथा यह भी ज्ञात किया जा सकता है कि , किस तरह का खाद्य पदार्थ खाना है , और किस तरह के खाद्य का परहेज करना है ।

क्या मुझे डॉक्टर को बुलाना चाहिए?

अधिकांश किडनी के पथरी बिना डॉक्टर  के सहायता के निकल जाती हैं , लेकिन पहली बार कोई पथरी के दर्द से गुजर रहा है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना बेहद जरूरी  है , अगर यह दर्द किसी को पहली बार होगा तो वह अवश्य रूप से यह जानना चाहेंगा , क्योकि पथरी के दर्द में चक्कर आना , उल्टी होना , खूनी या दूधिया सफेद पेशाब का निकलना , शामिल हैं , पेशाब लगता है मगर मूत्र बाहर नही निकल पाता , कई रोगियों को बुखार और ठंड भी लगते है जो संक्रमण के कारण हो सकते हैं , तेज दर्द होने पर शांत न रहे , रोगी को डॉक्टर के पास ले जाये , तथा गम्भीर मामले में अस्पताल में भर्ती कर दें , एम्बुलेंस या अन्य वाहनों से अस्पताल ले जाते समय दर्द निवारक इंजेक्शन या टैबलेट खिलाएं ।



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