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महाभारत के बारे में रोचक तथ्य
आपने कहीं ना कहीं महाभारत का नाम सुना ही होगा ,क्योंकि महाभारत वह कथा है जिसमें संपूर्ण ज्ञान की बातें लिखी गई है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कथा में भगवान श्रीकृष्ण की मौजूदगी को दर्शाया गया है,
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तथा धर्म अर्थ काम और मोक्ष की जानकारी दी गई है, तथा महिलाओं के सम्मान को महत्व दिया गया है , गोरे-काले , अमीर- गरीब ,रोगी-निरोगी, निर्धन -धनवान, इत्यादि भेदभाव को मिटाने के लेख लिखे गए हैं ,
जो की कहानी के माध्यम से है ,और सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बात यह है कि आज तक विश्व में महाभारत से बड़ा लेख या ग्रंथ मौजूद नहीं है , यह एक ऐसी ग्रंथ है जिसमें हर एक चीज को एक कहानी के माध्यम से समझाया गया है
ताकि लोगों को आसानी से समझ में आ जाए, कोई भी ज्ञान की बातें या उद्देश सामान्यतः समझ में नहीं आती है या व्यक्ति समझ नहीं पाता है , लेकिन अगर उसी को कहानी के माध्यम से समझाया जाए ,
कोई उदाहरण देकर समझाया जाए तो वह बेहतर तरीके से समझता है, इसी तरीके को अपनाते हुए महाभारत ग्रंथ का निर्माण किया गया है , आदि पर्व में भूतपूर्व कहानियों का उल्लेख करके 9000 श्लोक में भूतपूर्व बातों को बताया गया है ,
सभा पर्व में राजदरबार तथा सभा के बारे में बताया गया है , वन पर्व में जंगल से संबंधित कहानियां तथा जंगल में निवास करने वनवास की कहानियों से संबंधित बातें बताई गई है , इसी प्रकार विराट पर्व में राजा विराट के बारे में उल्लेख किया गया है
तथा उनके राजपाट के बारे में भी बताया गया है , उद्योग पर्व में मेहनत करने उद्योग करने से संबंधित जानकारी दी गई है , इसी प्रकार स्त्री पर्व में महिला का सम्मान के बारे में बताया गया है , शांति पर्व में शांति स्थापित करने से संबंधित तथा अनुशासन पर्व में अनुशासन से संबंधित , अश्वमेध पर्व में अश्वमेघ यज्ञ के बारे में बताया गया है ,
तथा उनके नियम कानून के बारे में बताया गया है , आश्रम वासिक पर्व में आश्रम में निवास करने वाले तथा चारों आश्रम ( ब्रम्हचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ और संन्यास ) से संबंधित लेख मौजूद है और महाप्रस्थानिक पर्व में प्रस्थान करने के संबंधित कथाओं का उल्लेख है तथा स्वर्गारोहण पर्व में पांचो पांडव और द्रौपदी के स्वर्ग जाने की कहानियों का उल्लेख किया गया है, तथा महाभारत के कुछ ऐसे विशेष बातें हैं ,
जिन्हें बहुत से लोग नहीं जानते तो चलिए इन पर एक विशेष दृष्टि डालते हुए देखते हैं
महाभारत के रोचक तथ्य के बारे में
1 -महाभारत में एक लाख से अधिक श्लोक हैं इसीलिए इसको शत सहस्त्री संहिता कहते हैं ।
2 - महाभारत में 18 पर्व अध्याय हैं
3 - महाभारत महा ग्रंथ के नायक युधिष्ठिर है
4 - महाभारत एक ऐतिहासिक महाकाव्य है
5 - महाभारत ग्रंथ का सबसे बड़ा पर्व शांति पर्व है शांति पर्व में 14000 श्लोक उपलब्ध है
6 - महाभारत ग्रंथ की सबसे छोटा पर्व महाप्रस्थानिक पर्व है इस महाप्रस्थान इस पर्व में मात्र 1500 श्लोक है ।
7 - महाभारत के लेखक वेदव्यास है
8 - वेदव्यास के पिता पराशर ऋषि और माता सत्यवती थी
9 - हरिवंश पुराण भी महाभारत का भाग है
10 - वेदव्यास को कृष्ण दैयापन और कृष्ण मुनि भी कहा जाता है कुछ लोग बद्रायण भी कहते हैं
11 - महाभारत विश्व का सर्वाधिक विशाल ग्रंथ है
12 - महाभारत से ही गीता ,अनु गीता, विष्णु सहस्त्रनाम , गजेंद्र मोक्ष , भीष्म स्तवराज नामक पाठ स्त्रोत ग्रंथ निकले हैं इन पांचों को पंचरत्न कहते हैं
13 - महाभारत तथा रामायण आर्ष महाकाव्य है , जिनका प्रणयन ऋषि करते हैं , उसे आर्ष काव्य कहते हैं ।
14 - महाभारत को पहले जय , फिर भारत और फिर पुनः महाभारत की संज्ञा दी गई , ।
जय - भारत - महाभारत
15 -श्रीमद् भागवत गीता महाभारत के भीष्म पर्व का अंश है
16 - महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला
17 - महाभारत में शांत रस की प्रधानता है
महाभारतके 18 पर्व और श्लोकों की संख्या
(१) आदि पर्व 9000 श्लोक
(२) सभा पर्व
(३) वन पर्व
(४) विराट पर्व 2700 श्लोक
(५) उद्योग पर्व 7100 श्लोक
(६) भीष्म पर्व 6100 श्लोक
(७) द्रोण पर्व 10000 श्लोक
(८) कर्ण पर्व
(९) शल्य पर्व 3700 श्लोक
(१०) सौप्तिक पर्व ,
(११) स्त्री पर्व
(१२) शांति पर्व 14000 स्लोक
(१३) अनुशासन पर्व
(१४) आश्व मेधिक पर्व ,
(१५) आश्रम वासिक पर्व
(१६) मौसल पर्व
(१७) महाप्रस्थानिक पर्व 1500 श्लोक
(१८) स्वर्गारोहण पर्व।
महाभारत युद्ध के सेनापति के नाम और समय
★भीष्म 10 दिन तक
★ द्रोणाचार्य 5 दिन तक
★कर्ण 1 दिन तक
★ शल्य 1 दिन तक (मुख्यतः आधे दिन तक ही रहे)
महाभारतके प्रमुख उपाख्यान
● शकुंतलो उपाख्यान आदि पर्व
★जलोर्प उपाख्यान वन पर्व
★रामोउपाख्यान वन पर्व ,
★शिवि उपाख्यान वनपर्व
★सावित्री उपाख्यान वन पर्व
महाभारत पर आधारित ग्रंथ और लेखक
★किरितर्जुनियम - भारवी
★शिशुपाल वध - माघ ,
★नैषधिम चरित - श्रीहर्ष ,
★वेणी संहार - भट्टनारायणं ,
★अभिज्ञान शाकुंतलम - कालिदास ,
★दूतवाक्य - भास ,
★कर्णभार - भास ,
★नलचम्पू - त्रिविक्रम भट्ट ।
(22) श्रीमद भगवत गीता महाभारत का अंश है यह भीष्म पर्व के अध्याय 25 से 42 का भाग है ।
(23) श्रीमद भगवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक है और सभी श्लोक अनुष्टुप छंद में है ।
(24 )ब्रह्म सूत्र , उपनिषद तथा गीता को प्रस्थान यत्री कहते हैं ।
(25 ) गीता पर सर्वाधिक प्राचीन एवं प्रचलित भाष्य " शांकर भाष्य " है
(26 ) भगवत गीता का सबसे बड़ा अध्याय मोक्ष सन्यास योग नामक 18 अध्याय है इसमें श्लोकों की संख्या 78 है ।
इस लेख में महाभारत के रोचक तथ्य की जानकारी दी गई है तथा यह संपूर्ण जानकारी नहीं है इस पृष्ठ की लेखन कार्य जारी है । यह लेख महाभारत ग्रन्थ में मौजूद जानकारी के आधार पर लिखा गया है.
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